शिक्षा की आड़ में चीन बांग्लादेश के युवाओं और बुद्धिजीवियों को बना रहा निशाना, अपना रहा ये तरीका!

चीन पर यह आरोप है कि यहां पढ़ने जाने वाले छात्रों में से कुछ छात्र गायब हो जाते हैं। यही नहीं चीन से वापस लौटने वाले छात्रों पर उसके एजेंट के रूप में काम करने का भी आरोप है। \r\n\r\n

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Through Center for Chinese Studies China accused of influencing Bangladesh youth getting trapped in debt trap using it new tool for human trafficking

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

ढाका: एक समय था जब पाकिस्तान ने बांग्लादेश को कमजोर करना चाहा था और अब चीन भी इसी तरीके की एक कोशिश करने में लगा है। साल 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तान बांग्लादेश के बुद्धिजीवियों को निशाना बना रहा था।

उस समय पाकिस्तान ऐसा इसलिए कर रहा था ताकि वह बांग्लादेश को कमजोर कर सके। जो काम पहले पाकिस्तान ने बांग्लादेश के खिलाफ किया था, पाक का पूर्व सहयोगी चीन भी उसी राह पर चल रहा है।

हाल में चीन ने बांग्लादेश में 'सेंटर फॉर चाइना स्टडीज' नामक एक पहल की शुरुआत की है। इस पहल के जरिए चीन पर बांग्लादेश के युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप लग रहा है।

यही नहीं चीन को अपने सॉफ्ट पावर का इस्तेमाल कर पड़ोसी देश बांग्लादेश के शिक्षा और अनुसंधान में प्रभुत्व स्थापित करने का भी आरोप लग रहा है। चीन के इस पहल को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं।

युवाओं के कर्ज और मानव तस्करी के जाल में फंसने की आशंका

चीन ने अपने 'बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव' (बीआरआई) के जरिए श्रीलंका और पाकिस्तान को पहले ही प्रभावित कर चुका है,अब उसकी नजर बांग्लादेश पर है। स्थानीय बुद्धिजीवियों और 'शंघाई इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज' के समर्थन से चीन बांग्लादेश के कई विश्वविद्यालयों को टारगेट कर रहा है और वहां पढ़ने वाले छात्रों को प्रभावित कर रहा है।

इसी साल मार्च में ढाका विश्वविद्यालय ने शंघाई इंस्टीट्यूट द्वारा समर्थित 'सेंटर फॉर चाइना स्टडीज' को शुरू किया गया था। इस सेंटर का मकसद चीनी विश्वविद्यालयों के साथ संयुक्त शिक्षा और अनुसंधान कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है।

हालांकि सेंटर के शुरू होने पर चीन के इरादों को लेकर शक जताया जा रहा है। ऐसे में यह आंशकाएं जताई जा रही है कि चीन समर्थिक बांग्लादेश के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले युवा पढ़ाई के खर्च को उठाने के लिए कहीं कर्ज के जाल में न फंस जाएं। यही नहीं इन युवाओं को लेकर चिंताएं यह भी है ये कहीं मानव तस्करी के भी शिकार न हो जाएं।

कैसे कर रहा है चीन बांग्लादेश के युवाओं को प्रभावित

कई चीनी शैक्षणिक संस्थानों पर यह आरोप लगते आ रहे हैं कि ये स्थानीय युवाओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से दुनिया के अलग-अलग देशों के विश्वविद्यालयों के साथ टाईअप कर रहे हैं।

इन चीनी शैक्षणिक संस्थानों में चीनी समकालीन चीन और विश्व अध्ययन संस्थान, पूर्वी चीन सामान्य अध्ययन और टोंगजी विश्वविद्यालय शामिल हैं। शिक्षा की आड़ में चीन जिस तरीके से युवाओं को निशाना बना रहा है, इससे बांग्लादेश के युवाओं के भविष्य को लेकर चिंता है।

आरोप है कि चीन में जो छात्र पढ़ाई करने जाते हैं उनमें से कुछ छात्र गायब भी हो जाते हैं। पढ़ाई पूरी होने के बाद जब कुछ छात्र अपने देश वापस लौटते हैं तो वे चीन के एक एजेंट के रूप में काम करते हुए पाए गए हैं।

जिस तरीके से चीन की शिक्षा में असंतोषजनक गुणवत्ता पाई गई है और जितने बड़े पैमाने पर उइगर मुसलमानों के खिलाफ वहां नरसंहार होता है और मस्जिदों को गिराई जाती है, इससे चीन के 'सेंटर फॉर चाइना स्टडीज' पहल को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। यह शक जताया जा रहा है कि कहीं इस पहल को मानव तस्करी का एक उपकरण तो नहीं बनाया जा रहा है।

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