मॉस्कोः भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिनों की यात्रा पर रूस पर गए हैं। इस दौरान उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मॉस्को में मुलाकात की है। एस जयशंकर की यह मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के कदम के बीच हुई है। 

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ के ऐलान के पीछे की वजह रूस से तेल और सैन्य उपकरणों की खरीद जारी रखना बताया था। अमेरिका का यह तर्क है कि इससे यूक्रेन युद्ध में अप्रत्यक्ष रूप से रूस को मदद मिल रही है। 

एस जयशंकर ने पुतिन से की मुलाकात

एस जयशंकर ने पुतिन से मुलाकात से पहले भारत-रूस संबंधों को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे स्थिर बताया। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी जयशंकर के इस कथन को दोहराया। 

एस जयशंकर उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से व्यापार और आर्थिक वार्ता के बाद रूस पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि लावरोव के साथ एक बैठक राजनैतिक संबंधों और द्विपक्षीय सहयोग दोनों की समीक्षा एक अवसर थी। 

मॉस्को के साथ मजबूत व्यापार पर दिया जोर

जयशंकर ने माॉस्को के साथ मजबूत व्यापार पर जोर दिया। उन्होंने रूसी कंपनियों से भारतीय साझेदारों के साथ और अधिक गहनता से काम करने का आह्वान किया। 

जयशंकर ने कहा "टैरिफ और गैर टैरिफ बाधाएं, लॉजिस्टिक्स से अड़चनों को दूर करना, अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे, उत्तरी समुद्री मार्ग और चेन्नई व्लादिवोस्तोक गलियारे के माध्यम से कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना और सुचारु भुगतान सुनिश्चित करना। ये मुख्य मुद्दे हैं।"

भारत-रूस संबंधों पर 20 अगस्त को रूसी दूतावास के रोमन बाबुश्किन ने कहा था कि भारत मॉस्को के लिए बहुत मायने रखता है। इस दौरान उन्होंने भारत के रूस से तेल खरीद पर रोक को लेकर एक सवाल के जवाब में रोमन बाबुश्किन ने कहा "हम नहीं चाहते कि ऐसा हो।" इस दौरान उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा "यदि पश्चिम आपकी आलोचना करता है तो इसका मतलब है कि आप सब कुछ सही कर रहे हैं।"