तुर्की के कई शहरों में सड़क पर उतरीं सैकड़ों महिलाएं

महिलाओं की हत्याओं को लेकर एक निगरानी समूह ने दावा किया है कि इस साल तुर्की में अब तक 299 महिलाओं की मौत हो गई है।

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Protests in many cities of Türkiye including the capital Ankara against the increasing murders of women

महिलाओं की बढ़ती हत्याओं के विरोध में राजधानी अंकारा समेत तुर्की के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन (फोटो- IANS)

अंकारा: तुर्की की राजधानी अंकारा समेत कई शहरों में सैकड़ों महिलाओं ने स्त्रियों के खिलाफ बढ़ रही हिंसा के खिलाफ सड़क पर उतर रही हैं।  एक ही दिन में दो महिलाओं की हत्या के बाद महिला संगठनों ने विरोध प्रदर्शन और रैलियों का आयोजन किया।

पिछले एक हफ्ते से देश के कई हिस्सों में जैसे राजधानी अंकारा, इजमिर और कई अन्य शहरों में इस तरह के प्रदर्शन देखे गए हैं। यह प्रदर्शन खासकर यूनिवर्सिटियों के कैंपसों में आयोजित किए गए हैं। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार महिलाओं की हत्याओं को रोकने में विफल रही है। उन लोगों ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन और उनकी पार्टी की जमकर आलोचना भी की है।

एक ही रात दो महिलाओं की हुई है हत्या

पिछले हफ्ते तुर्की के शहर इस्तांबुल में 19 साल के समीह सालिक नामक एक शख्स ने एक युवती की हत्या कर दी। शख्स ने महिला को उसकी माँ के सामने ही मार डाला था। इस घटना के कुछ देर बाद आरोपी ने एक और महिला की हत्या की थी।

घटना के बाद पुलिस ने आरोपी सालिक को गिरफ्तार कर लिया था जिसने पुलिस हिरासत में आत्महत्या कर ली। इस्तांबुल के अधिकारियों के अनुसार, आधे घंटे के अंतराल के बाद आरोपी ने दोनों हत्याएं की थी। अधिकारियों ने आगे कहा है कि आरोपी और दोनों महिलाओं की उम्र 19 साल थी।

हालांकि अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि दोनों महिलाएं और आरोपी एक दूसरे को पहले से जानते थे कि नहीं। शहर में एक के बाद एक हत्याओं को लेकर महिलाओं में काफी गुस्सा है।

पिछले कई महीनों से जिस तरीके से तुर्की में महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है, इसे लेकर कई दिनों से वहां पर विरोध प्रदर्शन और रैलियां निकाली जा रही है।

महिलाओं के विरोध प्रदर्शन में गुलिजार सेजर नामक एक महिला ने भी हिस्सा लिया है। सेजर की बेटी की जून में हत्या कर दी गई थी और उसकी लाश को कालीन में लपेटकर समुद्र में फेंक दिया गया था।

राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने क्या कहा है

महिलाओं के साथ हो रही हिंसा को लेकर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भी प्रतिक्रिया दी थी। इससे पहले उन्होंने इन घटनाओं के पीछे सोशल मीडिया और शराब को जिम्मेदार ठहराया था।

बाद में उन्होंने न्याय प्रणाली को मजबूत करने और अपराध के खिलाफ सख्त कदम उठाने बात कही है। इन वादों के बावजूद, तुर्की को महिलाओं के खिलाफ हिंसा को नियंत्रित करने में लगातार कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

इस साल अब तक 299 महिलाओं की हो गई है मौत

महिलाओं की हत्याओं को लेकर एक निगरानी समूह ने दावा किया है कि इस साल तुर्की में अब तक 299 महिलाओं की मौत हो गई है। इन मौत में 160 से अधिक ऐसी मौतें हैं जिनकी पहचान आत्महत्या या दुर्घटना के रूप में हुई है।

एक नारीवादी संस्था के अनुसार, पिछले साल 315 महिलाओं की हत्याएं हुई थी। इन हत्याओं में 65 फीदसी हत्याएं घरों में ही की गई है।

साल 2021 से तुर्की इस्तांबुल कन्वेंशन से हट गया है। यह यूरोप परिषद की एक संधि थी जिसका उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को कानूनी तरीके से रोकना और अपराधियों को सजा देना था। इस कन्वेंशन को साल 2011 में अपनाया गया था और साल 2014 में इसे लागू किया गया था।

संधि तुर्की सरकार को पहले लिंग आधारित हिंसा की जांच करने और अपराधियों को दंडित करने के लिए बाध्य करती थी। लेकिन जब से तुर्की इस संधि से बाहर हुआ है, वहां पर हालात और भी खराब हो गए हैं।

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