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दमिश्क: सीरिया की राजधानी दमिश्क में उमय्यद मस्जिद में शुक्रवार को मची भगदड़ में चार लोगों की मौत हुई। वहीं, 16 लोग घायल हुए हैं। घायलों में कुछ बच्चे भी शामिल हैं। सीरियाई अखबार अल-वतन ने दमिश्क स्वास्थ्य विभाग के हवाले से यह जाननकारी दी है। इससे पहले तीन लोगों की मौत की बात सामने आई थी।
मरने वालों में कम से कम तीन महिलाएं हैं। सामने आई जानकारी के अनुसार एक धर्मार्थ कार्यक्रम के तहत मुफ्त भोजन बांटा जा रहा था, उसी दौरान यह हादसा हुआ।
A #Syrian#chef posted a public invitation to eat open to all #Syrians in one place, in celebration of the victory in #Syria. Chaos erupted at the #Umayyad Mosque in #Damascus due to an event organized by Chef Abu Omar without proper security coordination. The disorder led to… pic.twitter.com/IHZSW6xi95
— Qusay Noor (@QUSAY_NOOR_) January 10, 2025
वहीं, यहां के गवर्नर माहेर मारवान ने शुक्रवार को सीरियाई न्यूज एजेंसी (SANA/सीरियन अरब न्यूज एजेंसी) को बताया कि 'मस्जिद में एक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ के परिणामस्वरूप तीन लोगों की मौत हो गई।'
स्थानीय व्हाइट हेलमेट्स (White Helmets) बचाव समूह ने कहा कि दोपहर में हुई इस घटना ने तीन महिलाओं की जान ले ली। साथ ही पांच बच्चे घायल हुए। इन्होंने बताया कि वे एक बच्ची को भीड़ में से सफलतापूर्वक निकालने में कामयाब हुए।
यूट्यूबर ने मुफ्त भोजन बांटने का किया था ऐलान
अल-वतन अखबार ने बताया है कि एक मशहूर सोशल मीडिया हस्ती द्वारा मुफ्त भोजन वितरण के दौरान घटना हुई। अखबार के अनुसार शेफ अबू उमर नाम के यूट्यूबर ने उमय्यद मस्जिद में मुफ्त भोजन बांटने की तैयारियों का एक वीडियो पोस्ट किया था।
साथ ही उमर ने अपने वीडियो के जरिए लोगों को दोपहर में मुफ्त में भोजन लेने के लिए आने का भी निमंत्रण दिया था। अबू उमर का इस्तांबुल में एक रेस्तरां भी है। घटना से कुछ देर पहले ही इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो ताजानी ने सुबह मस्जिद का दौरा किया था।
स्थानीय सूत्रों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बहुत अधिक भीड़ पहुंच गई थी और इसे संभालने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे। इससे अराजक स्थिति पैदा हुई। उमय्यद मस्जिद दमिश्क के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। यहां आमतौर पर कई तरह के धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता रहता है।
दिसंबर में पिछली सीरियाई सरकार के अचानक अंत के बाद और हालिया राजनीतिक उथल-पुथल के बीच शहर की सुरक्षा और सार्वजनिक सेवाओं को व्यवस्थित बनाए रखने की चुनौती भी बनी हुई है।