ढाकाः बांग्लादेश के चटगांव में एक फेसबुक पोस्ट के कारण हिंसक झड़प हुई है जिसमें स्थानीय हिंदू व्यापारियों और पुलिस के बीच टकराव हुआ। दरअसल एक मुस्लिम व्यवसायी ने इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्ण चेतना संघ) को लेकर एक आपत्तिजनक पोस्ट किया था, जिससे क्षेत्र के हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया।

बांग्लादेश के अखबार द डेलीस्टार के अनुसार यह मामला तनावपूर्ण हो गया, जब एक भीड़ ने कथित तौर पर व्यवसायी की दुकान पर हमला किया और तोड़फोड़ की। घटना मंगलवार शाम 6:00 बजे से 8:30 बजे के बीच हुई।

रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ को तितर-बितर करने लिए सेना और पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कम से कम पांच स्थानीय लोग घायल हो गए। वहीं व्यावसायी को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के दौरान पुलिस के छह अधिकारी भी घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस पर भीड़ ने ईंट और रसायन (सोना साफ करने में इस्तेमाल) फेंके, जिससे एक अधिकारी को जलने की चोटें भी आई है। व्यापारी की दुकान चटगाँव के हजारी लेन स्थित मिया शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में है, जो थोक दवा और सोने के बाजार के लिए जाना जाता है।

एक पुलिस अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर द डेली स्टार को बताया, "फेसबुक पोस्ट को अपमानजनक बताते हुए, लगभग 30 युवकों ने व्यापारी की दुकान पर उसका विरोध किया और उस पर हमला कर दिया। स्थानीय हिंदू व्यापारियों ने उसे बचाने के लिए हस्तक्षेप किया और पुलिस को सूचित किया। बाद में स्थिति को काबू करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल और सेना बुलानी पड़ी।

रिपोर्ट में दावे के उलट घटना की दूसरी तस्वीर !

वहीं घटना की एक दूसरी तस्वीर भी सामने आई है। जिसमें दावा किया गया है कि सेना और पुलिस ने हिंदू समुदाय के लोगों पर जानलेवा हमला किया और उनके घरों और दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ डाले। घटना से जुड़ा वीडियो भी सामने आया है।

पत्रकार अश्विनी श्रीवास्तव और बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमान नसरीन ने भी हिंदू समुदाय के लोगों पर सेना और पुलिस द्वारा हमला किए जाने के दावे से वीडियो शेयर किया है। अश्विनी श्रीवास्तव ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि सेना ने कई हिंदू घरों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों को नष्ट कर दिया और स्थानीय हिंदुओं पर गंभीर हमले किए।

अश्विनी ने लिखा कि इस हमले की शुरुआत उस फेसबुक पोस्ट के बाद हुई, जिसमें व्यवसायी ने इस्कॉन को "आतंकी संगठन" बताया था। इस पोस्ट के बाद गुस्साए हिंदू व्यापारियों ने व्यवसायी से माफी मंगवाई और शांतिपूर्वक वापस चले गए थे। लेकिन कुछ कट्टरपंथियों ने पुलिस और सेना को गलत जानकारी दी कि मुसलमानों पर हमला हुआ है। इसके बाद, सेना ने बिना पुष्टि किए ही हजारी लेन इलाके में घुस गई और हिंदू घरों और दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे तोड़ने लगे। जिसके बाद भय का माहौल बन गया। ट्वीट में माफीनामा संलग्न किया गया है, देखें-

अश्विनी ने अपनी पोस्ट में दावा किया है कि पुलिस और सेना के हमले में अब तक एक हिंदू की जान जा चुकी है और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। आशंका है कि यह संख्या बढ़ सकती है।

ट्विटर पर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने इस मामले पर टिप्पणी की और घटना से जुड़े दो अलग-अलग वीडियो साझा करते हुए दावा किया कि हजारी लेन में हिंदू समुदाय पर बांग्लादेशी सेना और पुलिस द्वारा हमले किए गए।