कीव/मॉस्कोः रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाले केर्च ब्रिज (क्रीमियन ब्रिज) एक बार फिर यूक्रेन के हमले का निशाना बना है। इस बार हमला बेहद असामान्य और अंडरवॉटर विस्फोट तकनीक से किया गया, जिसने सभी को चौंका दिया। यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने मंगलवार सुबह 4:44 बजे इस बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया।
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया, हमारे एजेंटों ने इस अवैध संरचना के आधार स्तंभों में विस्फोटक लगाए थे। और आज सुबह 4:44 बजे, बिना किसी नागरिक हताहत के, पहला विस्फोटक सक्रिय किया गया!
इस पोस्ट के साथ एक वीडियो भी साझा किया गया है, जिसमें पुल के एक सपोर्ट के पास विस्फोट होते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा एक तस्वीर भी जारी की गई है जिसमें पुल की रेलिंग को क्षतिग्रस्त दिखाया गया है।
यह वीडियो और तस्वीर, दोनों सीसीटीवी फुटेज से ली गई प्रतीत होती हैं। वीडियो में स्थानीय समयानुसार सुबह 6:22 बजे का टाइमस्टैम्प भी दिखाई दे रहा है। इस फुटेज के माध्यम से विस्फोट की स्थान-चिह्नित पुष्टि की गई है – यह घटना सड़क पुल के पूर्वी सिरे पर, एक मेहराबदार हिस्से के नीचे हुई है।
The Security Service of Ukraine has carried out a new, unique special operation and struck the Crimean Bridge for the third time — this time underwater!
— Defense of Ukraine (@DefenceU) June 3, 2025
The operation lasted several months. @ServiceSsu agents planted explosives on the supports of this illegal structure. And… pic.twitter.com/lgu6ANR3K1
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एसबीयू प्रमुख वासिल माल्युक के नेतृत्व में महीनों की तैयारी के बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि हमले में 1,100 किलोग्राम टीएनटी विस्फोटक पुल के अंडरवाटर सपोर्ट पर लगाया गया था। लिहाजा पुल की संरचना को गंभीर क्षति पहुंची है। यूक्रेनी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विस्फोट के बाद कुछ समय के लिए पुल पर यातायात बंद कर दिया गया था, जिसे बाद में सुबह 9 बजे के करीब आंशिक रूप से बहाल किया गया।
पहले भी दो बार ब्रिज को यूक्रेन बना चुका है निशाना
यह केर्च ब्रिज पर तीसरा बड़ा हमला है। इससे पहले 8 अक्टूबर 2022 को एक बारूद से भरे ट्रक के जरिए विस्फोट हुआ था, जिससे पुल में आग लग गई थी। जुलाई 2023 में समुद्री ड्रोन "सी बेबी" के माध्यम से हमला किया गया था, जिसमें पुल के दो हिस्से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए थे।
एसबीयू ने इस बार के हमले को अपनी रणनीतिक जवाबी कार्रवाई का हिस्सा बताया और कहा कि यह ऑपरेशन रूस की सप्लाई लाइन और सैन्य रसद को बाधित करने के उद्देश्य से किया गया है।
केर्च ब्रिज क्यों है इतना अहम?
केर्च ब्रिज, जिसे क्रीमियन ब्रिज भी कहा जाता है, रूस और क्रीमिया के बीच सड़क और रेल संपर्क का एकमात्र सीधा मार्ग है। यह पुल 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे के बाद युद्धस्तर पर बनाना शुरू किया गया था और 2018 में चालू किया गया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इसे अपना व्यक्तिगत परियोजना बताया था, और एक बार स्वयं कार चलाकर पुल का उद्घाटन भी किया था।
युद्ध के दौरान इस पुल के माध्यम से रूस ने भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और रसद सामग्री क्रीमिया और दक्षिणी यूक्रेन में भेजी है। यही वजह है कि यह पुल यूक्रेन की सैन्य रणनीति का प्रमुख लक्ष्य बना हुआ है।
इस हमले से कुछ ही दिन पहले, यूक्रेन ने रूस के न्यूक्लियर-कैपेबल रणनीतिक बमवर्षक विमानों को निशाना बनाकर हवाई हमला किया था। माना जा रहा है कि एसबीयू के इन हमलों का मकसद रूस की सैन्य क्षमताओं को भीतर से कमजोर करना और क्रीमिया की घेराबंदी को मजबूत करना है।
अब तक रूस की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालाँकि, पुल संचालक ने टेलीग्राम चैनल पर जानकारी दी कि धमाके के बाद ट्रैफिक रोका गया था, लेकिन कुछ घंटों में स्थिति नियंत्रण में आ गई।