बर्लिन: इजराइल और फिलिस्तीन के विवाद पर भारतीय-ब्रिटिश-अमेरिकी मूल के लेखक सलमान रुश्दी का एक बयान सामने आया है। 76 साल के उपन्यासकार ने एक साक्षात्कार में कहा है कि अगर फिलिस्तीन को एक राज्य का दर्जा मिल जाता है तो वह अफगानिस्तान बन जाएगा जिस पर अभी तालिबान का कब्जा है।

यही नहीं सलमान ने फिलिस्तीन को आजाद करने की मांग करने वाले उन छात्रों को लेकर चिंता भी व्यक्त की है जो अमेरिकी कॉलेज कैंपस में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

एक तरफ जहां सलमान रुश्दी ने फिलिस्तीन को एक राज्य का दर्जा देने पर उसके तालिबान जैसा बनने की चेतावनी दी है। वहीं दूसरी ओर आयरलैंड, स्पेन और नॉर्वे ने फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य के रूप में मान्यता देने के लिए हामी भरी है।

सलमान रुश्दी ने क्या कहा

जर्मन अखबार बिल्ड के साथ एक साक्षात्कार में सलमान रुश्दी ने कहा कि वे लंबे समय से फिलिस्तीन को एक राज्य का दर्जा देने का समर्थन करते आ रहे हैं। ऐसे में अब वे फिलिस्तीन के मुद्दे को दूसरे एंगल से देखते हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो यह अफगानिस्तान की तरह एक सत्तावादी इस्लामी शासन बन जाएगा।

उनके अनुसार, अगर फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा मिल जाता है तो इसे फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास द्वारा चलाया जाएगा जो इसे तालिबान बना देगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य का दर्जा मिलने के बाद फिलिस्तीन ईरान का ग्राहक बन जाएगा।

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सलमान रुश्दी ने कहा कि जिस तरीके से पूरी दुनिया के साथ अमेरिका के छात्र इजराइल का विरोध कर रहे हैं और हमास के समर्थन में बोल रहे हैं वह काफी चिंताजनक है।

सलमान ने कहा कि हमास एक आतंकवादी संगठन है और उन्हें यह अजीब लग रहा है कि कैसे प्रगतिशील युवा हमास जैसे फासीवादी आतंकवादी समूह का समर्थन कर रहे हैं।

गाजा पर क्या बोले सलमान

इस बीच सलमान रुश्दी के एक पॉडकास्ट का एक छोटा सा क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पॉडकास्ट में वे इजराइल और हमास के बीच जारी संघर्ष के दौरान गाजा में क्या हालात हैं उस पर बोलते हुए दिखाई दे रहे हैं।

जर्मन ब्रॉडकास्टर रुंडफंक बर्लिन-ब्रैंडेनबर्ग द्वारा आयोजित ‘ऑर्टे अंड वोर्टे’ पॉडकास्ट पर उन्होंने कहा है कि "सच्चाई यह है कि मुझे लगता है कि गाजा में निर्दोष लोगों की मौत की संख्या के कारण जो कुछ भी हो रहा है, उससे इस समय कोई भी इंसान व्यथित होगा।"

बता दें कि इस क्लिप को इजराइल के आधिकारिक एक्स अकाउंट और इजराइली राजनयिक डेविड सारंगा के सोशल अकाउंट पर से भी शेयर किया गया है।

फिलिस्तीन और ईरान पर क्या बोले सलमान रुश्दी

साल 1988 में सलमान रुश्दी ने द सेटेनिक वर्सेज़ नामक एक किताब लिखी थी। इसे लेकर खूब विवाद हुआ था और इस पर कथित तौर पर ईशनिंदा के भी आरोप लगे थे। इसके बाद साल 1989 में ईरान के तत्कालीन सुप्रीम लीडर अयातुल्ला रुहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी कर उनकी हत्या की बात कही थी।

साल 2022 में अमेरिका में उन पर जानलेवा हमला भी किया गया था जिसमें उन्होंने अपनी एक आंख खो दी थी। ऐसे में जो सलमान रुश्दी पहले फिलिस्तीन के एक राज्य के दर्जे की वकालत करते थे अब वे इसे लेकर चेतावनी दे रहे हैं।

पॉडकास्ट में उन्हें यह कहते हुए सुना गया है कि "मैंने अपने अधिकांश जीवन में तकरीबन 1980 के दशक से फिलिस्तीनी राज्य के लिए तर्क दिया है। क्या पश्चिमी वामपंथ के प्रगतिशील आंदोलनों का मकसद ये है? एक और तालिबान लाने के लिए? मध्य पूर्व में इजरायल के ठीक बगल में एक और अयातुल्ला जैसा राज्य?"

फिलिस्तीन को यूएन के सदस्य बनने में इन देशों ने किया समर्थन

फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लिए आयरलैंड, स्पेन और नॉर्वे के तरफ से एक बयान आया है। इन तीनों देशों ने यह ऐलान किया है कि वे फिलिस्तीन को एक राज्य का दर्जा देंगे।

हालांकि इसके लिए इसी महीने 10 तारीख को संयुक्त राष्ट्र महासभा में वोटिंग हुई थी जिसमें यूएन के कुल 143 सदस्यों ने हिस्सा लिया था। इसमें अमेरिका और इजराइल समेत सात अन्य देशों ने विरोध में वोट किया था। यही नहीं वोटिंग के दौरान 25 देश अनुपस्थित थे।