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नई दिल्ली: शेख हसीना के बांग्लादेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद अल्पसंख्यकों और खासकर हिंदुओं के साथ मारपीट और अत्याचार की घटनाओं के बीच अंतरिम सरकार के पाकिस्तान से नजदीकी बढ़ाने के भी कई संकेत दिए जा रहे हैं। बांग्लादेश के कुछ तबकों में भी भारत से दूरी और पाकिस्तान से हाथ मिलाने की बात कही जा रही है। इन सबके बीच बांग्लादेशी लेखिका और अब भारत में रह रहीं तस्लीमा नसरीन का एक ट्वीट सामने आया है, जिसमें वे बांग्लादेश को उसके अतीत और अस्तित्व में आने की कहानी याद दिला रही हैं।
तस्लीमा नसरीन का बांग्लादेश के बदलते स्टैंड पर तंज
तस्लीमा नसरीन ने शुक्रवार को एक्स पर लिखा, 'वह भारत जहां 17 हजार जवानों ने बांग्लादेश को उसके दुश्मन पाकिस्तान से बचाने के लिए अपनी जान गवां दी, वह अब दुश्मन बन गया है। जिस भारत ने एक करोड़ शरणार्थियों को आश्रय, भोजन और कपड़े दिए, वह अब दुश्मन माना जा रहा है। जिस भारत ने पाकिस्तानी सेना से देश की रक्षा के लिए हथियार उपलब्ध कराए और स्वतंत्रता सेनानियों को प्रशिक्षित किया, वह अब पर दुश्मन है। और जिस पाकिस्तान ने 30 लाख लोगों की हत्या की और दो लाख महिलाओं के साथ बलात्कार किया वह अब दोस्त बन रहा है। वह पाकिस्तान जो आतंकवादियों को पैदा करने में नंबर एक है, अब दोस्त बन रहा है। जिस पाकिस्तान ने अभी तक 1971 के अत्याचारों के लिए बांग्लादेश से माफी नहीं मांगी है, वह अब एक मित्र राष्ट्र बन रहा है!'
The India where 17,000 soldiers lost their lives saving Bangladesh from its enemy Pakistan is now supposedly an enemy.
The India that gave shelter, food, and clothing to 10 million refugees is now supposedly an enemy.
The India that provided weapons and trained freedom fighters…— taslima nasreen (@taslimanasreen) December 6, 2024
इसके अलावा तस्लीमा नसरीन ने दो दिन पहले बुधवार को एक और वीडियो शेयर किया था। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो में एक व्यक्ति मंच से एक संभा को संबोधित करता नजर आ रहा है। यहां बैठे कुछ लोगों के के हाथ में पाकिस्तान और बांग्लादेश के राष्ट्र ध्वज हैं।
शख्स कहता है, 'आज हम अपने बंगाली भाइयों को जवाब देते हैं। उन्हें बताते हैं कि भाई यह पाकिस्तान तुम्हारा है। इस पाकिस्तान का जो एटम बम है, वह भी तुम्हारा है। बांग्लादेश की तरफ कोई आंख उठाने की जुर्रत करे तो उसकी आंखें निकाल देंगे...अल्ला के फजल से। हम बांग्लादेश पर हाथ उठाने वाले के बाजू तोड़ देंगे। मैं उस मुल्क का नाम नहीं लेना चाहता।' इस दौरान वहां मौजूद लोग जमकर ताली बजाते हैं और बांग्लादेश जिंदाबाद के नारे लगते हैं।
Those who killed 3 million Bengalis, those who raped 200,000 Bengalis—Bengali traitors have embraced those murderers and rapists, and they are now being called friends. This is what one would call self-destructive Bengalis. pic.twitter.com/YCd1fZCXcu
— taslima nasreen (@taslimanasreen) December 4, 2024
ऐसे ही तस्लीमा नसरीन का एक और ट्वीट पिछले महीने के आखिर में आया था। इसमें वे कहती हैं, 'यूनुस और उसके जिहादी दोस्त बेहद भारत विरोधी हैं। यह देखने की जिज्ञासा होती है कि अगर भारत चावल, आलू, प्याज, चीनी, गाय, अंडे आदि भेजना बंद कर दे तो बांग्लादेश के लोग कैसे जीवित रहेंगे। अगर भारत ने पानी का प्रवाह रोक दिया तो क्या होगा? अगर बिजली कट जाए तो क्या होगा? क्या होगा अगर, उसके ऊपर, ट्रंप ने प्रतिबंध लगा दिया? यदि व्यापार रुक गया तो क्या होगा? क्या होगा अगर पश्चिमी देशों ने जिहादियों को शरण देने की सजा के तौर पर बांग्लादेश से कपड़े खरीदना बंद कर दिया? यह देखना दिलचस्प होगा कि ऐसी परिस्थितियों में उस देश के लोग अपने उग्रवादी वेंचर कैसे जारी रखते हैं।'
बांग्लादेश अब पाकिस्तान की ओर झुकाव का दे रहा संकेत
पिछले महीने पाकिस्तान का मालवाहक पोत कराची से बांग्लादेश के चटगांव बंदरगाह पर पहुंचा था। इसकी खूब चर्चा हुई थी। दरअसल, बांग्लादेश बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहला समुद्री संपर्क था। इसके बाद इसी हफ्ते पाकिस्तानी मीडिया में खबर छपी कि दशकों बाद बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 25,000 टन चीनी आयात की है, जो अगले महीने कराची बंदरगाह से बांग्लादेश चटगांव बंदरगाह पर पहुंचेगी।
इसके अलावा पिछले महीने के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तानी गायक आतिफ असलम का ढाका में भी हुआ। इसमें काफी भीड़ जुटी थी। इसके बाद 29 नवंबर को आतिफ असलम का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वे ढाका की सड़क पर बैठकर नमाज पढ़ते नजर आए थ।
पाकिस्तानियों के लिए बांग्लादेश जाना आसान हुआ!
इन्हीं चर्चाओं के बीच शुक्रवार को ऐसी खबरें आई हैं कि बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार ने खुद को इस्लामाबाद के करीब ले जाने के अपने इरादे का एक और संकेत दिया है। सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा के लिए आवेदन करने से पहले सुरक्षा मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता को हटा दिया है।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में गृह मंत्रालय के सुरक्षा सेवा प्रभाग (एसएसडी) ने विदेश मंत्रालय को सूचित किया था। हालांकि, सरकार ने फैसले पर टिप्पणी करने से परहेज किया है।
साल 2019 से पाकिस्तानी नागरिकों को बांग्लादेशी वीजा दिए जाने से पहले एसएसडी से 'अनापत्ति' प्रमाणपत्र हासिल करना आवश्यक था। इस बदलाव को कई जानकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के पाकिस्तान-बांग्लादेश संबंधों में सुधार के प्रयास के संकेत के रूप में देख रहे हैं।
हाल में 3 दिसंबर को बांग्लादेश में पाकिस्तान के उच्चायुक्त सैयद अहमद मारूफ ने बीएनपी की बेगम खालिदा जिया से भी उनके घर पर मुलाकात की थी।