सियोल: यूक्रेन के साथ युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय दौरे पर बुधवार उत्तर कोरिया पहुंचे। यह उनकी 24 वर्षों में पूर्वी एशियाई देश की पहली आधिकारिक यात्रा है। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग ने प्योंगयांग के हवाई अड्डे पुतिन का गले लगाकर स्वागत किया।
उत्तर कोरिया पहुंचने पर पुतिन ने यूक्रेन से युद्ध में उनका समर्थन के लिए पूर्वी एशियाई देश की तारीफ की। पुतिन ने कहा कि उत्तर कोरिया यूक्रेन के साथ युद्ध में रूस के सैन्य अभियानों का मजबूती से समर्थन कर रहा है। इसकी मैं सराहना करता हूं।
गौरतलब है कि 2023 में किम जोंग ने पुतिन को उत्तर कोरिया आने का निमंत्रण दिया था। जिसको रूसी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया था। आखिरी बार पुतिन ने जुलाई 2000 में प्योंगयांग का दौरा किया था। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, किम जोंग के लिए यह महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि उन्होंने कोविड महामारी के बाद से अपने राजनीतिक रूप से अलग-थलग देश में किसी अन्य विश्व नेता की मेजबानी नहीं की है।
दोनों देश हथियारों और तकनीक के मामले में साझेदार हैं। सीएनएन के अनुसार, यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को जारी रखने के लिए पुतिन उत्तर कोरिया से हथियार प्राप्त करने को लेकर बड़ी डील कर सकते हैं। पुतिन के सहयोगी यूरी उशाकोव ने भी सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि पुतिन की यात्रा का एजेंडा महत्वपूर्ण होगा। दोनों नेता एक नई रणनीतिक साझेदारी पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं।
उशाकोव ने जोर देकर कहा था कि यह समझौता न तो उकसाने वाला है और न ही अन्य देशों के खिलाफ है, बल्कि इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर एशिया में अधिक स्थिरता सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि नया समझौता 1961, 2000 और 2001 में मास्को और प्योंगयांग के बीच हस्ताक्षरित दस्तावेजों की जगह लेगा।
उत्तर कोरिया की राज्य समाचार एजेंसी केसीएनए ने कहा कि देशों की साझेदारी “एक नई बहु-ध्रुवीय दुनिया के निर्माण में तेजी लाने के लिए एक इंजन” है और पुतिन की यात्रा उनकी दोस्ती और एकता की अजेयता और स्थायित्व को प्रदर्शित करती है।
पुतिन-किम जोंग की मुलाकात का क्या महत्व है?
बुधवार की सुबह व्लादिमीर पुतिन के आगमन से पहले प्योंगयांग की सड़कों को रूसी झंडों और उनके पोस्टरों से सजाया गया था। पुतिन की यात्रा पर पूरी दुनिया की निगाह है। कहा जा रहा है कि इस यात्रा से दोनों शक्तियों के बीच बढ़ती साझेदारी को और मजबूती मिलेगी, जो पश्चिम के प्रति उनकी साझा दुश्मनी पर आधारित है।
जबकि भारी प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया ने मास्को से राजनीतिक समर्थन और आर्थिक सहायता और व्यापार के वादे हासिल किए हैं। पुतिन की उत्तर कोरिया यात्रा से रिश्ते और मजबूत होंगे। कहा जा रहा है कि इस दौरे में पुतिन रक्षा से जुड़े मामलों पर बड़ी डील कर सकते हैं। पर्यवेक्षकों के अनुसार, दो दिवसीय यात्रा में अन्य बातों के अलावा प्योंगयांग से हथियारों की आपूर्ति पर फोकस होगा, जिसका उपयोग रूस यूक्रेन के खिलाफ अपने युद्ध में करना चाहता है।हालांकि क्रेमिलन ने रूसी राष्ट्रपति के दौरे को मैत्रीपूर्ण राजकीय यात्रा करार दिया है।
पुतिन की उत्तर कोरिया यात्रा पर अमेरिका ने क्या प्रतिक्रिया दी
रूस और उत्तर कोरिया के बीच बढ़ते सहयोग पर अमेरिका ने गंभीर चिंता व्यक्त की। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उत्तर कोरिया यात्रा “बड़ी चिंता का कारण” है।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता पैट राइडर ने मंगलवार को वाशिंगटन में कहा, “रूस और उत्तर कोरिया के बीच गहराता सहयोग ऐसी बात है जिस पर चिंतित होने की जरूरत है।”
राइडर ने कहा, “खासकर उन लोगों के लिए जो कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता बनाए रखने में रुचि रखते हैं, लेकिन रूसी आक्रमकता के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे यूक्रेन के लोगों का समर्थन भी करना चाहते हैं।”
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि उत्तर कोरिया से हथियारों की डिलीवरी के कारण रूस यूक्रेन में युद्ध छेड़ने में सक्षम हुआ है। जीन-पियरे ने कहा, “हम नहीं मानते कि किसी भी देश को पुतिन को उस आक्रामक युद्ध के प्रचार के लिए मंच प्रदान करना चाहिए, जो हम यूक्रेन और रूस के बीच देख रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि यह युद्ध “संयुक्त राष्ट्र चार्टर का स्पष्ट रूप से उल्लंघन करता है और अंतर्राष्ट्रीय तंत्र को कमजोर कर रहा है”।
अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काफी हद तक अलग-थलग पड़ चुके उत्तर कोरिया पर यूक्रेन के पश्चिमी सहयोगियों ने रूस को हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति करने का आरोप लगाया है। मॉस्को और प्योंगयांग की सरकारों ने बार-बार उन दावों को खारिज किया है।