युद्धविराम के लिए दबाव के बीच बेंजामिन नेतन्याहू के सख्त तेवर, कहा- फिलाडेल्फी छोड़ा तो हमास फिर दोहराएगा 7 अक्टूबर

बंधकों की मौत पर बोलते हुए पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, इजराइल इस नरसंहार को नजरअंदाज नहीं करेगा। हमास को इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

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pm Benjamin Netanyahu tough stance amid pressure for gaza ceasefire said If Philadelphia is left Hamas will repeat it again israel October 7 attack

युद्धविराम के लिए दबाव के बीच बेंजामिन नेतन्याहू के सख्त तेवर, कहा- फिलाडेल्फी छोड़ा तो हमास फिर दोहराएगा 7 अक्टूबर (फोटो- IANS)

तेल अवीव: इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने फिलाडेल्फी कॉरिडोर यानी गलियारे पर इजराइली नियंत्रण को बनाए रखने पर अपने रुख का बचाव किया है।

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि गाजा और मिस्र बॉर्डर पर फिलाडेल्फी कॉरिडोर पर इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) को तैनाती किए रखना देश की सुरक्षा के लिए 'रणनीतिक जरूरत' और अनिवार्य है।

नेतन्याहू ने सोमवार देर रात एक बयान में कहा कि 14 किमी लंबी ये जमीन की पट्टी इजराइल के लिए अपने युद्ध उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है। उन्होंने आगे कहा है कि फिलाडेल्फी कॉरिडोर हमास को हथियार मुहैया कराने का एक मुख्य रास्ता है।

बता दें कि दो दिन पहले गाजा पट्टी के रफाह क्षेत्र से दो महिलाओं समेत छह बंधकों के शव बरामद किया गया है। शव मिलने पर इजराइल में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए हैं और इसे लेकर विपक्ष ने भी इजराइल के पीएम पर हमला बोला है।

प्रदर्शनकारी हमास के कब्जे से बंधकों को छुड़ाने की मांग कर रहे हैं और बेंजामिन नेतन्याहू पर युद्धविराम के लिए दबाव डाल रहे हैं। इन सब से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू काफी दबाव में हैं।

उधर अमेरिका ने भी नेतन्याहू पर बंधकों को हमास से छुड़ाने के लिए डील के लिए तैयार नहीं होने पर इजराइल की आलोचना की है। छह बंधकों की मौत के बाद अमेरिका भी दबाव में है।

बेंजामिन नेतन्याहू ने क्या कहा है

फिलाडेल्फी कॉरिडोर से इजराइली नियंत्रण को हटाए जाने पर बोलते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है गलियारे से इजराइली सैनिकों को स्थायी रूप से हटाने से हमास फिर से संगठित हो सकता है और वह इजराइल के लिए फिर से खतरा बन सकता है।

पीएम नेतन्याहू ने इजराइल में हुए सात अक्टूबर जैसे भविष्य के हमलों की रोकथाम के लिए गलियारे को सीधे तौर पर जोड़ा है। उन्होंने कहा है कि अगर सेना गलियारे से हट जाती है तो भविष्य में सात अक्टूबर जैसे और घटनाएं घट सकती है जिसका हमास ने पहले ही वादा कर रखा है।

नेतन्याहू ने गलियारे को हमास की "ऑक्सीजन और फिर से हथियारबंद होने के लिए पाइपलाइन" बताया है। उन्होंने दावा किया है कि गलियारे पर कंट्रोल करने से इजराइल इस युद्ध में अपने लक्ष्यों को पाने में कामयाब हो सकता है।

इस युद्ध के जरिए इजराइल हमास का विनाश और गाजा से भविष्य के खतरों की रोकथाम करना का लक्ष्य रखता है।

नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल को यह सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र पर नियंत्रण रखना चाहिए कि यहां से हथियारों की तस्करी न हो। उन्होंने जोर देकर आगे कहा है कि गलियारे पर इजराइल का नियंत्रण यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है कि इजराइल में सात अक्टूबर जैसे हमले दोबारा न हों।

बता दें कि हमास ने सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर अचानक हमला किया था। हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 अन्य को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद से ही इजराइल की सेना हमास के खिलाफ बड़े पैमाने पर हमला कर रही है।

बंधकों की मौत पर क्या बोले हैं पीएम बेंजामिन 

पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने उन दावों को खारिज किया है जिसमें उनके सेना द्वारा गलियारे को नियंत्रित करने को लेकर बंधकों की मौत हुई है। नेतन्याहू ने कहा कि हमास को बंधकों की कथित हत्या के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

