सुवा (फिजी): फिजी के लाबासा स्थित वुनिकुइकुइ शिव मंदिर में एक अपवित्रीकरण की घटना सामने आई है। मंदिर समिति ने कहा है कि मंदिर परिसर में पवित्र रामायण के पन्ने फाड़े गए हैं। इसकी जानकारी समिति ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में दी है। मंदिर समिति ने इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हुए सांप्रदायिक सौहार्द और धार्मिक सहिष्णुता की अपील की है।
मंदिर प्रशासन ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि सभी धार्मिक ग्रंथ- चाहे वह रामायण, बाइबल, कुरान या गीता हो- करोड़ों लोगों के लिए आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सांत्वना के स्रोत हैं। इन ग्रंथों का सम्मान करना सभी समुदायों की जिम्मेदारी है।
मंदिर समिति ने कहा, "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सभी को प्राप्त है, लेकिन इसका प्रयोग जिम्मेदारी से किया जाना चाहिए। धार्मिक मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहिए, न कि अपवित्रीकरण जैसे कृत्यों से।"
राम नवमी के अवसर पर विशेष प्रार्थना
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हिंदू समुदाय भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव ‘राम नवमी’ मना रहा है। इस मौके पर मंदिर के श्रद्धालुओं ने श्रीराम से प्रार्थना की कि वे इस कृत्य को अंजाम देने वालों को सद्बुद्धि प्रदान करें।
मंदिर प्रशासन ने अपने बयान में कहा, "जो लोग इस निंदनीय कृत्य में शामिल हैं, हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं कि वे शांति, ज्ञान और विनम्रता को अपनाएं और दूसरों की आस्थाओं का सम्मान करना सीखें।"
मंदिर समिति ने कहा, "जब किसी धर्म के पवित्र ग्रंथों का अपमान किया जाता है, तो यह सिर्फ कागज और स्याही पर हमला नहीं होता, बल्कि उन लोगों के दिलों को ठेस पहुंचती है जो इनमें आस्था रखते हैं। हमें अपने मतभेदों को समझदारी और सम्मान के साथ हल करना चाहिए।"
धार्मिक ग्रंथों का सम्मान करें, विभाजन नहीं
समिति ने आगे कहा, "रामायण, बाइबल, कुरान और गीता सदियों से सभ्यताओं को प्रेरित करती आई हैं। इन्हें अपमानित करने से सिर्फ धार्मिक विभाजन बढ़ता है। हमें ऐसा समाज बनाना चाहिए, जहां विभिन्न मान्यताओं को तिरस्कार की बजाय जिज्ञासा और आपसी समझ के साथ देखा जाए।"
मंदिर समिति ने इस घटना पर दुख जताते हुए सभी समुदायों से सहिष्णुता और परस्पर सम्मान बनाए रखने की अपील की है। घटना की जानकारी स्थानीय प्रशासन और फिजी पुलिस बल को दे दी गई है।