अटलांटा: अमेरिका के उत्तरी जॉर्जिया जिला अदालत ने शुक्रवार को 133 अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अस्थायी राहत देते हुए उनके सेविस (स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इन्फॉर्मेशन सिस्टम) रिकॉर्ड को बहाल करने का आदेश दिया है। इन छात्रों के कानूनी दर्जे को अचानक समाप्त कर दिया गया था, जिससे वे निर्वासन के खतरे में आ गए थे।
इस फैसले के तहत अदालत ने होमलैंड सुरक्षा विभाग (डीएचएस) को आदेश दिया कि वह छात्रों के सेविस रिकॉर्ड को 31 मार्च 2025 से पूर्व प्रभाव से बहाल करे और उनकी व्यक्तिगत जानकारी को इस मुकदमे की प्रक्रिया से बाहर साझा न किया जाए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि अमेरिकी सरकारी एजेंसियां मंगलवार तक आदेश के अनुपालन की सूचना दर्ज करें।
ये सभी छात्र एफ-1 वीजा धारक हैं और अमेरिका की विभिन्न यूनिवर्सिटियों में सक्रिय रूप से नामांकित थे। कई छात्र अपनी पढ़ाई के अंतिम चरण में थे, और कुछ वैकल्पिक व्यावहारिक प्रशिक्षण (ओपीटी) के तहत कानूनी रूप से काम कर रहे थे। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) क्षेत्रों से जुड़े छात्रों के लिए ओपीटी की अवधि दो वर्षों तक बढ़ाई जाती है।
बिना उचित सूचना के सेविस रिकॉर्ड खत्म किए गएः छात्र
छात्रों ने अदालत में अर्जी देकर आरोप लगाया कि संघीय आव्रजन एजेंसियों ने मनमाने तरीके से और बिना उचित सूचना दिए उनका सेविस रिकॉर्ड समाप्त कर दिया। उन्हें 1 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच नोटिस भेजे गए थे, जिनमें रिकॉर्ड समाप्ति के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि, वीजा निरस्तीकरण या वैध स्थिति बनाए रखने में विफलता का हवाला दिया गया था।
छात्रों का कहना है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद और प्रक्रियात्मक रूप से अनुचित थे। वे सभी कानूनी रूप से वीजा की शर्तों का पालन कर रहे थे और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था।
अदालत ने सरकारी एजेंसियों पर की सख्त टिप्पणी
अपनी याचिका में छात्रों ने प्रशासनिक प्रक्रिया अधिनियम (एपीए) और संविधान के पांचवें संशोधन (नियत प्रक्रिया खंड) का उल्लंघन होने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उन्हें न तो उचित कानूनी सूचना दी गई, न ही अपनी बात रखने का अवसर मिला।
जिला न्यायाधीश विक्टोरिया मैरी कैल्वर्ट ने अपने फैसले में कहा कि "केवल वीजा निरस्तीकरण से किसी व्यक्ति का वैध आव्रजन दर्जा समाप्त नहीं हो जाता, और इसे सेविस रिकॉर्ड समाप्ति का आधार नहीं बनाया जा सकता।" उन्होंने कहा कि सार्वजनिक हित में यह जरूरी है कि सरकारी एजेंसियां संवैधानिक और वैधानिक सीमाओं के भीतर कार्य करें।
छात्रों की ओर से केस लड़ने वाले आव्रजन वकील चार्ल्स कक ने कहा, "ट्रंप प्रशासन की ओर से अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रति आव्रजन नीतियों की अनदेखी न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि खतरनाक भी है। इससे वैश्विक प्रतिभाओं का अमेरिका से मोहभंग होगा, जो देश के लिए नुकसानदेह है।"
उन्होंने कहा कि अगर अदालत समय पर हस्तक्षेप न करती, तो इन छात्रों को हिरासत, स्कॉलरशिप और नौकरियों का नुकसान और गंभीर मानसिक तनाव झेलना पड़ता।
‘प्राइवेसी एक्ट’ का सहारा नहीं ले सकते अंतरराष्ट्रीय छात्र
सरकार की इस दलील को अदालत ने खारिज कर दिया कि छात्र ‘प्राइवेसी एक्ट’ के तहत राहत ले सकते थे। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह कानून केवल अमेरिकी नागरिकों और ग्रीन कार्ड धारकों पर लागू होता है, अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर नहीं।
न्यायाधीश कैल्वर्ट ने कहा कि यह मामला सिर्फ छात्रों की सुरक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी अहम है कि सरकारी एजेंसियां कानून के तहत ही काम करें। उन्होंने पिछले कुछ मामलों का हवाला देते हुए कहा कि सेविस से जुड़े मामलों में न्यायपालिका की निगरानी आवश्यक है।