नेतन्याहू ने कहा, "इजराइल इस नरसंहार को नजरअंदाज नहीं करेगा। हमास को इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।"

बंधकों की मौत पर हमास ने क्या कहा है

आईडीएफ के अनुसार, बंधकों की हत्या इजराइली सैनिकों के पहुंचने से 48-72 घंटे पहले हमास आतंकवादियों ने की थी। इस बीच हमास ने एक प्रेस बयान में साफ किया कि शव इजराइली सेना को राफा में एक सुरंग में मिले थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे इजराइली गोलाबारी में मारे गए।

इजराइल में रविवार और सोमवार को लाखों इजराइली लोगों ने रैली निकाली थी। बंधकों के परिवार फोरम ने नेतन्याहू पर स्थिति को संभालने में "आपराधिक लापरवाही" का आरोप लगाया है। यही नहीं उन्होंने मांग की कि नेतन्याहू गाजा में बंधकों की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हमास के साथ युद्धविराम पर बातचीत करें।

युद्धविराम पर बोलते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास पर आरोप लगाया है कि वे असल में समझौता करना ही नहीं चाहते हैं। विपक्षी नेता यायर लापिड ने इस पूरे मुद्दे में नेतन्याहू के रुख को राजनीतिक पैंतरेबाजी करार दिया है। उन्होंने पीएम पर बंधकों की वापसी को प्राथमिकता देने में विफल रहने का आरोप लगाया है।

इजराइल के युद्धविराम समझौते अमेरिका ने क्या कहा

सोमवार को हमास के साथ समझौते को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि बेंजामिन नेतन्याहू हमास द्वारा गाजा में बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई के लिए एक समझौते को पक्का करने में कोई पर्याप्त प्रयास नहीं कर रहे हैं।

बाइडन ने यह भी कहा है कि अमेरिका बंधकों और युद्धविराम समझौते के लिए अंतिम प्रस्ताव पेश करने के बहुत ही करीब भी था।

बाइडन का बयान अमेरिकी-इजराइल हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन सहित छह बंधकों के शवों की गाजा में बरामदगी के बाद आई है जिसके बाद बाइडन और बेंजामिन नेतन्याहू दोनों पर शांति समझौते का दबाव बढ़ा है।

उधर युद्धविराम समझौते पर बोलते हुए बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि दबाव उन पर नहीं बल्कि हमास पर होना चाहिए था।

क्या है फिलाडेल्फी कॉरिडोर

फिलाडेल्फी कॉरिडोर जिसे फिलाडेल्फी रूट के नाम से भी जाना जाता है,  यह एक संकीर्ण पट्टी है जो गाजा और मिस्र सीमा की पूरी लंबाई तक फैली हुई है। यह पट्टी 14 किलोमीटर तक फैली हुई है जिसकी चौड़ाई लगभग 100 मीटर है। इसकी स्थापना 1979 की इजराइल और मिस्र के शांति संधि के रूप में की गई थी।

इस गलियारे का उद्देश्य गाजा और मिस्र के बीच हथियारों की तस्करी और लोगों की अनधिकृत आवाजाही को रोकने के लिए एक बफर जोन के रूप में काम करना था।

शुरुआत में इस पट्टी पर इजराइल का कब्जा था लेकिन साल 2005 में फिलाडेल्फी समझौता हुआ था जिसके बाद से इजराइली सेना यहां से हट गई थी और इसका पूरा कंट्रोल मिस्र और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के पास चला गया था।

क्यों गलियारा इजराइल के लिए हैं चिंता का विषय

हालांकि इजराइल ने यह पट्टी छोड़ दी थी लेकिन इसके बावजूद, गलियारा इजराइल के लिए एक गंभीर सुरक्षा चिंता का विषय बना हुआ था। इजराइल के लिए यह चिंता उस समय और भी बढ़ गया था जब 2007 में हमास ने गाजा पर अपना कंट्रोल बना लिया था।

आरोप है कि गलियारे के नीचे तस्कीर के लिए कई सुरंगों का निर्माण हुआ था और लोगों के आवाजाही पर भी कोई खास कंट्रोल नहीं किया गया था। इजराइल ने मिस्र पर इलाको को सही से कंट्रोल नहीं करने का भी आरोप लगाते आ रहा है। बेंजामिन नेतन्याहू ने हाल में भी मिस्र पर यह आरोप भी लगाया है।

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