अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुझाव दिया कि ग्रेटा थनबर्ग को एंगर मैनेजमेंट की क्लास लेनी चाहिए। उनकी यह टिप्पणी एक रिपोर्टर द्वारा ट्रंप से थनबर्ग के लिए संदेश मांगे जाने के जवाब में आई।  दरअसल, सोमवार को दावा किया था कि गाजा में सहायता देने के लिए जाते समय इजराइली सेना ने उनका अपहरण कर लिया था।

बता दें कि राहत सामग्री के साथ गाजा जाने वाली एक नौका पर सवार जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग सहित 12 यात्रियों को डिपोर्ट करने के लिए बेन गुरियन हवाई अड्डे पर लाया गया है। इस नौका को इजराइली बंदरगाह अशदोद में जब्त कर लिया गया था। निर्वासन प्रक्रिया इजराइली बलों के समुद्र में इस जहाज को रोके जाने के बाद की गई है।

ग्रेटा थनबर्ग ने लगाया अपहरण का आरोप 

इसके बाद ग्रेटा थनबर्ग ने मामले को लेकर एक वीडियो जारी किया है। जिसमें उन्होंने इजराइली सैनिकों पर अपहरण करने का आरोप लगाया है। वीडियो में थनबर्ग ने कहा है, "अगर आप यह वीडियो देख रहे हैं तो हमें इंटरनेशनल वाटर्स में पकड़ लिया गया है और हमारा अपहरण कर लिया गया है।" थनबर्ग ने अपने समर्थकों से उनकी और दूसरे लोगों की रिहाई के लिए स्वीडन की सरकार पर दबाव बनाने की अपील की है। उन्होंने समर्थकों से जल्द से जल्द ऐसा करने की अपील की है। उधर, FFC ने कहा है कि इजरायल को मैडलीन पर सवार अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ताओं को रोकने का कोई अधिकार नहीं है।

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया जवाब

थनबर्ग के अपहरण के दावों के बारे में पूछे गए सवाल पर रिपोर्टर को जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा, 'वह एक अजीब व्यक्ति है। वह एक युवा और गुस्सैल है, मुझे नहीं पता कि यह असली गुस्सा है या नहीं; इस पर यकीन करना मुश्किल है। वह निश्चित रूप से अलग है। मुझे लगता है कि उसे एंगर मैनेजेमेंट क्लास में जाना चाहिए, यही मेरी उसके लिए प्राथमिक सिफारिश है।" इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी कहा कि "मुझे लगता है कि ग्रेटा थनबर्ग का अपहरण किए बिना भी इजरायल के पास पर्याप्त समस्याएं हैं"

क्या बोले फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों?

बता दें कि ग्रेटा के अलावा, समूह में यूरोपीय संसद की फ़्रांसीसी सदस्य रीमा हसन और अल जजीरा के फ्रांसीसी पत्रकार उमर फयाद जैसे लोग शामिल थे। फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने दृढ़ता से आवाज उठाते हुए हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को तुरंत रिहा करने का इजरायल से आग्रह किया। मैक्रों ने विदेश में अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए फ़्रांस की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और कहा कि देश "सतर्क" है और "जब भी वे खतरे में होते हैं, तो अपने सभी नागरिकों के साथ खड़ा रहता है।"फ़्रांसीसी सरकार ने इजराइल से कार्यकर्ताओं की "सुरक्षा" सुनिश्चित करने की भी मांग की, मैक्रों ने गाजा पर मानवीय नाकेबंदी को "एक घोटाला" और "अपमान" करार दिया।