काबुल: अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि उसकी सेना ने पाकिस्तान के भीतर विभिन्न स्थानों पर जवाबी हमले किए हैं। तालिबान की ओर से जवाबी हमले की पुष्टि के बीच पाकिस्तान-अफगान सीमा पर मौजूद सैन्य चौकियों पर भीषण संघर्ष की खबरें हैं। रिपोर्ट के अनुसार 19 पाकिस्तानी सैनिक इन संघर्षों में मारे गए हैं। पाकिस्तान की ओर से इस पर कोई बयान नहीं आया है।
इससे पहले पाकिस्तान ने पिछले मंगलवार को अफगानिस्तान के पूर्वी पक्तिका प्रांत में एक कथित ट्रेनिंग कैम्प और आतंकवादियों को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक किया था। पाकिस्तानी सेना के उस ऑपरेशन में 50 से ज्यादा लोग हताहत हुए थे। इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। माना जा रहा है कि इसी के जवाब में तालिबान की ओर से कार्रवाई की गई है।
तालिबान रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि उसकी सेना ने उन ठिकानों पर हमला किया, जो ‘अफगानिस्तान में हमलों की योजना और समन्वय बनाने वाले दुर्भावनापूर्ण तत्वों और उनके समर्थकों के लिए केंद्र के रूप में काम करते थे।’ तालिबान के रक्षा मंत्रालय ने किसी के हताहत होने या हमले कैसे किए गए, इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।
Clarification!
Several points beyond the assumptive lines where the attacks in Afghanistan were organized and coordinated from wicked elements’ hideaways, centers and supporters; were targeted in retaliation from the southern side of the country. pic.twitter.com/OUNyG3SjZ2— د ملي دفاع وزارت – وزارت دفاع ملی (@MoDAfghanistan2) December 28, 2024
तालिबान के हमलों पर पाकिस्तान की ‘चुप्पी’
समाचार लिखे जाने तक तलिबान के दावों पर पाकिस्तान की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इससे पहले पाकिस्तान की ओर से तालिबान पर सीमा पार आतंकवादी गतिविधि से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने के आरोप लगाए जाते रहे हैं।
वहीं, तालिबान सरकार पाकिस्तान के आरोपों से इनकार करती रही है। तालिबान का कहना है कि वह किसी को भी अपनी धरती से दूसरे देश के खिलाफ हमले करने की अनुमति नहीं देती है।
19 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत की खबर
समाचार एजेंसी IANS की एक रिपोर्ट के अनुसार अफगान-पाकिस्तान सीमा पर मौजूद चौकियों पर भीषण संघर्ष की भी खबरें हैं। रिपोर्ट में 19 पाकिस्तानी सैनिक और तीन अफगान नागरिकों की मौत की बात कही गई है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, टोलोन्यूज ने राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के एक सूत्र के हवाले से बताया कि पाकिस्तान की सीमा से लगे पूर्वी अफगानिस्तान के खोस्त और पक्तिका प्रांतों में भीषण झड़पें जारी हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगान सीमा बलों ने खोस्त प्रांत के अली शिर जिले में कई पाकिस्तानी सैन्य चौकियों में आग लगा दी। वहीं पक्तिका प्रांत के दंड-ए-पाटन जिले में दो पाकिस्तानी चौकियों पर कब्जा कर लिया। सूत्र ने बताया कि दंड-ए-पाटन जिले में पाकिस्तानी सैनिकों की तरफ से दागे गए मोर्टार के गोले के कारण तीन अफगान नागरिकों की जान चली गई।
टीटीपी बनी है दुश्मनी की वजह
इस्लामाबाद और काबुल के बीच दुश्मनी की सबसे बड़ी वजह तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी या पाकिस्तानी तालिबान) बना है। टीटीपी का उद्देश्य पाकिस्तानी सशस्त्र बलों और राज्य के खिलाफ आतंकवादी अभियान चलाकर पाकिस्तान सरकार को उखाड़ फेंकना है।
मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक यह पाकिस्तान की निर्वाचित सरकार को हटाकर इस्लामी कानून की अपनी व्याख्या के आधार पर एक कट्टरवादी शासन की नींव रखना चाहता है। हाल के दिनों में, इस्लामाबाद ने बार-बार अफगान सरकार पर सशस्त्र समूहों, विशेष रूप से टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाया है।
टीटीपी के बारे में उसका दावा है कि वह पाकिस्तानी सुरक्षा बलों को निशाना बनाकर सीमा पार से हमले करता है। हालांकि काबुल इस्लामाबाद के दावे को खारिज करता रहा है। वहीं काबुल इस्लामाबाद के आरोपों को खारिज करता रहा है।
टीटीपी का गढ़ अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के आसपास का जनजातीय क्षेत्र है, जहां से वह अपने लड़ाकों की भर्ती करता है। पाकिस्तान को परंपरागत रूप से तालिबान का समर्थक माना जाता है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि दोनों के बीच गहरा संबंध रहा है। साल 2021 में जब तालिबान दूसरी बार काबूल की सत्ता पर काबिज हुआ तो पाकिस्तानी नेतृत्व ने माना था कि उनके बीच अच्छे संबंध फिर से शुरू हो जाएंगे। हालांकि यह भ्रम टूट रहा है।
(समाचार एजेंसी IANS के इनपुट के साथ)