वाशिंगटन: अमेरिका में मिडिल क्लास के लोगों के लिए टैक्स पर बड़ा फैसला लिया गया है। सीनेट के बाद हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स से भी डोनाल्ड ट्रंप का 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' पास हो गया। हालांकि, वोटों का अंतर बहुत कम रहा। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स इसे 218-214 वोटों से पास किया गया। रिपब्लिकन के दो सांसदों ने भी बिल के विरोध में वोट किया। अमेर

इसके अलावा सभी 212 डेमोक्रेट्स ने इसके खिलाफ वोट किया। इस वजह से बिल के खिलाफ वोटों की कुल संख्या 214 और पक्ष में 218 रही। यह बिल कई मायनों में अमेरिकी लोगों को प्रभावित करेगी। साथ ही अमेरिका में रह रहे भारतीय भी इससे प्रभावित होंगे। क्या है ये बिल और अमेरिका मे रह रहे भारतीयों पर इसका क्या असर होगा, आईए जानते हैं।

क्या है वन बिग ब्यूटीफुल बिल?

इस बिल में कई अहम बातें शामिल हैं। इसमें टैक्स कटौती और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर खर्च में कटौती का प्रस्ताव है। इसके अलावा बिल में डिफेंस और बॉर्डर सिक्यूरिटी पर खर्च बढ़ाने की भी बात है। बिल पास होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने समर्थकों के बीच जश्न मनाते हुए देखा गया। इस बिल में टिप्स और ओवरटाइम पर कोई टैक्स न लगाए जाने का प्रस्ताव है। अब इस बिल पर ट्रंप हस्ताक्षर करेंगे और यह कानून बन जाएगा।

ट्रंप ने अपने संबोधन में कहा, 'अमेरिका के लिए स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इससे बेहतर तोहफा कोई नहीं हो सकता जितना 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' है। इस बिल के साथ 2024 में आयोवा की जनता से किए गए मेरे हर बड़े वादे को पूरा किया गया है।'

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'जैसा कि मैंने वादा किया था, हम ट्रंप टैक्स कट्स को स्थायी बना रहे हैं और अब न तो टिप्स पर टैक्स होगा, न ओवरटाइम पर टैक्स और न ही सोशल सिक्योरिटी पर टैक्स लगेगा। आयोवा के लिए सबसे अहम ये है कि यह बिल 20 लाख से अधिक पारिवारिक फार्मों को तथाकथित एस्टेट टैक्स या 'डेथ टैक्स' से बचाता है।'

डोनाल्ड ट्रंप ने 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' के पारित होने की सराहना की। उन्होंने इसे अमेरिका के "नए स्वर्ण युग" की शुरुआत बताया और शुक्रवार शाम को व्हाइट हाउस में हस्ताक्षर समारोह की घोषणा की।

बताते चलें कि इसी बिल की वजह से डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के बीच दरार भी पड़ी। दरअसल वन बिग ब्यूटीफुल बिल में नई या पुरानी इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर मिलने वाली टैक्स छूट को 30 सितंबर, 2025 तक खत्म करने की बात कही गई है। इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी टेस्ला के मालिक मस्क को इस बात से आपत्ति थी। अब तक नई इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने पर सरकार 7,500 डॉलर तक की टैक्स छूट देती थी।

अमेरिका में रह रहे भारतीयों पर क्या होगा असर?

इस बिल के मूल प्रस्ताव में भारत जैसे अन्य देशों को भेजे जाने वाले धन पर 5 प्रतिशत कर लगाया गया था। हालांकि अब बिल के अंतिम संस्करण में इसे घटाकर सिर्फ 1 प्रतिशत कर दिया गया है, जिससे अमेरिका में रहने वाले लगभग 45 लाख भारतीयों को काफी राहत मिलेगी, जिनमें 32 लाख भारतीय मूल के हैं। 

यह नियम उन अमेरिकी निवासियों पर लागू होगा जो वहां के नागरिक नहीं हैं, जिनमें ग्रीन कार्ड धारक, H-1B और H-2A वीजा धारक और अंतर्राष्ट्रीय छात्र शामिल हैं।

यह कर नकदी, मनीऑर्डर या कैशियर चेक के माध्यम से किए गए हस्तांतरण पर लागू होगा। लेकिन वित्तीय संस्थानों से किए गए हस्तांतरण या अमेरिका द्वारा जारी डेबिट/क्रेडिट कार्ड के माध्यम से वित्तपोषित हस्तांतरण इससे मुक्त रहेंगे।

अपने देश पैसे भेजने पर टैक्स कैसे करेगा भारतीयों को प्रभावित

बिल के पहले मसौदे में कर प्रावधान को घटाकर 3.5 प्रतिशत कर दिया गया था, लेकिन 27 जून को जारी सीनेट समर्थित अंतिम संस्करण में इसे घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया गया। यह टैक्स 31 दिसंबर, 2025 के बाद किए गए हस्तांतरणों पर लागू होगा।

अमेरिका में रहे भारतीय के माध्यम से धन आना भारत के लिए विदेशी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। यह यहां लाखों परिवारों को सहयोग देता है और सहायता प्रदान करता है। साथ ही अर्थव्यवस्था में इसकी अहम भूमिका है।

माइग्रेशन पॉलिसी इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2023 तक, लगभग 29 लाख भारतीय अमेरिका में रह रहे थे, जो उन्हें वहां दूसरा सबसे बड़ा अप्रवासी समूह बनाता है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में, भारत को रिकॉर्ड 129 बिलियन डॉलर का धन विदेश से प्राप्त हुआ, जो दुनिया में सबसे अधिक है। इसमें से 28 प्रतिशत अकेले अमेरिका से आया। मेक्सिको 68 बिलियन डॉलर से थोड़े अधिक के साथ दूसरे स्थान पर था।

भारत में केरल, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में विदेश से धन न केवल सहायक है, बल्कि यह रोजमर्रा के जीवनयापन और वित्तीय स्थिरता के लिए भी जरूरी है।