वाशिंगटनः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता पर रोक लगाने के फैसले को यूक्रेन की सरकार ने कड़ी निंदा की है। यूक्रेन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अमेरिका का यह फैसला यूक्रेन को रूस की ओर समर्पण करने की ओर धकेलता है। 

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने संसदीय विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष के हवाले से लिखा है " सहायता पर रोक वास्तव में खराब लग रही है। ऐसा लगता है कि वह कीव को समर्पण की ओर धकेल रहे हैं।"

ट्रंप और जेलेंस्की की मुलाकात के बाद लिया गया फैसला

अमेरिका की तरफ से यह फैसला उस वक्त हुआ है जब बीते दिनों ट्रंप और जेलेंस्की के बीच मुलाकात हुई थी। हालांकि, यह मुलाकात तीखी नोकझोंक में तब्दील हो गई थी। अमेरिका द्वारा दी जाने वाली सैन्य सहायता को अचानक बंद करने से कीव और उसके सहयोगियों को सदमे में डाल दिया है। इससे यूक्रेन के लिए रूस की आक्रमकता के आगे टिकने में और समस्याएं बढ़ गई हैं। 

डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से यूक्रेन को अमेरिका द्वारा दी जाने वाली सहायता पर संदेह व्यक्त करते रहे हैं। हालांकि ट्रंप ने पत्रकारों द्वारा सहायता पर रोक लगाने के सवाल पर कुछ नहीं कहा था। लेकिन सहायता के निलंबन की पुष्टि ने कीव और वाशिंगटन के अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी हैं। 

ट्रंप ने यह स्पष्ट किया है कि वह शांति पर केंद्रित हैं। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर एएफपी को बताया कि हमें अपने साझेदारों को भी उस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध होने की जरूरत है। हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी सहायता पर रोक रहे हैं और उसकी समीक्षा कर रहे हैं कि यह समाधान में योगदान दे रही है।

डेमोक्रेट्स ने की निंदा

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस रोक से यूक्रेन के लिए पहले से पाइपलाइन में मौजूद करोड़ों डॉलर मूल्य के हथियारों पर असर पड़ेगा। डेमोक्रेट्स के नेताओं ने इस कदम को खतरनाक और गैरकानूनी बताया है और इस फैसले की निंदा की है। 

व्हाइट हाउस में की गई टिप्पणी में ट्रम्प ने ज़ेलेंस्की के प्रति अपनी निराशा का संकेत देते हुए सुझाव दिया कि यूक्रेनी नेता को अमेरिकी सहायता की अधिक "सराहना" करनी चाहिए। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि मॉस्को के साथ युद्धविराम समझौते के बिना, ज़ेलेंस्की "बहुत लंबे समय तक नहीं रहेंगे।"

यूक्रेनी नेता ने सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कीव युद्ध को "जितनी जल्दी हो सके" समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन जोर देकर कहा कि सार्थक शांति वार्ता में यूक्रेन के लिए मजबूत सुरक्षा गारंटी शामिल होनी चाहिए।

जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि " 11 साल पहले यूक्रेन के लिए सुरक्षा गारंटी की कमी के कारण रूस को क्रीमिया पर कब्जा और डोनबास में युद्ध शुरू करने की अनुमति मिली थी फिर सुरक्षा गारंटी की कमी ने रूस को पूर्ण पैमाने पर आक्रमण शुरू करने की अनुमति दी।"