दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक माइक्रोसॉफ्ट ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को लेकर चौंकाने वाले दावे किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने दावा किया है कि चीन और रूस आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित कर रहे हैं और इसकी लिए सोशल मीडिया और एआई की मदद ली जा रही है।
दावा यह भी किया गया है कि 2016 और 2020 के पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के मुकाबले इस बार विदेशों से यह प्रभाव पहले की तुलना में काफी धीमी गति से हो रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा होगा क्योंकि अभी तक इस चुनाव में ज्यादा उम्मीदवार नहीं उतरे हैं और उम्मीदवारों की कम संख्या भी एक कारण हो सकती है।
माइक्रोसॉफ्ट ने क्या दावे किए हैं
दूसरी तरफ माइक्रोसॉफ्ट थ्रेट इंटेलिजेंस इलेक्शन रिपोर्ट के अनुसार, रूस का पूरा ध्यान इस बात पर है कि वह कैसे अमेरिकियों को यूक्रेन के प्रति कम समर्थक बनाए। वहीं चीन को लेकर यह दावा किया गया है कि वह अपने लोकतंत्र में विश्वास को कमजोर करने के लिए अमेरिका के विभाजन का उपयोग करना चाहता है।
रिपोर्ट में यह कहा गया है कि चुनावों को प्रभावित करने के लिए रूस बहुत ही एडवांस एआई का इस्तेमाल नहीं कर रहा है बल्कि वह कमजोर एआई वाले कंटेंट को तैयार कर रहा है जो लोगों की राय को आसानी से प्रभावित कर सकता है।
माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि पिछले दो महीनों में रूसी प्रभाव अभियानों में तेजी आई है। यही नहीं माइक्रोसॉफ्ट थ्रेट एनालिसिस सेंटर (एमटीएसी) ने यह भी दावा है कि उसने यूक्रेन-केंद्रित दुष्प्रचार में लगे कम से कम 70 रूसी कलाकारों को ट्रैक किया जिन्हें चुनावों को प्रभावित करने के लिए तैयार किया गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैसे रूस सोशल मीडिया और पारंपरिक समाचारों के जरिए अमेरिकी लोगों में गलत जानकारी फैला रही है। अमेरिकी लोग इन जानकारियों को सही मानकर इसे शेयर कर रहे हैं जबकि उन्हें पता नहीं है कि उन तक फेक न्यूज पहुंचाया गया है।
रूसी कलाकार कई भाषाओं का भी इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे वे अपने एजेंडा को फैला सकें।
चीन के बाद ईरान भी कर रहा है
दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी कहा है कि आगामी अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने में चीन भी पीछे नहीं है और वह अपने एजेंडे के समर्थन वाले फोटो, मीम्स और वीडियो जमकर तैयार कर रहा है।
दावा है कि चीन चुनावों में प्रभाव डालने वाले अभियानों में तेजी से एआई का इस्तेमाल कर रहा है और इससे वे अमेरिकियों को प्रभावित कर रहा है। माइक्रोसॉफ्ट ने यह भी बताया कि एआई कंटेंट जैसे ऑडियो लोगों पर काफी प्रभाव डालते हैं और इस के प्रभाव से किसी बात पर आसानी से विश्वास दिलाया जा सकता है।
हालांकि रिपोर्ट में ईरान को लेकर भी दावा किया गया है और कहा गया है कि अभी तक इस अभियान में वह ज्यादा सक्रिय नहीं है। लेकिन ऐसी आशंका जताई जा रही है कि जैसे जैसे अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों का समय नजदीक आइएगा, ईरान के अपने अभियान को तेज कर सकता है और चुनावों को प्रभावित कर सकता है।