बीजिंग: उत्तर पश्चिमी चीन में एक छात्र की मौत के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होने की खबरें सामने आई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई वीडियो में प्रदर्शनकारियों को पुलिस पर कुछ चीजें फेंकते हुए देखा जा सकता है। वहीं, कुछ अधिकारी घटनास्थल पर लोगों को पीटते हुए भी नजर आ रहे हैं।

चीन से आमतौर पर प्रदर्शन और ऐसी झड़पों की तस्वीरें बहुत कम सामने आती हैं। ताजा घटना यह घटना पुचेंग (Pucheng) की जो चीन के शांग्सी (Shaanxi) प्रांत में स्थित है। हालांकि, सवाल है कि छात्र की मौत कैसे हुई और क्यों इस घटना के बाद विरोध प्रदर्शनों हो रहे हैं?

17 साल के छात्र की मौत...हत्या या हादसा?

दरअसल, 2 जनवरी को 17 वर्षीय छात्र की मौत अपने स्कूल के छात्रावास से गिरकर हुई। अधिकारियों ने इसे दुर्घटना करार दिया। हालांकि, इस मौत को लेकर सोशल मीडिया के जरिए आरोप फैलने लगे कि मामले में कुछ छुपाया जा रहा है। इसके बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जो कुछ दिनों तक जारी रहे।


बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार इस हफ्ते की शुरुआत तक इन प्रदर्शनों को पूरी तरह से दबाया जा चुका है। फिलहाल पुचेंग में विरोध के कोई और जाता सबूत नहीं मिले हैं। चीन में सार्वजनिक प्रदर्शन ऐसे भी असामान्य जैसी बात होती है। वहीं, 2022 में कोविड नीतियों के खिलाफ व्हाइट पेपर विरोध प्रदर्शन के बाद से अधिकारी ऐसी चीजों को लेकर और विशेष रूप से सतर्क रहे हैं। उस समय चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना देखी गई थी, जो चीन के लिए दुर्लभ है।

प्रदर्शन की तस्वीरों और वीडियो को किया गया सेंसर

पुचेंग में हुए इस विरोध प्रदर्शन की स्थानीय मीडिया में चर्चा या कवरेज की कोई खबर नहीं है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार विरोध-प्रदर्शन के किसी भी क्लिप या इसकी चर्चा को चीनी सोशल मीडिया से बड़े पैमाने पर सेंसर किया गया है। चीन में आमतौर पर अधिकारियों द्वारा संवेदनशील समझी जाने वाली घटनाओं के मामले में ऐसा किया जाता है।

हालांकि, इन सबके बावजूद कई वीडियो चीन से लीक हुए हैं और अब एक्स पर पोस्ट किए गए हैं। ये पुष्टि हुई है कि वीडियो पुचेंग वोकेशनल एजुकेशन सेंटर में फिल्माए गए थे और ये पहले के किसी और घटना के नहीं है।

17 साल के छात्र की मौत कैसे हुई थी...क्या है पूरा मामला?

चीन के सरकारी टीवी चैनल सीसीटीवी की रिपोर्ट में कहा गया कि मरने वाले किशोर की पहचान पुचेंग के एक शैक्षिक केंद्र में तीसरे वर्ष के छात्र के रूप में की। रिपोर्ट में उसका सरनेम डांग बताया गया। सीसीटीवी के अनुसार अधिकारियों ने एक रूममेट के साथ 'मौखिक विवाद और झगड़े' के बाद डांग की मौत की बात सामने आने पर मामले की जांच की थी। यह जांच हजारों नाराज लोगों के स्कूल के बाहर इकट्ठा होने और पुलिस के साथ झड़प के बाद हुई।

रिपोर्ट के मुताबिक, रात में डांग को उसके छात्रावास में बातचीत कर रहे अन्य छात्रों ने जगाया। डांग के साथी छात्र के साथ हुए बहस और विवाद को स्कूल के एक अधिकारी ने सुलझा दिया था। हालांकि, उस रात बाद में एक अन्य छात्र को छात्रावास की इमारत के नीचे डांग का शव मिला।

बयान में इस घटना को 'एक दुर्घटना बताया गया, जिसमें छात्र स्कूल में ऊंचाई से गिर गया।' इसमें आगे कहा गया है कि पुलिस जांच और पोस्टमार्टम भी किया गया। इससे जो नतीजे निकले उसे देखते हुए मामले को एक आपराधिक केस से बाहर रखा गया है।

हालांकि, सोशल मीडिया पर ऐसी बातें फैली कि स्कूल और अधिकारी सच्चाई छिपा रहे हैं। सोशल मीडिया पप एक लेख में दावा किया गया कि डांग का जिस लड़के से झगड़ा हुआ था, उससे धमकी मिलने के बाद उसने खुद को मार डाला।

ऐसे ही डांग के परिवार के हवाले से सोशल मीडिया पर ऐसी टिप्पणियाँ प्रसारित हुईं जिसमें कई आरोप लगाए गए। इन आरोपों में कहा गया कि परिवार को डांग के शव को लंबे समय तक नहीं देखने दिया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि डांग के शरीर पर चोट के विवरण जो अधिकारियों ने बताए थे, वो गलत थे। सोशल मीडिया पर फैली इन बातों के बाद पुचेंग में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इनमें सैकड़ों लोग शामिल हुए।

फिलहाल इस मामले में प्रदर्शनों के बाद आगे क्या हुआ इसके बारे में बहुत जानकारी सामने नहीं आ सकी है। हालांकि, सोशल मीडिया पर रिपोर्टों से पता चलता है कि हाल के दिनों में पुचेंग में बहुत बड़ी संख्या में पुलिस की उपस्थिति है और प्रदर्शन भी बंद हैं। साथ ही अधिकारियों ने जनता से 'अफवाहें न फैलाने, अफवाहों पर विश्वास न करने' का आग्रह किया है।