पीएम मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने घोषणा की कि अब्दुल्ला मक्की मुस्लिह अल-रुफाई, जिसे अबू खदीजा के नाम से भी जाना जाता है, को शुक्रवार को इराकी सुरक्षा बलों ने एक ऑपरेशन में मार गिराया। वह इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट का प्रमुख था और उसे "इराक और दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक" माना जाता था। इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने एलान किया कि इस्लामिक स्टेट के प्रमुख अब्दल्लाह माकी मोसलेह अल-रिफाई को ढेर कर दिया गया है। इराक में एक सशक्त अभियान चलाया था और इस दौरान उसे मार गिराया गया। अब्दल्लाह माकी मोसलेह अल-रिफाई को 'अबु खदीजा' के नाम से भी जाना जाता था।
डोनाल्ड ट्रंप ने लिया अबू खदीजा के खात्मे का क्रेडिट
यह अभियान इराकी राष्ट्रीय खुफिया सेवा और अमेरिकी बलों ने मिलकर चलाया था। इराक के प्रधानमंत्री अल-सुदानी ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक बयान में कहा, 'इराक के लोग आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी प्रभावशाली जीत जारी रखे हुए हैं।' बयान में कहा गया कि अबु खदीजा आतंकवादी संगठन का ‘डिप्टी खलीफा’ था और इराक तथा विश्व के सबसे खतरनाक आतंकवादियों में से एक था।
🇺🇸CAUGHT ON VIDEO: President Trump Terminates ISIS Leader in Targeted Strike pic.twitter.com/2tr5QQOGEk
— The White House (@WhiteHouse) March 15, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार रात अपने सोशल मीडिया मंच 'ट्रुथ' पर कहा कि आईएसआईएस के भगोड़े कट्टरपंथी को आज इराक में मार दिया गया। हमारे साहसी योद्धाओं ने इराकी सरकार और कुर्दिश क्षेत्रीय प्रशासन के सहयोग से उसे खोजकर मार गिराया। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यह अभियान इराक के पश्चिमी प्रांत अनबर में संचालित किया गया। वहीं एक अन्य अधिकारी के अनुसार, अभियान बृहस्पतिवार की रात शुरू किया गया था लेकिन अल-रिफाई की मौत की पुष्टि शुक्रवार को हुई। अब व्हाइट हाउस ने अबू ख़दीजा पर कथित हमले का एक वीडियो अपलोड किया, वीडियो के साथ लिखा है, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले में आईएसआईएस आतंकी को खत्म कर दिया।'
इराक के लिए मोस्ट वॉन्टेड था खदीजा
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के अनुसार, 2024 की पहली छमाही में ISIS ने इराक और सीरिया में 153 हमले किए। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में दोगुना हो सकता है, जिससे यह साफ है कि आतंकवादी संगठन फिर से मजबूत होने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, बगदादी की मौत के बाद से ISIS का नेतृत्व लगातार अस्थिर बना हुआ है, क्योंकि उसके उत्तराधिकारी लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाए। इसके बावजूद, यह संगठन मध्य पूर्व, पश्चिम और एशिया में अपनी शाखाओं और गठजोड़ के जरिए बड़ा खतरा बना हुआ है।