एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप के चुनाव कैंपेन के लिए दिया 'भारी' चंदा: रिपोर्ट

चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के बीच में एक बहस हुई थी। इस बहस में बाइडन को संघर्ष करते हुअ देखा गया था जिसका फायदा डोनाल्ड ट्रंप ने उठाया था।

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tesla ceo Elon Musk donated huge to Donald Trump's election campaign Report

डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क (फाइल फोटो- IANS)

वॉशिंटन डीसी: टेस्ला के सीईओ और एक्स के चेयरपर्सन एलन मस्क ने रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रंप को 'भारी' चंदा दिया है। यह दावा ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में किया गया है।

दावे के अनुसार, एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप के उनके चुनाव अभियान में समर्थन करने वाले एक राजनीतिक समूह 'अमेरिका पीएसी' को बड़ी राशि दान दिया है। हालांकि मस्क ने कितना दान दिया है, इसका अभी खुलासा नहीं हो पाया है लेकिन सूत्रों ने यह दावा किया है कि यह राशि 'काफी बड़ी' है।

मस्क ने किसी भी उम्मीदवार को नहीं किया है समर्थन

इससे पहले मस्क ने कहा था कि वे अमेरिका के चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन जैसे नेताओं के लिए वे फंडिंग नहीं करेंगे। लेकिन उनके द्वारा किए गए दान को अमेरिकी चुनाव में एक बदलाव के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है।

हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में एलन मस्क ने किसी भी उम्मीदवार का सार्वजनिक रूप से समर्थन नहीं किया है।

फंड जमा करने में बाइडन से आगे निकले ट्रंप

दावे के अनुसार, अमेरिका में रह रहे दक्षिण अफ्रीका के आप्रवासी एलन मस्क ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए इतनी बड़ी राशि का दान दिया है जो अपनी सख्त आप्रवासन विरोधी नीतियों के लिए जाने जाते हैं।

मस्क द्वारा भारी चंदा देने वाली खबर तब सामने आई है जब वॉल स्ट्रीट और कॉर्पोरेट दानदाताओं के महत्वपूर्ण समर्थन के जरिए डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के लिए काफी अच्छा फंड जमा कर लिए हैं।

फंड जमा करने में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन को भी पीछे छोड़ दिए हैं। उधर राजनीतिक समूह 'अमेरिका पीएसी' ने कहा है दान देने वालों की लिस्ट को वे 15 जुलाई की जारी करेंगे।

जो बाइडन के सेहत को लेकर उठ रहे हैं सवाल

पिछले कई दिनों से अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हेल्थ को लेकर सवाल उठ रहे हैं। कई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि जो बाइडन केवल दिन के छह ही घंटे सही से काम कर पाते हैं।

दावा यह भी है कि वे शाम चार के बजे के बाद कम एक्टिव दिखते हैं और वे थक जाते हैं। इसे देखते हुए उनके राष्ट्रपति के उम्मीदवारी को लेकर भी कई तरह की बातें हो रही है। उनके सहयोगियों ने उन्हें राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारों छोड़ने की भी सलाह दी है। इसके बावजूद बाइडन अपने चुनाव प्रचार में लगे हैं।

क्यों पीछे हुए अमेरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन

हाल के दिनों में चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप और जो बाइडन के बीच में एक बहस हुई थी। इस बहस में बाइडन को संघर्ष करते हुअ देखा गया था जिसका फायदा डोनाल्ड ट्रंप ने उठाया था। ट्रंप ने बाइडन के संघर्ष वाले क्षणों का हवाला देते हुए उनके एक और कार्यकाल को पूरा करने पर सवाल उठाया था।

इस बहस के बाद बाइडन ने अपने विरोधियों को जवाब देने की कोशिश की थी लेकिन इससे उनका चुनाव अभियान प्रभावित हुआ है। इसके बाद से बाइडन के चंदा जमा करने के पैटर्न में कमी देखी गई है।

इस घटना के बाद बाइडन के समर्थकों के बीच उनकी सेहत को लेकर चिंताएं बढ़ गई है। उनके हेल्थ को देखते हुए कुछ डेमोक्रेट ने उन्हें चुनाव उम्मीदवारी से पीछे हटने को भी कहा है।

ट्रंप ने मस्क और अन्य दानदाताओं से की है मुलाकात

इसी साल मार्च में डोनाल्ड ट्रंप ने एलन मस्क और अन्य दानदाताओं से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दो महीने बाद मस्क को लेकर यह दावा किया जा रहा था कि अगर डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति बन जाते हैं तो वे एक सलाहकार की भूमिका निभा सकते हैं।

मस्क ने इन दावों को खारिज कर दिया है। इसी साल पांच नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप उम्मीदवार हो सकते हैं जबकि डेमोक्रेट की ओर से इस बार फिर राष्ट्रपति जो बाइडन चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

जो बाइडन के अभियान के प्रवक्ता ने क्या कहा है

राष्ट्रपति जो बाइडन के अभियान के प्रवक्ता जेम्स सिंगर ने मस्क के चंदा वाली खबर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप मस्क जैसे अमीरों को फायदा पहुंचाते हुए मध्यम वर्ग को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं। उन्होंने मध्यम वर्ग को समर्थन देने के लिए बाइडन के लंबे समय से किए जा रहे प्रयासों पर जोर दिया और नवंबर में बाइडन की जीत पर विश्वास व्यक्त किया है।

पीएसी ने अब तक किया है 12.06 करोड़ रुपए खर्च

यह राष्ट्रपति चुनाव अमेरिकी इतिहास का सबसे महंगा चुनाव माना जा रहा है। देश के डायरेक्ट वोटरों तक पहुंचने के लिए अमेरिका पीएसी ने अब तक भारी रकम खर्च किया है।

अमेरिका पीएसी ने अब तक 15.8 मिलियन डॉलर (12.06 करोड़ रुपए) खर्च किया है। संघीय रिकॉर्ड के अनुसार, इसमें से 13.1 मिलियन डॉलर (10.01 करोड़ रुपए) फील्ड ऑपरेशन के लिए आवंटित किए गए हैं। मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पीएसी ने डिजिटल मीडिया, टेक्स्टिंग और फोन कॉल पर भी अच्छा पैसा खर्च किया है।

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