नई दिल्लीः भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पांच देशों के दौरे की शुरुआत घाना की ऐतिहासिक यात्रा के साथ की। पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति, उनकी पत्नी, उपराष्ट्रपति और स्पीकर को खास गिफ्ट भेंट किए। खास बात यह है कि भेंट किए गए गिफ्ट का भारतीय कला-संस्कृति से कनेक्शन है। इतना ही नहीं इन गिफ्ट के जरिए भारत की कला, कारीगरी और विरासत को वहां के लोगों तक पहुंचाने का मैसेज दिया गया है।
उन्होंने घाना के राष्ट्रपति जॉनड्रामानीमहामा को फूलदान और उनकी पत्नी को चांदी का पर्सगिफ्ट में दिया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने घाना के उपराष्ट्रपति प्रोफेसर नाना जेनओपोकु-अग्येमांग को कश्मीरी पश्मीनाशॉल, स्पीकर को लघु हाथी अंबावरी तोहफे में दिया।
राष्ट्रपति को दिए फूलदान
पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉनड्रामानीमहामा को बिदरी कलाकृति से सजाए गए फूलदान दिए। इनका निर्माण कर्नाटक के बीदर के कारीगर करते हैं। यह भारत के प्रसिद्ध धातु शिल्प को दर्शाती है, जो अपनी आकर्षक काली फिनिश और बेहतरीन चांदी की जड़ाई के लिए जानी जाती है। यह सदियों पुरानी तकनीक का उपयोग करके कुशल कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित है। फूलदान जिंक-कॉपर मिश्र धातु से बने हैं, इन पर सुंदरता और समृद्धि के प्रतीक पुष्प आकृतियों को उकेरा गया है।
इसके साथ ही पीएम मोदी ने राष्ट्रपति की पत्नी लॉर्डिनामहामा को चांदी का बना पर्स उपहार में दिया। ओडिशा के कटक का यह खूबसूरत सिल्वरफिलिग्रीवर्कपर्स, इस क्षेत्र के प्रसिद्ध तारकासी शिल्प का एक शानदार उदाहरण है। यह 500 वर्षों से अधिक समय से परिष्कृत जटिल सिल्वरफिलिग्री है। जिसे कुशल कारीगरों द्वारा हाथों से तैयार किया गया है। इसमें महीन चांदी के तारों से पुष्प और बेल की आकृति हैं, जो इसे बेहद आकर्षक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाती है।
उपराष्ट्रपति को दी पश्मीना शॉल
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के उपराष्ट्रपति प्रोफेसर नाना जेनओपोकु-अग्येमांग को कश्मीरी पश्मीनाशॉल उपहार में दी। पश्मीनाशॉल कश्मीर में चंगथांगी बकरी के बेहतरीन अंडरकोट से तैयार की जाती है। यह शानदार पश्मीनाशॉल, कालातीत कलात्मकता और शान का प्रतिनिधित्व करता है। यह अपनी असाधारण कोमलता, गर्माहट और हल्केपन के लिए प्रसिद्ध है।
प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के स्पीकर अल्बनबैगबिन को पश्चिम बंगाल में तैयार किया गया हाथी अंबावरी उपहार में दिया। यह हाथी अंबावरी शाही परंपरा और भारत की समृद्ध कलात्मक विरासत का प्रतीक है। यह कृति पॉलिश किए गए सिंथेटिकहाथीदांत से बनाई गई है, जो कि प्राकृतिक हाथीदांत का एक नैतिक और टिकाऊ विकल्प है। हाथी अंबावरीसिंथेटिकआइवरी यानी पर्यावरण के अनुकूल विकल्प से बनाई गई है। इसमें बारीकी से नक्काशी की गई है, जो भारत की उत्कृष्ट कारीगरी और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाती है।
(यह खबर आईएएनएस समाचार एजेंसी की फीड द्वारा प्रकाशित है। इसका शीर्षक बोले भारत न्यूजडेस्क द्वारा दिया गया है।)