बेरूत: करीब 28 साल पुरानी बात है। साल-1996, तारीख थी 5 जनवरी…हमास के लिए बम बनाने का विशेषज्ञ और कई आत्मघाती हमले में अहम भूमिका निभाने वाले याह्या अय्याश के सेलफोन पर एक कॉल आया। अय्याश के कॉल रिसीव करते ही फोन में धमाका हुआ और वो तत्काल मारा गया। कहा जाता है कि इजराइल की सुरक्षा एजेंसी शिन बेट (Shin Bet) ने सेलफोन में आरडीएक्स डाला था और इसे दूर से ऑपरेट किया जा सकता था।
लेबनान और सीरिया में पेजर बम!
1996 की उस घटना के कई साल बाद अब लेबनान में हिजबुल्लाह के लड़ाकों पर सिलसिलेवार तरीके से हमले हुए हैं। इस बार जरिया सेलफोन नहीं बल्कि पेजर है। दरअसल, मंगलवार को पूरे लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में एक के बाद एक कई पेजर फटने लगे। लेबनान और हिज्बुल्लाह को शक है ऐसी घटना को इजराइल ने ही अंजाम दिया है।
पेजर के इस तरह फटने से इसकी जद में आने वाले अधिकांश ईरान समर्थित शिया आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह के सदस्य बताए जा रहे हैं। आलम ये था कि पेजर में ये विस्फोट व्यस्त सड़कों पर, दुकान के काउंटरों पर, बाइक पर, कारों के अंदर, घरों में और यहां तक कि एक नाई की दुकान में भी हुए।
🚨 Breaking: Tens of Hezbollah communication devices are exploding during the past hour. Initial reports state that over one hundred Hezbollah terrorists already injured.
Here’s footage from two such explosion 👇 pic.twitter.com/rMwdRWsTGB
— Dr. Eli David (@DrEliDavid) September 17, 2024
लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिरास अबिया ने कहा कि विस्फोटों में 2,750 लोग घायल हुए है। साथ ही पूरे लेबनान में आठ लोग मारे गए। अबिया ने पत्रकारों को बताया कि पीड़ितों के ज्यादातर चेहरे, हाथ और पेट पर चोटें आई हैं।
कैसे और किसने कराया पेजर में विस्फोट?
शुरुआत में ऐसी अटकलें लगई गई कि इन धमाकों को किसी प्रकार की हैकिंग के जरिए अंजाम दिया गया होगा, जिसमें पेजर की बैटरियां ज्यादा गरम हो गई होंगी और विस्फोट हो गया। हालांकि सामने आए कुछ विस्फोट के फुटेज को देखते हुए इस थ्योरी को खारिज कर दिया गया।
रूस में जन्मे और अमेरिका स्थित सुरक्षा विशेषज्ञ दिमित्री अल्पेरोविच (Dmitri Alperovitch) ने एक्स पर दावा किया कि ये धमाके ‘शायद इतिहास में सबसे व्यापक फिजिकल सप्लाई चेन हमलों’ में से एक हो सकते हैं। अल्पेरोविच वाशिंगटन, डीसी में एक भू-राजनीति थिंक टैंक ‘सिल्वरैडो पॉलिसी एक्सेलेरेटर'(Silverado Policy Accelerator) के चेयरमैन और टेक्सास स्थित साइबर सुरक्षा कंपनी क्राउडस्ट्राइक के सह-संस्थापक और पूर्व चीफ टेक्नोलॉजी अफसर हैं।
पिछले साल गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद ही हिजबुल्लाह ने अपने सदस्यों को मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने की चेतावनी दी थी। ऐसा इसलिए क्योंकि इजरायली खुफिया एजेंट इसकी मदद से लोकेशन आदि सहित अन्य जानकारी जुटा सकते हैं। बीबीसी के सुरक्षा संवाददाता फ्रैंक गार्डनर के अनुसार मोबाइल पर प्रतिबंध को देखते हुए हिजबुल्लाह के लड़ाके और इससे जुड़े अन्य लोग संचार के लिए पेजर का उपयोग कर रहे थे।
इसे देखते हुए कई नए पेजर हाल में हिज्बुल्लाह ने मंगवाए और अपने सदस्यों में बांटे। अब माना जा रहा है कि इजराइल ने इन्हीं नए पेजर में घुसपैठ की और संभवतः हर उपकरण में विस्फोटक डाल दिए, जिसे ट्रेस नहीं किया जा सकता था।
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार सभी पेजरों में छेड़छाड़ की गई होगी। इन्हें संभावित रूप से अल्फान्यूमेरिक टेक्स्ट संदेश की तर्ज पर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल से लैस किया गया होगा। हालांकि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ये उपकरण कैसे फटे, लेकिन हिजबुल्लाह के एक अधिकारी ने द न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि ‘विस्फोट से पहले इन उपकरणों से कई सेकंड तक बीप की आवाज आने लगी।’ ये भी बात सामने आई है कि एक मैसेज आने के बाद ये पेजर फटने शुरू हो गए।
ताइवान की कंपनी के पेजर में लगाए गए बम?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हिज्बुल्लाह ने हाल में 3000 नए पेजर का ऑर्डर Gold Apollo नाम की एक ताइवान की कंपनी को दिया था। बताया जा रहा कि इन्हीं पेजर के निर्माण के समय या फिर इनके लेबनान पहुंचने से पहले इसमें छेड़छाड़ हुई और विस्फोटक लगाए गए। इन पेजर को इसी साल अप्रैल से मई के बीच लेबनान भेजा गया था। कुल मिलाकर यह बात सामने आ रही है कि इजराइल और उसकी खुफिया एजेंसी मोसाद ने इसकी योजना काफी पहले बनाई होगी।
हालांकि आरोपों के बीच ताइवान की कंपनी का भी बयान आया है। उसने विस्फोटक लगे पेजर बनाने की रिपोर्ट्स का खंडन किया है। कंपनी का कहना है कि मंगलवार को जिन पेजर में विस्फोट हुए उसे यूरोप की एक कंपनी BAC ने बनाया है, जिसके पास ताइवानी Gold Apollo का नाम इस्तेमाल करने का लाइसेंस था। न्यू ताइपे शहर में गोल्ड अपोलो के कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष सू चिंग-कुआंग ने कहा कि ‘प्रोडक्ट हमारा नहीं है। इस पर केवल हमारा ब्रांड था।’
पेजर क्या होता है और कैसे काम करता है?
पेजर को बीपर भी कहा जाता है। मोबाइल के प्रचलित होने से पहले इसका इस्तेमाल ज्यादा होता था। यह मोबाइल की तरह ही एक छोटा पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसके जरिए छोटे संदेश या अलर्ट भेजे जा सकते हैं। डिवाइस का मूल काम संदेश भेजना और प्राप्त करना ही है। अधिकांश पेजर एक खास रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से संदेश प्राप्त करते हैं। ये संदेश नंबर के रूप में (उदाहरण के लिए कोई फोन नंबर) या अल्फान्यूमेरिक (टेक्स्ट) हो सकते हैं। मैसेज आने पर यूजर्स को अलर्ट करने के लिए पेजर अक्सर बीप की आवाज निकालते हैं या कंपन (vibration) करते हैं।