वाशिंगटनः अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यमन के हूती विद्रोहियों पर शनिवार को बड़े पैमाने पर सैन्य हमले शुरू किए, जिसमें कम से कम 24 लोगों की मौत हुई है। यह हमला रेड सी (लाल सागर) में अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय जहाजों पर हूतियों द्वारा किए जा रहे हमलों के जवाब में किया गया है। अमेरिकी प्रशासन ने इसे एक लंबी सैन्य कार्रवाई की शुरुआत बताया है, जो आने वाले कई दिनों तक जारी रह सकती है।

ट्रंप ने सोशल मीडिया ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया, "आतंकवादियों के ठिकानों, नेताओं और मिसाइल सुरक्षा पर हवाई हमले अमेरिकी शिपिंग, वायु और नौसैनिक संपत्तियों की रक्षा करने और नौवहन स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए थे।"

ट्रंप की कड़ी चेतावनी- अब नर्क बरसेगा

उन्होंने हूती विद्रोहियों और उनके समर्थक ईरान को खुली चेतावनी देते हुए कहा, "सभी हूती आतंकियों, तुम्हारा समय अब खत्म हो गया है। हमले आज से ही बंद करो, वरना तुमने ऐसा नर्क कभी नहीं देखा होगा जो अब तुम पर टूटेगा।" उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर ईरान ने अमेरिका को धमकाया, तो अमेरिका उसे पूरी तरह जिम्मेदार ठहराएगा और बिल्कुल नरमी नहीं बरतेगा।

ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर कहा कि अमेरिका हूतियों के खिलाफ "निर्णायक और घातक सैन्य बल" का प्रयोग तब तक करता रहेगा जब तक लक्ष्य पूरा नहीं हो जाता। 

हवाई हमलों में नागरिक भी मारे गए

हूती टीवी चैनल अल-मसीरा ने हूती नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के हवाले से बताया कि सना में अमेरिकी हमलों में 13 नागरिकों की मौत हुई और 9 अन्य घायल हुए। वहीं, सादा प्रांत में हुए एक अन्य हमले में 11 लोग मारे गए, जिनमें चार बच्चे और एक महिला शामिल हैं। इस हमले में 14 लोग घायल भी हुए हैं। अल-मसीरा टीवी टीवी द्वारा प्रसारित एक बयान में हूती नेताओं ने इन हमलों को युद्ध अपराध करार दिया और चेताया कि हर हमले का जवाब दिया जाएगा।

हूती विद्रोहियों ने कहा कि अमेरिकी हमले का जवाब दिया जाएगा और वे गाजा में इजराइल के खिलाफ संघर्ष कर रहे फिलिस्तीनियों के समर्थन में अपनी कार्रवाइयाँ जारी रखेंगे। उन्होंने दोबारा चेतावनी दी, "हमारा सशस्त्र बल हर हमले का जवाब देगा।"

नवंबर से ही रेड सी में जहाजों पर हमले कर रहे हूती विद्रोही

हूती विद्रोही बीते नवंबर से रेड सी और आस-पास के समुद्री क्षेत्रों में दर्जनों जहाजों पर हमले कर रहे हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) के अनुसार, हूतियों ने अब तक अमेरिकी युद्धपोतों पर 174 और वाणिज्यिक जहाजों पर 145 बार हमले किए हैं। उनका दावा है कि वे ये हमले गाजा में इजराइल के खिलाफ हमास के संघर्ष में एकजुटता दिखाने के लिए कर रहे हैं।

ट्रंप प्रशासन ने ईरान को भी चेताया कि वह हूतियों को समर्थन देना बंद करे। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से बात कर उन्हें यमन में अमेरिकी हमलों की जानकारी दी। यह संकेत है कि अमेरिका रूस के साथ अपने संबंध सुधारने की दिशा में प्रयासरत है।

व्यापक सैन्य अभियान की शुरुआत

अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ने जानकारी दी कि हमले USS Harry S. Truman एयरक्राफ्ट कैरियर से भेजे गए लड़ाकू विमानों के जरिए किए गए। सेंट्रल कमांड के अनुसार, यह यमन में बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान की शुरुआत है और "अमेरिकी हितों की रक्षा, दुश्मनों को रोकने और नौवहन की स्वतंत्रता बहाल करने" के लिए किया गया है।