पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र बलूचिस्तान में एक घातक हमले में बंदूकधारियों ने 23 यात्रियों को पहचान कर उन्हें बसों, वाहनों और ट्रकों से उतारने के बाद गोली मारकर मार डाला। पुलिस और अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ये जानकारी सामने आई है कि बलूच लिबरेशन आर्मी ने इन हमलों की जिम्मेदारी ली है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अयूब अचकजई ने बताया कि मसूखाइल जिले में रात के समय यह हत्याएं हुईं। हमलावरों ने कम से कम 10 वाहनों को आग लगा दी और मौके से फरार हो गए।
अलग-अलग जगहों घटनाओं को दिया अंजाम
सोमवार तड़के एक अलग हमले में बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान के कलत जिले में कम से कम नौ लोगों को मार डाला, जिनमें चार पुलिस अधिकारी और पांच राहगीर शामिल थे। प्रांत के अन्य हिस्सों में भी गोलीबारी की खबरें आईं।
आतंकवादियों ने बोलां में रेलवे ट्रैक उड़ा दिया, जिससे रेल यातायात बाधित हुआ। बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान के मस्तुंग जिले में एक पुलिस स्टेशन पर भी हमला किया, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने अलग-अलग बयानों में मसूखाइल में हुए हमले को ‘बर्बर’ करार दिया और कहा कि इसके पीछे जो भी थे, वे सजा से बचेंगे नहीं। बाद में, नकवी ने भी कलात में हुई हत्याओं की निंदा की।
एसोसिएट प्रेस के मुताबिक, मुसाखेल में हुआ हमला प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) अलगाववादी समूह की ओर से लोगों को हाईवे से दूर रहने की चेतावनी देने के कुछ घंटों बाद हुआ, जब उन्होंने प्रांत के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों पर हमले किए। हालांकि, इन हत्याओं के लिए तुरंत किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली।
क्षेत्र में उग्रवाद और हिंसा की घटनाएं आम हो चली हैं!
बता दें कि इस क्षेत्र में उग्रवाद और हिंसा की घटनाएं आम हैं, जहां बलूच अलगाववादी समूह, आतंकवादी संगठन और अन्य हथियारबंद गुट सक्रिय हैं। अलगाववादी अक्सर लोगों से उनके पहचान पत्र मांगते हैं और फिर उन लोगों का अपहरण या हत्या कर देते हैं जो पंजाब या अन्य प्रांतों से आते हैं।
अप्रैल-मई में भी अलगाववादी समूहों ने किए थे कई हमले
पिछले कई महीनों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। मई में बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान के एक बंदरगाह शहर ग्वादर में सात नाई को गोली मार दी थी। वहीं अप्रैल में भी अलगाववादियों ने बलूचिस्तान में एक राजमार्ग पर एक बस से अपहरण कर लेने के बाद नौ लोगों को मार डाला था। इसी दौरान हमलावरों ने एक अन्य कार को रोकने के लिए मजबूर करके दो लोगों को गोली मार दी थी और छह को घायल कर दिया था। उस वक्त इन हमलों की जिम्मेदारी बीएलए ने ली थी।
इन हमलों की क्या है वजह?
इस्लामाबाद स्थित सुरक्षा विश्लेषक सैयद मुहम्मद अली का कहना है कि गैर-बलूच लोगों की हालिया हत्याएं अलगाववादियों द्वारा प्रांत को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने का प्रयास है। अली ने एसोसिएटेड प्रेस से बात करते हुए कहा कि इस तरह के अधिकांश हमले बलूचिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर करने के उद्देश्य से किए जाते हैं, यह देखते हुए कि ‘बलूचिस्तान का कमजोर होना पाकिस्तान का कमजोर होना है।
अली ने कहा कि बलूचिस्तान में अलगाववादी समूह अक्सर पूर्वी पंजाब क्षेत्र से आने वाले श्रमिकों और अन्य लोगों की हत्या करते रहे हैं, ताकि उन्हें प्रांत छोड़ने के लिए मजबूर किया जा सके। यह क्षेत्र कई वर्षों से एक निम्न-स्तरीय विद्रोह का सामना कर रहा है, जहां बलूच अलगाववादी प्रांत की स्वतंत्रता और संसाधनों पर अधिक नियंत्रण की मांग को लेकर हमले करते हैं। इन हमलों में आमतौर पर बाहरी क्षेत्रों से आने वाले श्रमिकों और सरकारी कर्मचारियों को निशाना बनाया जाता है, जिससे इस क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता बनी रहती है।
अधिकांश पूर्व हत्याओं के लिए प्रतिबंधित संगठनों और उन समूहों को जिम्मेदार ठहराया गया है, जो पाकिस्तान से आजादी की मांग कर रहे हैं। बलूचिस्तान में न केवल अलगाववादी गुट सक्रिय हैं, बल्कि इस्लामी उग्रवादियों की भी उपस्थिति है। ये उग्रवादी समूह भी समय-समय पर हिंसक गतिविधियों को अंजाम देते हैं, जिससे प्रांत की स्थिति और जटिल हो जाती है। यह क्षेत्र लंबे समय से अलगाववादी आंदोलन और आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा है, जो स्थायी अस्थिरता और संघर्ष का कारण बना हुआ है।