इस्लामाबाद: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने स्वीकार किया कि उनका देश आतंकवाद का समर्थन करता रहा है। एक इंटरव्यू के वायरल क्लिप में उन्हें कहते सुना जा सकता है कि पाकिस्तान पश्चिम के लिए दशकों से 'गंदा काम' करता रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आसिफ ने यह हैरान करने वाला बयान स्काई न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान दिया।

आतंकियों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल - पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर अंधाधुंध गोलियां चला दी थीं। हमले में कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस हमले के बाद भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया।

पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों को समर्थन

वायरल वीडियो क्लिप में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री स्काई न्यूज की यल्दा हकीम से बातचीत करते नजर आ रहे हैं। वह उनसे पूछती हैं, "लेकिन आप मानते हैं, आप मानते हैं, महोदय, कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और फंडिंग का एक लंबा इतिहास रहा है?

ख्वाजा आसिफ ने अपने जवाब में कहा, "हम करीब तीन दशक से अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं...यह एक गलती थी और हमें इसकी कीमत चुकानी पड़ी, इसीलिए आप मुझसे यह कह रही हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध में और 9/11 के बाद की जंग में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।" एएनआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि ख्वाजा आसिफ के बयान से यह बात साफ हो जाती है कि पाकिस्तान कई वर्षों से आतंकी समूहों को पनाह दे रहा है।

उन्होंने कहा, ‘हमने तीन दशक तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए आतंकी संगठनों को समर्थन दिया, क्योंकि यह उनकी रणनीति का हिस्सा था।’ पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान को इसके लिए दोषी ठहराना अनुचित है, क्योंकि वह पश्चिमी देशों के निर्देश पर काम कर रहा था।

भारत ने सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित

इंटरव्यू में आसिफ ने पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए नई दिल्ली की आलोचना की। 22 अप्रैल के क्रूर आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कूटनीतिक कदम उठाए हैं। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 के सिंधु जल समझौते को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने, अटारी इंटिग्रेटेड चेक पोस्ट को बंद करने, पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा सेवाओं को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने, जैसे कई कदम उठाए हैं।

(आईएएनएस इनपुट के साथ)