सिंगापुर में तीन मई को होने वाले आम चुनाव के बीच विदेशी हस्तक्षेप की कोशिशों और कुछ लोगों द्वारा धर्म के आधार पर मतदान करने की ऑनलाइन अपील का मुद्दा गर्मा गया है। यह मामला पिछले दिनों उस समय भी चर्चा में आया जब मलेशिया की इस्लामिक पार्टी के दो नेताओं ने सिंगापुर के चुनाव को लेकर टिप्पणी की थी। इन्होंने मुस्लिम मतदाताओं को धर्म के आधार पर वोट देने की अपील की थी।
साथ ही सिंगापुर के एक मुस्लिम शख्स द्वारा भी विशेष धर्म के लोगों को अपने धर्म वाले उम्मीदवार को वोट देने की अपील सोशल मीडिया के जरिए की गई थी। इन सोशल मीडिया पोस्ट को सिंगापुर की सरकार की पहल पर बैन कर दिया गया है।
बहरहाल, सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने देश में चल रहे चुनावी प्रचार के बीच एक विशेष प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे चिंताजनक बताया और कहा कि धर्म और राजनीति को नहीं मिलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी कोशिशों का उद्देश्य समाज को विभाजित करना और राष्ट्रीय एकता को कमजोर करना है।
सिंगापुर के प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ विदेशी सिंगापुर के लोगों को अपने धार्मिक विश्वास के आधार पर वोट देने के लिए प्रोत्साहित करके जनमत को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सिंगापुर को राजनीतिक लाभ के लिए अपने बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक ताने-बाने का फायदा उठाने के किसी भी प्रयास के खिलाफ सतर्क रहना चाहिए।
'बर्दाश्त नहीं करेंगे, हमारा देश...', सिंगापुर पीएम की चेतावनी
सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने गुरुवार को कहा, 'सिंगापुर की सबसे बड़ी ताकत सभी धर्म से ऊपर हमारी एकता है। यह अचानक नहीं हुआ है बल्कि पीढ़ियों की कोशिश का परिणाम है। पिछले कुछ दिनों में हमने कई ऑनलाइन गतिविधि का पता लगाया है जिसमें कुछ विदेशी सिंगापुर के लोगों को धर्म के आधार पर वोट करने की अपील कर रहे हैं। उनके सोशल मीडिया पोस्ट सिंगापुर में भी कई लोगों द्वारा साझा किए गए। सिंगापुर के लोगों के बीच आपसी कुछ विवाद हो सकते हैं लेकिन हम इसकी इजाजत नहीं दे सकते कि उसका फायदा कोई बाहरी अपने लिए या हमें कमजोर करने के लिए उठाए। इसलिए हमने ऐसे पोस्ट को ब्लॉक कर दिया है और आगे भी ऐसा करेंगे।'
पीएम लॉरेंस वोंग ने आगे कहा कि विदेशी लोगों के अलावा सिंगापुर में भी कुछ कथित कार्यकर्ता धर्म और राजनीति को मिलाने की कोशिश कर रहे हैं।
लॉरेंस वोंग ने इसके बाद एक सिंगापुर के एक कार्यकर्ता के सोशल पोस्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें कहा गया था कि मुस्लिमों को उसे वोट करना चाहिए जो उनके धार्मिक एजेंडा को आगे बढ़ाए। इस पोस्ट को ब्लॉक कर दिया गया है। वोंग ने कहा कि ऐसी पहल चाहे ईसाई करे, या बौद्ध या फिर हिंदू, उस पर भी सरकार की प्रतिक्रिया वैसी ही होगी, जैसा पहले वाले में रही।
'राजनीति में धर्म को मिलाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं करेंगे'
लॉरेंस वोंग ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा कि सिंगापुर में राजनीति और धर्म को मिलाने की कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह पूरी तरह अस्वीकार्य है। वोंग ने कहा कि यह देश की एकता के लिए बड़ा खतरा है।
वोंग ने कहा कि इसका यह मतलब कतई नहीं है कि किसी विशेष धर्म या जाति के लोगों की जरूरतों की बात नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी की जरूरतों का ख्याल रखा जाना चाहिए और इसके लिए अल्पसंख्यक समुदायों से भी बात की जाती रहेगी लेकिन इसमें और 'पहचान की राजनीति' में काफी अंतर है। वोंग ने कहा कि अगर 'पहचान की राजनीति' को अगर बढ़ावा दिया जाता है तो यह खतरनाक हो जाएगा क्योंकि फिर हर कोई केवल अपनी बात करेगा। इससे हर मुद्दा धर्म और समुदाय के आधार पर तय होने लगेगा और इसका खामियाजा सिंगापुर को भुगतना पड़ेगा।
दूसरी पार्टियां भी अपना रूख साफ करें: लॉरेंस वोंग
लॉरेंस वोंग ने सिंगापुर की दूसरी पार्टियों को भी पूरे मुद्दे पर अपना-अपना रूख साफ करने की अपील की। उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टियों को विदेश हस्तक्षेप के अलावा 'पहचान की राजनीति' और राजनीति के साथ धर्म को मिलाने की चल रही कोशिशों पर भी अपना रूख साफ करना चाहिए। उन्होंने सभी पार्टियों से अपील करते हुए कहा कि उन्हें भी उनके स्टैंड का समर्थन करना चाहिए। वोंग ने कहा, 'हम सभी पहले सिंगापुर के लोग हैं। इसके बाद किसी धर्म और समुदाय से नाता है।'