वॉशिंगटन/डेट्रॉइटः अमेरिका में एफबीआई ने दो चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है, जिन पर एक खतरनाक जैविक फंगस ‘Fusarium graminearum’ की तस्करी करने और अमेरिकी कृषि-व्यवस्था को संभावित नुकसान पहुंचाने की साजिश का आरोप है।

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने इसकी पुष्टि करते हुए इसे 'कृषि आतंकवाद' से जुड़ा मामला बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि हम पुष्टि करते हैं कि एक चीनी नागरिक को अमेरिका में एक खतरनाक जैविक रोगजनक की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

क्या है यह फंगस क्यों है खतरनाक?

यह फंगस गेहूं, जौ, मक्का और चावल जैसे अनाजों में "हेड ब्लाइट" नामक बीमारी फैलाता है, जिससे इंसानों और पशुओं दोनों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। साथ ही यह वैश्विक स्तर पर हर साल अरबों डॉलर के आर्थिक नुकसान का कारण भी बनता है। इस रोग से फसलें सड़ जाती हैं और अनाज जहरीला हो जाता है।

गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम युनकिंग जिआन है, जो मिशिगन विश्वविद्यालय में शोध कर रही थीं। उनके साथ झुनयोंग लियू को भी इस साजिश में शामिल पाया गया है, जो चीन की एक यूनिवर्सिटी में इसी फंगस पर शोध करता है। एफबीआई के अनुसार, लियू ने पहले इस तस्करी से इनकार किया लेकिन बाद में स्वीकार किया कि उसने डेट्रॉइट मेट्रोपॉलिटन एयरपोर्ट से अमेरिका में यह फंगस लाया। जांच से यह भी सामने आया है कि जिआन को इस शोध के लिए चीनी सरकार से फंडिंग मिली थी और उसने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के प्रति निष्ठा भी जताई थी।

 

दोनों चीनी नागरिकों पर क्या आरोप लगे हैं?

जिआन और लियू पर साजिश रचना, अमेरिका में अवैध रूप से जैविक वस्तु तस्करी करना, झूठे बयान देना और वीजा धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, जिआन को मंगलवार दोपहर डेट्रॉइट की संघीय अदालत में पेश किया गया, जहां उसकी प्रारंभिक सुनवाई हुई। इस मामले की जांच अब भी जारी है।

काश पटेल ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि यह मामला इस बात का सशक्त संकेत है कि सीसीपी अमेरिकी संस्थानों में घुसपैठ और खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। इससे अमेरिकी नागरिकों और हमारी अर्थव्यवस्था को गंभीर खतरा हो सकता है। एफबीआई ने इस खतरे को अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर बताते हुए कहा कि हमारी टीम एफबीआई डेट्रॉइट और सीमा शुल्क एवं सुरक्षा विभाग (CBP) के साथ मिलकर सतर्कता से काम कर रही है और न्याय सुनिश्चित किया जाएगा।

यह घटना चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच सामने आई है। हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि चीन ने जिनेवा समझौते के तहत किए गए टैरिफ में कटौती के समझौते को तोड़ा है। इसके जवाब में चीन ने अमेरिका पर एकतरफा और भेदभावपूर्ण नीतियां अपनाने का आरोप लगाया, जिसमें एआई चिप्स पर नियंत्रण, डिजाइन सॉफ्टवेयर पर रोक और चीनी छात्रों के वीज़ा रद्द करना शामिल है। ट्रंप ने TruthSocial पर यह भी कहा कि अब वे चीन के साथ 'मिस्टर नाइस गाय' (शरीफ इंसान) नहीं रहेंगे।