न्यूयॉर्कः 2008 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिकी कोर्ट ने झटका देते हुए प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी याचिका ठुकरा दिया है। अमेरिकी अपील कोर्ट ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच की प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
15 अगस्त के अपने फैसले में अमेरिकी कोर्ट ने माना कि भारत ने राणा के खिलाफ प्रत्यर्पण के लिए जो सबूत रखे हैं वे ठोस हैं। तीन जजों के पैनल ने कहा कि एक सह-षड्यंत्रकारी के पक्ष में समझौते ने एक अलग परिणाम की आवश्यकता नहीं थी। जजों के पैनल ने माना कि गैर बिस इन इडेम अपवाद लागू नहीं होता क्योंकि भारतीय आरोपों में उन अपराधों से अलग तत्व थे जिनके लिए राणा को अमेरिका में बरी कर दिया गया था।
अपने फैसले में, पैनल ने यह भी माना कि भारत ने पर्याप्त सक्षम सबूत प्रदान किए हैं ताकि मजिस्ट्रेट जज की इस बात की संभावना का समर्थन किया जा सके कि राणा ने अपराध किए हैं। तीन पैनल न्यायाधीशों में मिलान डी स्मिथ, ब्रिजेट एस बेड और सिडनी ए फिट्जवाटर थे।
मालूम हो कि राणा को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया था। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों द्वारा मुंबई में किए गए हमले में उसकी भूमिका थी। हमले में छह अमेरिकी समेत 164 लोग मारे गए थे।
भारत को सौंपे जाने से बचने के लिए तहव्वुर राणा ने अमेरिका की कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण दायर की थी। बंदी प्रत्यक्षीकरण का इस्तेमाल किसी व्यक्ति को अवैध रूप से कस्टडी में रखे जाने को लेकर किया जाता है। हालांकि लॉस एंजिलिस की जिला अदालत ने कहा कि भारत ने जिन आरोपों को आधार बनाकर तहव्वुर के प्रत्यर्पण की मांग की है, उन्हें देखते हुए उसके प्रत्यर्पण की इजाजत दी जा सकती है।
तहव्वुर राणा ने अदालत के इस फैसले को नौवीं सर्किट कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसपर 15 अगस्त को फैसला आया। पैनल ने माना भारत ने पर्याप्त सक्षम सबूत प्रदान किए हैं। और अमेरिका के बीच की प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है। हालांकि तहव्वुर राणा के पास अभी भी प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने का मौका है।
गौरतलब है कि अमेरिका व भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि है। इसी के आधार पर भारत ने उसके प्रत्यर्पण की मांग की थी। उसे 2011 में शिकागो में लश्कर को सहायता प्रदान करने का दोषी ठहराया गया था, जिसने मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाई थी। अदालत में अभियोजकों ने तर्क दिया कि राणा जानता था कि उसके बचपन के दोस्त पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली का लश्कर के साथ संबंध है।
मुंबई में हमले को अंजाम देने के लिए उसने लश्कर की मदद की। राणा इस बात से भी वाकिफ था कि हेडली की बैठकों में क्या चर्चा होती थी, इसमें हमलों की योजना के साथ-साथ लक्ष्य भी शामिल थे।
कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचावतनी में हुआ था, और अटक जिले के हसन अब्दाल में एक सैन्य आवासीय कॉलेज कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से उसने चिकित्सा की डिग्री प्राप्त की। इसी कॉलेज में उसकी मुलाकात हेडली से हुई, जो बाद में आईएसआई का बड़ा ऑपरेटिव बन गया।
पेशे से एक चिकित्सक, राणा ने पाकिस्तान आर्मी मेडिकल कोर में एक कप्तान जनरल ड्यूटी प्रैक्टिशनर के रूप में कार्य किया। राणा और उनकी पत्नी, जो एक चिकित्सक भी हैं, 1997 में कनाडा आ गए और जून 2001 में कनाडा की नागरिकता प्राप्त की। वे मुख्य रूप से शिकागो में रहते हैं और एक आव्रजन सेवा एजेंसी सहित कई व्यवसायों के मालिक हैं।