वाशिंगटनः अमेरिकी मीडिया में राष्ट्रपति पद को लेकर हुई पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट की काफी चर्चाएं हैं। 28 जून को हुई इस डिबेट में डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन के खराब प्रदर्शन के बाद अमेरिकी मीडिया का कहना है कि अमेरिकी लोकतंत्र को बचाने के लिए बाडन को व्हाइट हाउस की दौड़ से हट जाना चाहिए।
जॉर्जिया की राजधानी अटलांटा में सीएनएन के स्टूडियो में गुरुवार को रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के साथ बाइडन की पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट थी। 90 मिनट तक चली इस बहस के दौरान बाइडन की जुबान कई बार लड़खड़ाई। कई बार ऐसा भी हुआ कि वह क्या कह रहे हैं, किसी को समझ नहीं आया। आवाज भी धीमी निकल रही थी। इसको लेकर अमेरिकी मीडिया में आलोचनाएं हुईं। सोशल मीडिया पर मीम्स बने।
पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद अमेरिकी मीडिया की क्या है राय?
अब कई अमेरिकी मीडिया समाचार पत्रों और उनके संपादकीय बोर्डों ने राय दी है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ छोड़ देनी चाहिए। द न्यू यॉर्क टाइम्स के संपादकीय बोर्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा है कि “अपने देश की सेवा करने के लिए, राष्ट्रपति बाइडन को दौड़ से बाहर हो जाना चाहिए।”
यूएसए टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिकागो ट्रिब्यून ने भी यही बात कही और राष्ट्रपति से उनके अगले कार्यकाल की तलाश को समाप्त करने के लिए कहा। इस बीच वाशिंगट पोस्ट ने राष्ट्रपति बाइडन से आत्म-मंथन करने की अपील की है। तो अटलांटा जर्नल-कॉन्स्टिट्यूशन का सुझाव है कि बाइडन को चुनावी दौड़ से बाहर हो जाना चाहिए। वहीं, दि इकोनॉमिस्ट ने बाइडन की जगह किसी अन्य डेमोक्रेटिक उम्मीदवार की मांग की है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने शुक्रवार को कहा कि “डेमोक्रेट्स के लिए सबसे स्पष्ट रास्ता यह है कि वे झूठे उम्मीदवार (ट्रंप) को हराने के लिए अमेरिकी जनता के साथ सच्चाई से पेश आएं। मानें कि बाइडेन अपना चुनावी दौड़ जारी नहीं रख सकते, और किसी अधिक सक्षम व्यक्ति को चुनने की प्रक्रिया शुरू करें जो नवंबर में ट्रम्प को हरा सके।”
न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि बाइडन अब वो व्यक्ति नहीं रहे जो चार साल पहले थे। उसने कहा, राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन का कार्यकाल सराहनीय रहा है। उनके नेतृत्व में राष्ट्र समृद्ध हुआ है। ट्रंप द्वारा दिए गए जख्म अब भरने लगे हैं, लेकिन बाइडन को यह घोषणा करनी चाहिए कि वह फिर से चुनाव नहीं लड़ेंगे।
द गार्जियन ने भी कुछ ऐसा ही विचार साझा किया है। उसने भी बाइडन के विकल्प की बात कही है। मीडिया आउटलेट बाइडन की जगह दो नामों का जिक्र किया- कमाल हैरिस और गेविन न्यूसम। लेकिन यह भी कहा कि दोनों की अपनी कमजोरियाँ हैं। हैरिस, जो अगर चुनी जाती हैं तो मुख्य पार्टी की पहली महिला अश्वेत उम्मीदवार होंगी। हालांकि उनकी अनुमोदन रेटिंग बाइडेन से थोड़ी ही बेहतर है। वहीं, बतौर कैलिफोर्निया के गवर्नर न्यूसम के कार्यकाल की उच्च करों, बढ़ती बेघर समस्या और बढ़ती आवास लागत की वजह से आलोचना हो रही है।
द गार्जियन का कहना है कि डेमोक्रेटिक मतदाता नहीं चाहते हैं कि बाइडन फिर से चुनाव लड़ें। पिछले साल जब मतदान हुआ तो लगभग 70% ने उन्हें राष्ट्रपति के रूप में एक और कार्यकाल के लिए बहुत बूढ़ा माना था। वाल स्ट्रीट जर्नल ने भी कहा कि ट्रंप और बाइडन के बीच बहस अमेरिका के लिए दर्दनाक थी।
द वाशिंगट पोस्ट ने ‘हाऊ बाइडन एंड द डेमोक्रेट्स शुड थिंक थ्रू व्हाट टू डू नाऊ’ संपादकीय में कहा है कि वर्तमान राष्ट्रपति पर निर्भर है कि वह यह तय करें कि क्या उनका दोबारा चुनाव लड़ना देशहित में है। क्योंकि पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विचारों को देखते हुए एक और ट्रंप प्रशासन को रोकना सबसे महत्वपूर्ण है।
उपर्युक्त के अलावा कुछ डेमोक्रेट्स ने सुझाव दिया कि उन्हें (बाइडन) किसी अन्य उम्मीदवार के लिए पद छोड़ देना चाहिए। वैन जोन्स और कुछ अन्य सांसदों ने बाइडन की पद पर बने रहने की क्षमता पर संदेह जताया है। जबकि उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और कैलिफोर्निया के गवर्नर गेविन न्यूसम सहित अन्य लोगों ने उनका बचाव किया। इस बहस ने बाइडन की चुनौतियों को उजागर किया और 2024 के चुनाव के लिए उनकी उम्मीदवारी के बारे में चर्चाओं को फिर से हवा दी है।
राष्ट्रपति पद के लिए और किन नामों की चर्चा है
राष्ट्रपति पद के लिए देश की पहली अश्वेत उपराष्ट्रपति, हैरिस के अलावा हिलेरी क्लिंटन और मिशेल ओबामा के नाम की भी चर्चा है। हिलेरी पहले भी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार रह चुकी हैं। अन्य दावेदारों में कैलिफोर्निया के गवर्नर गैविन न्यूसम, मिशिगन की गवर्नर ग्रेचेन व्हिटमर, इलिनोइस के गवर्नर जे.बी. प्रित्जकर, पेंसिल्वेनिया के गवर्नर जोश शापिरो, परिवहन मंत्री पीट बटिगिएग, न्यू जर्सी के सीनेटर कोरी बुकर, मिनेसोटा की डेमोक्रेट एमी क्लोबुचर और केंटकी के गवर्नर एंडी बेशर शामिल हैं।