बांग्लादेश की एक अदालत ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजिद पुतुल और 17 अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले में गुरुवार को नया गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इन पर धोखाधड़ी के जरिए आवासीय भूखंड हासिल करने का आरोप है। ढाका मेट्रोपॉलिटन के वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) द्वारा दाखिल आरोपपत्र को स्वीकार कर लिया। चूंकि, आरोपी फरार हैं, इसलिए अदालत ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।

एसीसी की ओर से पेश वकील मीर अहमद सलाम ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘मेट्रोपोलिटन वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने मामले में एसीसी के आरोपपत्र को स्वीकार करते हुए वारंट जारी किया।’’

12 जनवरी को दर्ज हुआ था मुकदमा

उन्होंने कहा कि न्यायाधीश ने एसीसी को राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में पर्बाचल क्षेत्र में राज्य द्वारा संचालित ‘राजधानी उन्यन कार्त्रीपक्खा’ (आरएजेयूके) द्वारा पट्टे पर दी गई भूमि से जुड़े आरोप की सुनवाई के लिए चार मई को अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। एसीसी ने अपदस्थ प्रधानमंत्री हसीना तथा अन्य सह-आरोपियों, जिनमें अधिकतर सरकारी अधिकारी थे, के विरुद्ध 12 जनवरी, 2025 को मुकदमा दायर किया था।

क्या है ये पूरा मामला?

आरोपपत्र के अनुसार, ‘‘दुर्भावनापूर्ण इरादे से’’ पुतुल ने अपनी मां एवं तत्कालीन प्रधानमंत्री हसीना को भूखंड हासिल करने के लिए प्रभावित किया था। पुतुल एक नवंबर, 2023 से नयी दिल्ली स्थित विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्रीय निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना अपने देश से भागकर भारत आ गई थीं। तब से वे भारत में ही हैं। हालांकि, शेख हसीना की ओर से दुनियाभर के कई देशों में शरण दिए जाने को लेकर अर्जियां लगाई गई हैं। ब्रिटेन समेत कई देशों की ओर से उन्हें शरण देने से इनकार भी किया जा चुका है।