रूस के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है यूक्रेन: चीन

कुलेबा की चीन यात्रा ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस सप्ताह की शुरुआत में वेटिकन के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से कहा था कि वह जल्द से जल्द संघर्ष समाप्त करना चाहते हैं।

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Ukraine ready for peace talks with Russia to end war says China

रूस के साथ शांति वार्ता के लिए तैयार है यूक्रेन: चीन (फोटो-IANS)

बीजिंग: यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के दौरान कहा कि यूक्रेन रूस के साथ संघर्ष समाप्त करने और एक न्यायपूर्ण तथा स्थायी शांति के लिए बातचीत के लिए तैयार है। चीनी अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी गई है।

रूसी मीडिया ने रिपोर्ट में क्या कहा है

रूसी मीडिया आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार को यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शीर्ष यूक्रेनी राजनयिक की चीन यात्रा के एजेंडे के बारे में जानकारी साझा की। फरवरी 2022 में संघर्ष की शुरुआत के बाद यह वांग के साथ उनकी पहली वार्ता है।

माओ ने बताया कि मॉस्को-कीव संघर्ष एजेंडे में शीर्ष पर था। कुलेबा ने कहा कि यूक्रेन रूस के साथ वार्ता और समझौता करने के लिए तैयार है। माओ ने कहा कि वार्ता तर्कसंगत और ठोस होनी चाहिए जिसका उद्देश्य न्यायपूर्ण और स्थायी शांति हासिल करना हो।

रूस के साथ संघर्ष को लेकर राष्ट्रपति जेलेंस्की ने क्या कहा था

कुलेबा की चीन यात्रा ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस सप्ताह की शुरुआत में वेटिकन के विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से कहा था कि वह जल्द से जल्द संघर्ष समाप्त करना चाहते हैं।

साथ ही उन्होंने रूस के साथ बातचीत के लिए तत्परता का संकेत दिया था। उनका रुख उनके 2022 के रुख के विपरीत था जिसमें मॉस्को में मौजूदा नेतृत्व के साथ सभी वार्ताओं को खारिज कर दिया गया था और फिर उनके शांति फॉर्मूले को रूसी नेतृत्व ने "भ्रमपूर्ण" बताकर खारिज कर दिया था।

रूस के लिए चीन ने स्विट्जरलैंड शांति शिखर सम्मेलन में नहीं लिया था हिस्सा

जून में यूक्रेन ने स्विट्जरलैंड में शांति शिखर सम्मेलन में भाग लिया था, जिसमें जेलेंस्की के फॉर्मूले के कई बिंदुओं पर चर्चा की गई थी। हालांकि इसमें मॉस्को को आमंत्रित नहीं किया गया था और बीजिंग ने भी इस कार्यक्रम से दूरी बनाई थी। उसका तर्क था कि रूस को इस प्रक्रिया का हिस्सा होना चाहिए।

(समाचार एजेंसी IANS की रिपोर्ट)

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