मॉस्को/नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर खुली परमाणु धमकी देकर हालात को और विस्फोटक बना दिया है। रूस में पाकिस्तान के राजदूत मुहम्मद खालिद जमाली ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि भारत की ओर से पाकिस्तान पर हमला तय और आसन्न है, और यदि ऐसा हुआ तो इस्लामाबाद परंपरागत और परमाणु दोनों हथियारों का इस्तेमाल करेगा।

रशियन मीडिया चैनल RT को दिए इंटरव्यू में जमाली ने दावा किया कि कुछ लीक हुए दस्तावेजों से संकेत मिला है कि भारत पाकिस्तान के कुछ क्षेत्रों पर हमला करने वाला है और यह टकराव अब निकट भविष्य में तय है। उन्होंने कहा, "भारत के मीडिया का युद्धोन्मादी रवैया और वहां से आ रहे गैर-जिम्मेदाराना बयान हमें मजबूर कर रहे हैं। हमें भरोसेमंद सूचनाएं मिली हैं कि भारत कुछ पाकिस्तानी क्षेत्रों पर हमला करेगा। इसलिए हमें लग रहा है कि यह टकराव जल्द ही हो सकता है।"

जमाली ने कहा, "हम भारत के साथ किसी सैन्य ताकत की तुलना में नहीं पड़ना चाहते, लेकिन हम अपनी पूरी सैन्य क्षमता का उपयोग करेंगे – जिसमें परमाणु शक्ति भी शामिल है।" उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की सेना को देश की जनता का पूरा समर्थन प्राप्त है और वह किसी भी हमले का जवाब पूरी ताकत से देगी।

इससे पहले पाकिस्तान के मंत्री हनीफ अब्बासी ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी थी। हनीफ ने कहा था कि पाकिस्तान के पास मौजूद घोरी, शाहीन और गजनवी मिसाइलें और 130 परमाणु हथियार केवल भारत के लिए रखे गए हैं। उन्होंने चेताया कि अगर भारत ने सिंधु नदी का पानी रोकने की कोशिश की तो पूरे पैमाने पर युद्ध के लिए तैयार रहे।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भी समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत द्वारा सैन्य घुसपैठ आसन्न है। पाकिस्तान हाई अलर्ट पर है, लेकिन अपने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल केवल तभी करेगा जब हमारे अस्तित्व को कोई सीधा खतरा हो।

पाकिस्तान के एक और मंत्री अताउल्ला तारार ने बुधवार देर रात दावा किया कि उनके पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी है कि भारत अगले 24 से 36 घंटे में सैन्य कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने भारत को चेताया कि किसी भी आक्रामक कदम का जवाब निर्णायक होगा और इसके गंभीर क्षेत्रीय परिणामों के लिए भारत जिम्मेदार होगा।

नदी, परमाणु और कूटनीति: पाकिस्तान के तीखे बयान

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के बैसारन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, पाक नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए और पाकिस्तानी विमानों के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया।

शनिवार भारत द्वारा पाकिस्तान से सभी प्रकार के आयात पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाने और पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगा दी। इसके कुछ घंटों बाद, पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय जहाजों के लिए अपने बंदरगाहों को बंद कर दिया है।

पाकिस्तानी समाचार एजेंसी ढ के अनुसार, शनिवार देर रात पाकिस्तान के समुद्री मामलों के मंत्रालय के पोर्ट्स एंड शिपिंग विंग ने एक आदेश जारी किया। आदेश में कहा गया कि मौजूदा समुद्री हालात को देखते हुए पाकिस्तान अपनी समुद्री संप्रभुता, आर्थिक हितों और राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए कुछ तत्काल कदम उठा रहा है।

उधर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा एजेंसियों को पूरी परिचालन स्वतंत्रता दे दी है और साफ कहा है कि पहलगाम हमले के गुनहगारों को छोड़ा नहीं जाएगा। भारत ने राजनयिक संबंधों को भी न्यूनतम स्तर पर ला दिया है।

क्या हुआ था पहलगाम में?

22 अप्रैल को बैसारन घाटी में, जो केवल पैदल या घोड़े से ही पहुंची जा सकता है, आतंकियों ने गैर-मुस्लिम पर्यटकों पर गोलीबारी की थी। चश्मदीदों के अनुसार, आतंकियों ने पहले पर्यटकों से कलमा पढ़ने को कहा और जो नहीं पढ़ सके, उन्हें करीब से गोली मार दी। इस भयावह हमले में एक नेपाली नागरिक समेत 26 लोगों की मौत हो गई।

भारत सरकार ने इसे "युद्ध जैसी स्थिति" बताते हुए सुरक्षा व्यवस्था को शीर्ष स्तर पर पहुंचा दिया है। देश के भीतर और सीमाओं पर हाई अलर्ट है, जबकि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की तैयारी की जा रही है।