सुचिर बालाजी (फोटो- X)
Table of Contents
न्यूयॉर्क: चैटजीपीटी की पैरेंट कंपनी ओपनएआई के पूर्व कर्मचारी भारतीय-अमेरिकी सुचिर बालाजी की मां ने अपने बेटे की मौत के मामले में एफबीआई से जांच की मांग की है। बालाजी ने अक्टूबर में कंपनी पर कॉपीराइट कानूनों का उल्लंघन करने का बड़ा आरोप लगाया था। इसके एक महीने बाद वे अपने घर में मृत पाए गए थे।
26 साल के ओपनएआई व्हिसलब्लोअर और शोधकर्ता बालाजी 26 नवंबर को कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को के अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए थे। अधिकारियों ने तब बालाजी की मौत को आत्महत्या करार दिया था।
इस संबंध में रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बालाजी की मां पूर्णिमा रामाराव ने कहा कि उन्होंने एक निजी जांचकर्ता की मदद ली। मौत के कारणों के बारे में जानने के लिए दूसरी बार शव का पोस्टमार्टम कराया गया। रामाराव ने कहा कि दूसरी बार के पोस्टमॉर्टम में मौत के कारणों को लेकर उन दावों की पुष्टि नहीं होती है, जो पुलिस ने किए थे।
ये आत्महत्या नहीं हत्या है: बालाजी की मां
बालाजी की मां रामाराव ने यह आरोप लगाया कि उनके बेटे का अपार्टमेंट, जो बुकानन स्ट्रीट पर था, वहां 'तोड़फोड़' हुई थी। उन्होंने कहा, 'बाथरूम में संघर्ष (मारपीट) का निशान था और खून के धब्बों के आधार पर ऐसा लग रहा है कि किसी ने बाथरूम में उसे मारा है।'
रामाराव ने एफबीआई जांच की मांग करते हुए कहा, 'यह एक निर्मम हत्या है जिसे अधिकारियों ने आत्महत्या घोषित कर दिया है। एसएफ शहर की लॉबी हमें न्याय पाने से नहीं रोक सकती है।'
ऐलन मस्क बोले- ये आत्महत्या नहीं लगता
रामाराव ने अपने पोस्ट में एक्स के सीईओ एलन मस्क और भारतीय-अमेरिकी टेक उद्यमी विवेक रामास्वामी को भी टैग किया। दोनों आने वाले दिनों में डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। मस्क ने रामाराव के पोस्ट पर प्रतिक्रिया भी दी। उन्होंने लिखा, 'ये आत्महत्या नहीं लगता।' गौरतलब है कि मस्क का ओपनएआई से पुराना झगड़ा है और यह सुर्खियों में भी आता रहा है। इससे पहले भी मस्क ने बालाजी की मौत की खबर आने पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने एक्स पर केवल ‘हम्म’ लिखा था।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार बालाजी के पिता बालाजी राममूर्ति ने कैलिफोर्निया के मिलपिटास में अपने बेटे के लिए आयोजित एक समारोह में बोलते हुए कहा कि वह 22 नवंबर को उनसे बात करने वाले आखिरी व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि 15 मिनट की कॉल के दौरान दोनों ने अपनी लॉस एंजिल्स ट्रिप के बारे में बात की जो बालाजी के बर्थडे सेलिब्रेशन का हिस्सा थी।
'द गार्डियन' ने राममूर्ति के हवाले से कहा, 'वह एलए में था और अच्छा समय बिता रहा था। इसलिए उसने हमें सभी तस्वीरें भेजी। वह अच्छे मूड में था।'
सुचिर बालाजी ने OpenAI पर क्या आरोप लगाए थे?
बालाजी ने सार्वजनिक रूप से दावा किया था कि ओपनएआई ने अपने जेनरेटिव एआई प्रोग्राम, चैटजीपीटी को विकसित करने में अमेरिकी कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया है। चैटजीपीटी इस समय बड़ी व्यावसायिक सफलता हासिल कर रहा है। इसके दुनिया भर में करोड़ों यूजर्स हैं।
साल 2022 के अंत में लॉन्च हुए चैटजीपीटी को लेखकों, प्रोग्रामरों और पत्रकारों की ओर से कई कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने अपने एआई प्रोग्राम चैटजीपीटी को विकसित करने के लिए उनकी कॉपीराइट सामग्री का गैरकानूनी रूप से इस्तेमाल किया।
इसी साल 23 अक्टूबर को प्रकाशित न्यूयॉर्क टाइम्स के एक इंटरव्यू में बालाजी ने ये भी कहा कि ओपनएआई उन बिजनेस और उद्यमियों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है, जिनकी जानकारी का उपयोग चैटजीपीटी को प्रशिक्षित करने के लिए किया गया था। उन्होंने अखबार से कहा था, ‘अगर आप मेरी बात पर विश्वास करते हैं, तो आपको कंपनी छोड़ देनी होगी।’
उन्होंने यह भी कहा था कि चैटजीपीटी जैसी तकनीक इंटरनेट को नुकसान पहुंचा रही हैं। बालाजी ने अक्टूबर में एक्स पर एक पोस्ट में जेनरेटिव एआई और इसके उचित उपयोग के बारे में भी लिखा था। OpenAI में चार साल तक काम के अनुभव पर बालाजी ने लिखा था कि ‘बहुत सारे जेनरेटिव एआई प्रोडक्टों के लिए उचित उपयोग एक बहुत ही असंभव बात की तरह लगती है।’ बालाजी ने इन चार सालों में डेढ़ साल चैटजीपीटी पर भी काम किया था।
सुचिर बालाजी ने चैटजीपीटी की ट्रेनिंग के लिए उपयोग की जाने वाले इंटरनेट डेटा को इकट्ठा करने और उसे व्यवस्थित करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। इसी आधार पर उन्होंने आरोप लगाए थे कि कंपनी ने बिना अनुमति के कॉपीराइट सामग्री का इस्तेमाल किया।