नई दिल्लीः पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहा कि पाकिस्तान में कोई आतंकी संगठन नहीं है। इस पर एंकर के जवाब से अताउल्लाह की बोलती बंद हो गई।
दरअसल, भारत द्वारा पाकिस्तान पर किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तानी मंत्री स्काई न्यूज में के बातचीत के दौरान कहा कि पाकिस्तान में कोई आतंकी संगठन नहीं है। इस पर शो होस्ट कर रही एंकर ने उन्हें सही करते हुए कहा कि हाल ही में उनके शो में पाकिस्तान रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयान की याद दिलाई। इस दौरान ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि उनका देश तीन दशकों से अमेरिका के लिए गंदे काम कर रहा है।
अताउल्लाह तरार ने क्या कहा?
अताउल्लाह तरार ने शो में दावा किया कि "एक बात स्पष्ट कर दूं कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं है। पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार है। हम आतंकवाद के खिलाफ अग्रिम पंक्ति के देश हैं। दूसरी ओर जब जाफर एक्सप्रेस अपहरण हुआ तो भारत ने इसकी निंदा नहीं की।"
इसके जवाब में एंकर ने पलटवार करते हुए आसिफ द्वारा दिए गए हालिया बयान का जिक्र किया। उस दौरान आसिफ ने उन्हें (एंकर ) पाकिस्तान आने का निमंत्रण भी दिया था।
Pakistani information minister Ataullah Tarar just went up on Sky News. It didn’t go as planned. Incredible work by @SkyYaldaHakim 👏 pic.twitter.com/pNKJvrjIGo
— Shubhangi Sharma (@ItsShubhangi) May 6, 2025
एंकर ने याद दिलाया कि ख्वाजा आसिफ ने कहा था कि 9/11 के बाद आतंकवाद को खत्म करने में हम अग्रणी पंक्ति में था। मैं आपको पाकिस्तान आमंत्रित करना चाहता हूं।
एंकर ने तरार को यह भी याद दिलाया कि 9/11 हमलों का मास्टरमाइंट ओसामा बिन लादेन साल 2011 में पाकिस्तान के अबटाबाद में अमेरिका सेना द्वारा मार गिराया गया था।
भारत को बताया आक्रमक
वहीं, भारत के ऑपरेशन सिंदूर को आक्रमक करार देते हुए पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भारत के उकसावे का जवाब देगा।
मंत्री ने आगे कहा "हम जवाब दे रहे हैं। हमने उनके विमान मार गिराए हैं। भारत उकसाने वाला और हमलावर है।"
गौरतलब है कि भारत ने देर रात पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए भारत की तीनों सेनाओं द्वारा संयुक्त अभियान चलाया था। इसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय को निशाना बनाया गया। इसमें आतंकी मसूद अजहर के परिवार के 10 लोगों को मारा गया।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने यह कदम उठाया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट नामक संगठन ने ली थी। यह लश्कर-ए-तैयबा द्वारा वित्तपोषित संगठन है।