पाकिस्तान और ईरान ने 13 हजार अफगानियों को देश से निकाला, रिहायशी दस्तावेज नहीं होने का आरोप; प्रवासी बोले- सही कागज होने पर भी किया बाहर

पिछले कुछ महीने में ईरान और पाकिस्तान द्वारा भारी संख्या में अफगान प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने के मामलों में काफी तेजी देखी गई है। \r\n

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Pakistan Iran expelled 13 thousand Afghans from country accused of not having residential documents Migrant said thrown out even after having correct papers

प्रतिकात्मक फोटो (फोटो- IANS)

काबूल: ईरान और पाकिस्तान ने भारी संख्या में अफगान प्रवासियों को अपने देश से निकाल दिया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते ईरान और पाकिस्तान द्वारा 13447 अफगान प्रवासियों को उनके देश वापस भेजा दिया गया है।

तालिबान के नेतृत्व वाले मंत्रालय ने बताया कि ईरान ने 10,225 और पाकिस्तान ने 3,222 लोगों को अफगानिस्तान वापस भेजा है। अफगानिस्तान वापस आने वालों में महिलाएं और बच्चों की संख्या बहुत ज्यादा है।

उचित निवास दस्तावेज नहीं होने पर निकाले गए अफगान प्रवासी-दोनों देशों का दावा

बता दें कि ईरान और पाकिस्तान ने हाल में भारी संख्या में अफगान प्रवासियों को अपने देश से निकाला है और पिछले कुछ महीने में इस तरह के मामलों में काफी तेजी देखी गई है। दोनों देशों ने कहा है कि वे केवल उन अफगान प्रवासियों को अपने देश से बाहर निकाला हैं जिनके पास उचित निवास दस्तावेज नहीं थे।

लेकिन वैध दस्तावेजों वाले कुछ अफगानी प्रवासियों का दावा है कि उनके पास वैध दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें अधिकारियों द्वारा जबरन बाहर निकाला गया है।

ईरानी पुलिस ने अफगान प्रवासियों के साथ किया दुर्व्यवहार

तोरघुंडी, स्पिन बोल्डक, इस्लाम काला और फ्रेंडशिप ब्रिज जैसे सीमा पार से अफगान प्रवासी अपने देश वापस लौटे हैं। कुछ अफगान प्रवासियों ने यह भी दावा किया है कि ईरानी पुलिस ने उनके साथ कैंप में दुर्व्यवहार भी किया है।

इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने यह ऐलान किया था कि बिना दस्तावेज के देश में आने वालों और घुसपैठ को रोकने के लिए सीमाओं पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

तालिबान के शासन में अफगानिस्तान

इस तरह के भारी संख्या में अफगान प्रवासियों के उनके देश वापस लौटने पर अफगानिस्तान को बिगड़ते मानवीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह के हालात अफगान शरणार्थियों की सुरक्षा में चल रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन और उनकी चुनौतियों को दर्शाता है।

2021 में जब अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान को छोड़ दिया था तब तालिबान ने सत्ता संभाल लिया था। जब से तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता संभाला है तब से यहां की महिलाओं पर तरह-तरह के प्रतिबंध लगाएं हैं। तालिबान की सत्ता वापसी के कारण महिलाएं ज्यादा प्रभावित हुई हैं।

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