इस्लामाबाद: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बंधक बनाए गए ट्रेन से 100 से अधिक यात्रियों को छुड़ा लिया गया है। साथ ही पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बताया कि कम से कम 16 बलोच अलगाववादी उग्रवादियों को मार गिराया गया है। ट्रेन में 400 से ज्यादा यात्री सवार हैं। ट्रेन पर हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी में अलगाववादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली थी। ये हमला क्वेटा से पेशावर जा रही जाफर एक्सप्रेस पर मंगलवार को हुआ था।

बीबीसी की एक एक रिपोर्ट के अनुसार जाफर एक्सप्रेस के 80 यात्री मच्छ रेलवे स्टेशन पहुंचाए गए हैं, जहां उन्हें प्राथमिक चिकित्सा दी गई है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस ट्रेन में 9 डब्बे थे और 400 से ज्यादा लोग सवार थे। पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी ने बताया कि जाफर एक्सप्रेस के कई यात्रियों को ट्रेन से उतारकर अलगाववादी पहाड़ी इलाके में ले गए हैं।

रात भर चलती रही गोलीबारी

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार बलोच अलगाववादियों और पाकिस्तानी सेना के बीच रात भर गोलीबारी जारी रही। यह स्पष्ट नहीं है कि जाफर एक्सप्रेस में कितने बंधक बचे हैं। कुछ रिपोर्ट के अनुसार हमलावरों ने अंधेरे में भागने के लिए छोटे-छोटे समूह बना लिए थे, लेकिन सैन्य बलों ने उस सुरंग में उन्हें घेर लिया है, जहां ट्रेन को बंधक बनाया गया था।

इससे पहले कल यह खबर आई थी कि ट्रेन दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस पर गोलीबारी की गई। पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने बताया कि हमले एक ट्रेन चालक घायल हो गया।

बीएलए ने बाद में दावा किया कि उसके ऑपरेशन में 6 सुरक्षाकर्मी मारे गए हैं। उसने बताया था कि बंधक बनाए गए लोगों में सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हैं। बता दें कि अशांत बलूचिस्तान में अलगाववादी उग्रवादी समूहों ने सेना और क्षेत्र में चीनी परियोजनाओं के खिलाफ लगातार हमले किए हैं।

ट्रेन हाईजैक: क्या थी बलोच अलगाववादियों ने मांग?

बीएलए ने कल ट्रेन को बंधक बनाने के बाद 48 घंटे का अल्टीमेटम जारी किया था। इसमें कहा गया था कि अगर पाकिस्तानी सेना द्वारा अपहृत बलूच राजनीतिक कैदियों, कार्यकर्ताओं और लापता व्यक्तियों को रिहा नहीं किया जाता है, तो वे बंधकों को मार देंगे। उसने यह भी चेतावनी दी है कि अगर सैन्य हस्तक्षेप जारी रहा, तो सभी बंधकों को मार दिया जाएगा और ट्रेन को पूरी तरह से नष्ट कर दिया जाएगा। 

बीएलए बलूचिस्तान की आजादी चाहता है। यह कई जातीय विद्रोही समूहों में से सबसे बड़ा है, जिसने दशकों से पाकिस्तान सरकार से लड़ाई लड़ी है। संगठन का कहना है कि सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का अनुचित तरीके से दोहन कर रही है। बीएलए को पाकिस्तान, ईरान, चीन, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ ने आतंकी संगठन घोषित किया है।