वाशिंगटनः डोनाल्ड ट्रंप सरकार कई बड़ी कंपनियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। ट्रंप प्रशासन परामर्शदाता कंपनियों जैसे बूज एलन हैमिल्टन कॉर्प और एसेंचर पीएलसी के खिलाफ अपनी जांच तेज कर रहा है।

इसके साथ ही प्रशासन इन कंपनियों से यह मांग कर रहा है कि कंपनियां अपने काम के बारे में स्पष्ट रूप से बताएं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनियां अपने काम को शब्दजाल या अस्पष्ट रूप में समझाने की बजाय साधारण शब्दों में समझाएं।

10 से अधिक कंपनियों से मांगी है रिपोर्ट

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मु्ताबिक, सामान्य सेवाओं के प्रशासन के नए शीर्ष अधिकारी जोश ग्रुएनबॉम ने 10 सबसे अधिक कमाने वाली कंपनियों को लिखा है कि सरकारी अनुबंधों के उनके अरबों डॉलर के बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है और खर्च को कम करने या खत्म करने की उनकी योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी का अनुरोध किया है। 

ग्रुएनबॉम ने कंपनियों को चेतावनी दी है कि स्कोरकार्ड न भेजें जिससे कि खर्च घटाने और बर्बादी का पता न चल सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बचत को उजागर करने में विफल रहने वाली कंपनियों की विश्वसनीयता में कमी होगी सरकार के मूल्य कटौती उद्देश्यों के साथ विसंगति का संदेश देगा। 

ग्रुएनबॉम इससे पहले एक इनवेस्टमेंट बैंकर रहे हैं। ट्रंप ने दोबारा सत्ता में वापसी के बाद उन्हें जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन (जीएसए) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। उन्होंने इन कंपनियों को 31 मार्च तक लागत घटाने संबंधी सुझाव भेजने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कंपनियों से सरल शब्दों में समझाने को कहा है कि "15 साल का बच्चा भी समझ सके।"

कंपनियों से अनुबंधों के बारे में मांगा गया ब्यौरा

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यह जीएसए द्वारा संघीय एजेंसियों को कहे जाने के बाद आया है डेलोइट कंसल्टिंग एलएलपी जैसी प्रमुख कंपनियों सहित कंसल्टेंसी के साथ अपने अनुबंधों को उचित ठहराने को कहा गया था। 

इस सप्ताह के शुरुआत में एसेंचर के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई। जब कंपनी ने बताया कि अमेरिकी सरकार के काम में मंदी है जो एलन मस्क डोज संघीय कार्यबल और बजट में कटौती करने के दबाव से जुड़ी है। सीईओ जूली स्वीट ने कहा कि संघीय सेवाओं ने एशेंचर से वैश्विक राजस्व का लगभग आठ प्रतिशत और अमेरिका के राजस्व का 16 प्रतिशत हिस्सा बना। 

इस बीच एलन मस्क के डोज की नज़र में एक और फ़र्म साइंस एप्लीकेशन इंटरनेशनल कॉर्प ने कहा कि उसके अनुबंधों पर अब तक बहुत कम असर हुआ है लेकिन प्रशासन द्वारा "कम खर्च, धोखाधड़ी और दुरुपयोग" के खिलाफ़ अपनी लड़ाई को तेज़ करने के कारण संभावित बदलावों को स्वीकार किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, संघीय सरकार ने साल 2023 में पेशेवर सेवाओं, तकनीकी सहयोग और अन्य कार्यों के लिए बाह्य फर्मों पर 759 बिलियन डॉलर यानी करीब 65 अरब 27 करोड़ रुपये खर्च किए। इसके समर्थक तर्क देते हैं कि आउटसोर्सिंग माध्यम से काम करवाले से पैसा बचता है। 

हालांकि अन्य फर्मों ने जीएसए के पत्र पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इन कंपनियों में आईबीएम, जनरल डाइनमिक्स, लेइडोस, एचआईआई मिशन टेक्नोलॉजीस् और सीजीआई फेडरल शामिल हैं। 

जीएसए ने इन परामर्शदाता कंपनियों से मांग की है कि साल 2019 से 2024 के बीच उनके कार्य के आधार, प्रकार और उनके मूल्यों के साथ विस्तार से फॉर्म भरकर जमा करने को कहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट यह भी बताती है कि जीएसए ने पहले ही कंपनियों के 1,700 कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर चुकी है।