वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कनाडा और मेक्सिको पर लगाए जाने वाले भारी टैरिफ को अस्थायी रूप से एक महीने के लिए टाल दिया है। इस फैसले की जानकारी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिबनाम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की।  

मेक्सिको को बदले में क्या करना होगा

मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिबनाम ने बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत के बाद मेक्सिको पर 25% टैरिफ फिलहाल टाल दिया गया है। उन्होंने कहा, "यह फैसला दोनों देशों के बीच हुए एक समझौते के तहत लिया गया है, जिसमें मेक्सिको 10 हजार नेशनल गार्ड सैनिकों को अमेरिका से लगी सीमा पर तैनात करेगा। इन सैनिकों का काम फेंटेनाइल की तस्करी रोकना और अवैध प्रवासियों पर नियंत्रण रखना होगा।"  

ट्रंप ने भी इस बातचीत की पुष्टि की। उन्होंने कहा, "मेक्सिको की राष्ट्रपति से अभी-अभी बेहद दोस्ताना बातचीत हुई है। वो तुरंत ही 10 हज़ार सैनिकों को सीमा पर भेजने को तैयार हो गई हैं। इसके बाद हम एक महीने के लिए टैरिफ़ रोकने पर सहमत हुए हैं।"  

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बताया कि उनकी सरकार ने भी अमेरिका के साथ सीमा की निगरानी बढ़ाने और फेंटेनाइल तस्करी रोकने की प्रतिबद्धता जताई है।  

टैरिफ विवाद की पृष्ठभूमि

ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में मेक्सिको, कनाडा और चीन पर क्रमशः 25%, 25% और 10% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। उनका तर्क था कि इन टैरिफ से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, नौकरियों की सुरक्षा होगी और कर राजस्व में वृद्धि होगी।  

हालांकि, इन घोषणाओं के बाद कनाडा और मेक्सिको ने भी अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाने की बात कही थी, जिससे व्यापारिक तनाव बढ़ गया था।  

टैरिफ से प्रभावित उत्पाद

टैरिफ के कारण अमेरिका में मेक्सिको से आने वाले फल, सब्जियां, शराब और बीयर जैसे उत्पाद महंगे हो सकते हैं। वहीं कनाडा से इस्पात, लकड़ी, अनाज और कार निर्माण के सामान की कीमतों में वृद्धि की संभावना है।  

वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इन टैरिफ के चलते अमेरिका में कारों की औसत कीमत 3,000 डॉलर तक बढ़ सकती है।  

ट्रंप ने संकेत दिया है कि यूरोपीय संघ और ब्रिटेन पर भी टैरिफ लगाए जा सकते हैं। हालांकि, उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टारमर से अच्छे संबंधों का हवाला देते हुए समाधान की संभावना जताई है।  

ब्रिटेन के व्यापार सचिव ने अमेरिका से अपील की है कि उनका देश टैरिफ से मुक्त रहे क्योंकि ब्रिटेन अमेरिका को दवाइयां, कारें और वैज्ञानिक उपकरण निर्यात करता है। दूसरी ओर, यूरोपीय संघ ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी टैरिफ का कड़ा जवाब देगा।