बेरूत: लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में ईरान समर्थित आतंकी गुट हिज्बुल्लाह के सदस्यों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर में धमाकों के बाद क्या किसी और बड़ी जंग का खतरा मंडराने लगा है? कई जगहों पर हजारों पेजर में हुए ब्लास्ट की घटना में कम से कम 9 की मौत हुई है और तीन हजार के करीब लोग घायल हुए हैं। इसे किसने अंजाम दिया, इसे लेकर अभी चुप्पी है। हालांकि लेबनान और हिज्बुल्लाह सीधे तौर पर इजराइल पर आरोप लगा रहे हैं।
आरोप लग रहे हैं कि इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इन पेजरो में छेड़छाड़ की और विस्फोटक लगा दिए गए। हिज्बुल्लाह ने गाजा में जंग छिड़ने के बाद अपने सदस्यों को मोबाइल इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी थी। इससे इजराइल के सामने लोकेशन और अन्य जानकारी के लीक होने का खतरा था। इसके बाद हिज्बुल्लाह ने पेजर के इस्तेमाल पर जोर दिया। बताया जा रहा है कि जिन पेजरों में धमाके हुए हैं, उन्हें हाल में इसी साल बुडापेस्ट की कंपनी BAC ने बनाकर भेजा था। इसी दौरान पेजर में छेड़छाड़ संभवत: निर्माण या फिर स्पलाई के दौरान की गई।
हिज्बुल्लाह करेगा इजराइल से जंग!
इजराइल और हिज्बुल्लाह की अदावत पुरानी है। गाजा की जंग के साथ-साथ इजराइल एक मोर्चे पर हिज्बुल्लाह से भी निपट रहा है। हालांकि यह बड़े पैमाने पर नहीं है। अब कई लोगों का मानना है कि पेजर ब्लास्ट के बाद हिज्बुल्लाह अपनी जवाबी कार्रवाई और तीव्र कर सकता है। वैसे, हिजबुल्लाह के उप प्रमुख नईम कासिम ने पिछले सप्ताह कहा था कि उनके समूह का ‘युद्ध में जाने का कोई इरादा नहीं’ है क्योंकि पूरी तरह जंग छिड़ने की स्थिति में ‘दोनों पक्षों को बड़ा नुकसान होगा।’
पेजर धमाकों के जवाब में हिजबुल्लाह ने इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की बात भी कही है। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि अगर मोसाद ने पेजर धमाकों को अंजाम दिया है तो जितने बड़े पैमाने पर ये किया गया, वो सीधे-सीधे हाल के वर्षों में हिज्बुल्लाह के लिए सबसे बड़ी खुफिया विफलताओं में से एक है।
लेबनान के सूचना मंत्री जियाद माकरी ने हमलों की निंदा की। वहीं, हिजबुल्लाह के एक अधिकारी ने कहा, ‘विस्फोटों के लिए इजराइल को उचित सजा मिलेगी।’ समूह ने पुष्टि की कि हताहतों में उसके लड़ाके और नागरिक भी शामिल थे। हिजबुल्लाह के वरिष्ठ अधिकारी हुसैन खलील ने कहा, ‘यह एक, दो या तीन लोगों को निशाना बनाने की बात नहीं है। यह पूरे देश को निशाना बनाने जैसा है।’
इजराइल और हिज्बुल्लाह के बीच तनाव
हमास के 7 अक्टूबर के इजराइली क्षेत्र में हमले के बाद भड़के गाजा युद्ध के दौरान हिजबुल्लाह ने भी उत्तरी इजराइल में रॉकेट और ड्रोन दागना शुरू कर दिया था। हिजबुल्लाह का कहना था कि वह फिलिस्तीनियों के साथ एकजुट है। इजराइल ने भी हमलों का जवाब हवाई हमलों और हिज़्बुल्लाह कमांडरों की हत्या से दिया है।
