वेटिकनः पोप फ्रांसिस की मृत्यु 21 अप्रैल को हुई थी। इटली के रोम में आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। वेटिकन ने कहा है कि उनके अंतिम संस्कार में 150 से अधिक प्रतिनिधिमंडल शामिल होंगे। इनमें 54 राष्ट्राध्यक्ष और 12 शासक शामिल होंगे। इसके अलावा हजारों की संख्या में श्रद्धालु भी भाग लेंगे। 

पोप फ्रांसिस को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए 2,50,000 से अधिक लोग जुटे। यह कार्यक्रम शुक्रवार को समाप्त हुआ जब सेंट पीटर्स स्क्वायर में उनके राजकीय अंतिम संस्कार से पहले उनके ताबूत को सील कर दिया गया और वेटिकन की दीवारों के बाहर एक बेसिलिका में उन्हें दफनाया गया। 

सांता मार्टा चैपल में रखा गया था ताबूत

फ्रांसिस के ताबूत को मूल रूप से सांता मार्टा चैपल में फ्रांसिस के निवास में रखा गया था जिसे बुधवार की सुबह तीन दिनों के लिए सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए सेंट पीटर बेसिलिका में ले जाया गया था। 

फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में दुनियाभर के नेता जुटे जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत की महामहिम द्रौपदी मुर्मू, अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई समेत अन्य नेता थे। वेटिकन ने कहा है कि 164 प्रतिनिधिमंडल आए हैं।

2,500 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती

इटली ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए 2,500 से अधिक पुलिस अधिकारी और 1,500 सैनिकों की तैनाती की है। शोकसभा में 2-3 लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। 

फ्रांसिस पहले लैटिन अमेरिकी थे जो पोप बने। 88 वर्ष की आयु में निमोनिया से उपचार के दौरान स्ट्रोक के चलते उनकी मौत हो गई। इससे पहले वह बीमारी के चलते लंबे समय तक अस्पताल में थे। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और बाद में उन्हें निमोनिया भी हो गया था। स्वास्थ्य में गिरावट के चलते उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया था। 

उनका असली नाम जॉर्ज मारियो बर्गीलियो था। साल 2013 में उन्हें पोप चुना गया था। उनकी मौत के बाद अब दूसरे पोप का चुनाव होगा जिसमें दुनियाभर के कार्डिनल जुटेंगे।