'ट्रंप, मेलोनी और मोदी बात करें तो लोकतंत्र के लिए खतरा', इतालवी पीएम ने ऐसा क्यों कहा?

रविवार को वाशिंगटन में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (सीपीएसी) 2025 में बोलते हुए मेलोनी ने ट्रंप और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की तारीफ की की, जबकि 'अभिजात्य वर्ग' और वामपंथी नेताओं पर निशाना साधा।

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इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने वामपंथी राजनेताओं पर निशाना साधा। Photograph: (IANS)

वाशिंगटनः इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने वामपंथी राजनेताओं पर निशाना साधते हुए कि वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत से घबराए हुए हैं। उन्होंने दावा किया कि वामपंथियों द्वारा की जा रही ट्रंप, मोदी और खुद उनकी आलोचना सिर्फ लेफ्ट का दोहरा मापदंड है।  

रविवार को वाशिंगटन में कंजर्वेटिव पॉलिटिकल एक्शन कॉन्फ्रेंस (सीपीएसी) 2025 में बोलते हुए मेलोनी ने ट्रंप और अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की तारीफ की, जबकि 'अभिजात्य वर्ग' और वामपंथी नेताओं पर निशाना साधा।

मेलोनी ने कहा, "वामपंथी घबराए हुए हैं और ट्रंप की जीत के साथ उनकी चिड़चिड़ाहट उन्माद में बदल गई है - न केवल इसलिए कि रूढ़िवादी जीत रहे हैं, बल्कि इसलिए भी कि रूढ़िवादी वैश्विक स्तर पर सहयोग कर रहे हैं।"

दोहरे मापदंड का जिक्र

इतालवी पीएम ने दोहरे मापदंड का जिक्र करते हुए याद दिलाया कि किस तरह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की 1990 के दशक में वैश्विक उदारवादी नेटवर्क बनाने के लिए तारीफ की गई थी, जबकि ट्रंप, वो स्वयं, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिली और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं पर लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया जाता है।

मेलोनी ने कहा, "जब बिल क्लिंटन और टोनी ब्लेयर ने 90 के दशक में वैश्विक वामपंथी उदारवादी नेटवर्क बनाया था, तो उन्हें राजनेता कहा गया। आज, जब ट्रंप, मेलोनी, माइली या शायद मोदी बात करते हैं, तो उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा कहा जाता है। यह वामपंथियों का दोहरा मापदंड है।"

'लोग अब उनके झूठ पर विश्वास नहीं करते'

इतालवी पीएम ने कहा कि मीडिया और राजनीतिक हमलों के बावजूद रूढ़िवादी नेता चुनाव जीतते रहते हैं, क्योंकि 'लोग अब उनके झूठ पर विश्वास नहीं करते।'

मेलोनी ने कहा, "लोग भोले नहीं हैं जैसा कि वामपंथी उन्हें समझते हैं। वे हमें वोट देते हैं क्योंकि हम स्वतंत्रता की रक्षा करते हैं, हम अपने राष्ट्रों से प्यार करते हैं, हम सुरक्षित सीमाएं चाहते हैं, हम व्यवसायों और नागरिकों को वामपंथी पागलपन से बचाते हैं। हम परिवार और जीवन की रक्षा करते हैं, हम अपने विश्वास और अपनी मुक्त अभिव्यक्ति के पवित्र अधिकार की रक्षा करते हैं, और हम सामान्य ज्ञान के लिए खड़े होते हैं।"

(यह खबर समाचार एजेंसी आईएएनएस फीड द्वारा प्रकाशित है। शीर्षक बोले भारत डेस्क द्वारा दिया गया है)

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