इसी साल जुलाई में इजरायली नियंत्रण वाले गोलान हाइट्स में एक फुटबॉल मैदान पर रॉकेट हमले में कम से कम 11 बच्चों और किशोरों की मौत हो गई। हिजबुल्लाह के साथ फिर से संघर्ष शुरू होने के बाद से यह उत्तरी सीमा पर इजराइल पर सबसे घातक हमला था। जवाबी कार्रवाई में इजराइल ने लेबनान की राजधानी बेरुत में हवाई हमला किया, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए। इजराइल सेना ने दावा किया कि उसने गोलान हाइट्स में घातक रॉकेट हमले के लिए कथित रूप से जिम्मेदार हिजबुल्लाह कमांडर को निशाना बनाया।
इजराइल के लिए हिज्बुल्लाह से भिड़ना आसान होगा?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हिज्बुल्लाह के साथ अब टकराव इजराइल के पहले अनुभव से बेहद अलग हो सकता है। इजराइल की सुरक्षा चुनौतियों में विशेषज्ञता रखने वाले एक स्वतंत्र अनुसंधान और शिक्षा केंद्र अल्मा (Alma) की संस्थापक और प्रेसिडेंट सरित जेहावी के अनुसार, ‘यह गाजा से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण होगा। यह मुश्किल क्षेत्र है। यहां पहाड़ियां और घाटियां हैं। हिजबुल्लाह के गुर्गों के लिए वहां छिपना आसान हो जाएगा। साथ ही हिज्बुल्लाह का भूमिगत बुनियादी ढांचा बहुत बड़ा है, और तीसरी बात शहरों और गांवों में युद्ध सामग्री छिपी हुई है, लेकिन यह देखते हुए कि लेबनान बड़ा है आबादी के लिए युद्ध क्षेत्र के क्षेत्रों को छोड़ना आसान और संभव होगा।’
इजराइल के लिए एक और चुनौती उन रॉकेटों की बौछार होगी जो हिज्बुल्लाह लॉन्च करेगा। कुछ अनुमानों के अनुसार इजराइल पर हमास के हमले के पहले दिन इस ग्रुप ने 4,300 रॉकेट दागे। हालांकि, हिज्बुल्लाह के साथ रॉकेट, मिसाइलों और ड्रोनों की संख्या 10,000 से अधिक हो सकती है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या इजराइल इसे संभालने के लिए तैयार होगा।
तेल अवीव विश्वविद्यालय के वाइस रेक्टर और मध्य पूर्व क्षेत्र के सबसे प्रसिद्ध विशेषज्ञों में से ईयाल जिसर ने कहा, ‘इजराइल हमास की मिसाइलों से निपटने में सक्षम था और उदाहरण के लिए तेल अवीव को कोई खतरा नहीं था लेकिन हिज्बुल्लाह के साथ यह पूरी तरह से अलग होगा। इजराइल के पास वायु-रक्षा प्रणालियां हैं जो काफी सक्षम हैं, लेकिन क्या ये हजारों रॉकेटों से निपटने के लिए हैं… मैं वास्तव में नहीं जानता। यह कुछ ऐसा है जिसके लिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या इजरायल वास्तव में इस तरह के खतरे को संभाल सकता है।’
हिज्बुल्लाह के पास बड़ी फौज और हथियारों का जखीरा
एक अनुमान के अनुसार हिज्बुल्लाह के पास आज की तारीख में करीब 2 लाख से अधिक रॉकेट और मिसाइलें हैं। इनमें से 5,000 लंबी दूरी की हैं, जो अपने प्रक्षेपण स्थल से 700 किमी दूर तक के क्षेत्रों पर हमला करने में सक्षम हैं। इसके अलावा 5000 मध्यम दूरी के रॉकेट हैं जो 200 किमी तक जा सकते हैं। साथ ही करीब 65,000 कम दूरी के रॉकेट हैं जिनकी रेंज 80 किमी तक है। साथ ही डेढ़ लाख मोर्टार हैं।
इसके अलावा हिजबुल्लाह के पास सैकड़ों एंटी-टैंक, एंटी-शिप और एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें है। साथ ही उसके पास 2,500 ड्रोन है। उसने भूमिगत सुरंगों का जाल भी बिछा रखा है जो गाजा में हमास द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रणालियों से कहीं अधिक गहरी है। इसके अलावा उसके पास 50,000 लड़ाके हैं जो हमेशा लड़ाई के लिए तैयार हैं। इतने ही करीब रिजर्व भी हैं। कुल मिलाकर इजराइल के लिए हिज्बुल्लाह से भिड़ने की चुनौती बड़ी रहने वाली है।