इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में एक हिंदू नागरिक की गोली मारकर हत्या करने का मामला सामने आया है। सामने आई जानकारी के अनुसार शख्स पर लगातार इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बनाया जा रहा था लेकिन उसने इससे इनकार किया था। इसके बाद उसे गोली मार दी गई।
सामने आई जानकारी के अनुसार घटना पेशावर के भाना मारी स्थित अमीन कॉलोनी इलाके में शनिवार देर शाम हुई जब मीना नाथ काम के बाद घर लौट रहे थे। मीना नाथ की उम्र 56 साल थी और वे एक सरकारी संस्थान में सफाई कर्मचारी थे। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी भागने में सफल रहा, जिसे कुछ घंटों बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया।
भाई का आरोप- धर्म परिवर्तन का था दबाव
इस पूरे मामले में मृतक के भाई सागर ने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। सागर ने पुलिस को बताया है कि आरोपी मुश्ताक पिछले कुछ महीनों से लगातार भाई पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव बना रहा था। मीना नाथ इसे इनकार करते रहे, हालांकि दबाव जारी रहा। सागर के अनुसार भाई के इनकार से चिढ़ कर मुश्ताक ने गोली मारी।
#BREAKING: Minority Hindu Man Meena Nath killed by an Islamist radical in Peshawar of KPK, Pakistan for refusing to convert to Islam. Over years several Hindu, Sikh & Christian community members have faced pressure and violent attacks by Islamists to convert to Islam in Pakistan. pic.twitter.com/5B7iWqTZOY
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 30, 2025
मारे गए मीना नाथ के चार बच्चे हैं। इनमें दो बेटे और दो बेटियां हैं। वहीं, स्थानीय पुलिस ने बताया ने बताया है कि आरोपी मुश्ताक को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस के अनुसार घटना के बाद डीएसपी सिटी यख तुत सर्किल के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई, जिसने 24 घंटे के भीतर मुश्ताक को चारसड्डा से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने बताया है कि प्रारंभिक जांच में आरोपी मुश्ताक ने हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है। मामले में फिलहाल आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का कैसा है हाल?
पिछले कई वर्षों से पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों खासकर हिंदू, सिख और ईसाई समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जाता रहा है। इस्लाम धर्म अपनाने के दबाव भी उन पर बनाने की खबरें आती रही हैं। खासकर अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को अगवा किए जाने और शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन की रिपोर्ट लगातार आती रही है।
पिछले ही साल पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि देश के अल्पसंख्यकों को 'धर्म के नाम पर लक्षित हिंसा' का सामना करना पड़ रहा है और राज्य उनकी रक्षा करने में विफल रहा है।
पाकिस्तान के डॉन न्यूज के अनुसार पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के एक सत्र में ख्वाजा ने कहा, 'अल्पसंख्यकों की रोजाना हत्या की जा रही है... पाकिस्तान में कोई भी धार्मिक अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं है। यहां तक कि मुसलमानों के छोटे संप्रदाय भी सुरक्षित नहीं हैं।'