कीव: यूक्रेन ने रविवार को रूसी क्षेत्र में सफलतापूर्वक ड्रोन हमलों को अंजाम दिया। इसके तहत बेहद सटीक तैयारी के साथ रूस के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सैन्य हवाई अड्डों को निशाना बनाया गया। जंग के शुरू होने के बाद से यूक्रेन की ओर से रूस पर किया गया यह सबसे बड़ा हमला है। इसमें रूस को व्यापक नुकसान पहुंचने की खबर है। उसके 41 विमान इस हमले में तबाह हो गए।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इस हमले को 'शानदार' और 'बिल्कुल अनोखा ऑपरेशन' बताया है। इसे 'स्पाइडर वेब' कोडनेम दिया गया था। खास बात ये भी है कि यूक्रेन की ओर से ये हमला इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच नए सिरे से शांति वार्ता से ठीक पहले किया गया। ऐसे में शांति वार्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। साथ ही यूक्रेन ने कैसे इतने बड़े हमले को अंजाम दिया, वो भी चर्चा में है। आइए समझते हैं।
यूक्रेन ने कैसे दिया ऑपरेशन स्पाइडेर वेब को अंजाम
यूक्रेनी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह हवाई हमला 18 महीने से ज्यादा समय चली योजना की तैयारी का नतीजा था। यह हमला 'स्पाइडर वेब' के कोडनेम के तहत किया गया था। यूक्रेन ने इस ऑपरेशन के तहत रूस में अलग-अलग टाइम जोन में फैले चार प्रमुख रूसी एयरबेस को निशाना बनाया। यूक्रेन ने इस हमले में साइबेरिया के इरकुत्स्क क्षेत्र, आर्कटिक में ओलेन्या और मॉस्को के पूर्व में इवानोवो और डायगिलेवो के एयरबेस को निशाना बनाया।
समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार यूक्रेन के एक सैन्य सूत्र ने बताया कि पूरे ऑपरेशन की निगरानी खुद जेलेंस्की ने की। इसमें रूसी क्षेत्र में फर्स्ट-पर्सन व्यू (FPV) ड्रोन को पहले तस्करी कर भेजा गया। उन्हें लकड़ी के शेड के अंदर छिपा दिया गया था। फिर इन शेड को ट्रकों पर चढ़ाया गया और एयरफील्ड के पास ले जाया गया।
अधिकारी ने कहा, 'ड्रोन को इन शेड के छतों के नीचे छिपा दिया गया था जो पहले से ट्रक पर थे। मौका देखकर इन शेड की छतों को दूर से रिमोट की मदद से खोला गया और फिर ड्रोन रूसी एयरबेस पर हमला करने के लिए उड़ गए।' रूसी सोशल मीडिया प्लेटफॉम पर दिख रहे वीडियो और तस्वीरों में ट्रकों से ड्रोन के सीधी रेखा में ऊपर की ओर लॉन्च करते हुए दिखाया गया है।
यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू), जिसने हमले की जिम्मेदारी ली है, उसने अनुमान लगाया है कि रूस की कुल क्षति लगभग 7 अरब डॉलर की हुई है। दावा किया गया कि इस हमले से रूस के सामरिक मिसाइल वाहक बेड़े के 34 प्रतिशत हिस्से को नुकसान पहुंचा है। इनमें टीयू-95 और टीयू-22एम बमवर्षक विमान शामिल हैं, जिनका उपयोग रूस ने यूक्रेनी शहरों पर मिसाइल हमलों के लिए बड़े पैमाने पर किया है। साथ ही ए-50 विमान भी शामिल हैं, जो हवाई कमान और कंट्रोल सेंटर के रूप में काम करते हैं।
हजारों किलोमीटर अंदर हमला, रूस ने भी माना
रूसी अधिकारियों ने इरकुत्स्क और मरमंस्क क्षेत्रों में हवाई अड्डों पर हमलों की बात स्वीकार की है। इसके अतिरिक्त रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने सुदूर पूर्व में आमूर क्षेत्र और इवानोवो और रयाजान के पश्चिमी क्षेत्रों में ड्रोन हमलों को विफल कर दिया। ये क्षेत्र यूक्रेनी सीमा से हजारों किलोमीटर दूर हैं।
इरकुत्स्क क्षेत्र के गवर्नर इगोर कोबजेव ने बेलाया बेस के नजदीक सेरेडनी गाँव के पास एक मिलिट्री यूनिट पर ड्रोन हमले की पुष्टि की और कहा कि ड्रोन को एक ट्रक से लॉन्च किया गया था।
कई रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के ड्रोन हमले के परिणामस्वरूप रूसी सैन्य एयरबेस पर तैनात 41 विमानों पर सीधा हमला हुआ। निशाना बनाए गए विमानों में टीयू-95 'बेयर' बमवर्षक और टीयू-22एम सुपरसोनिक विमान शामिल थे।
यूक्रेनी सुरक्षा स्रोत द्वारा समाचार एजेंसी रॉयटर्स के साथ साझा किए गए वीडियो में बड़े बमवर्षक विमानों को टरमैक पर जलते हुए दिखाया गया है। हालांकि फुटेज की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं की जा सकी है। लेकिन रूसी ठिकानों की सैटेलाइट इमेजरी से इसके दृश्य मेल खाते हैं, जिससे पता चलता है कि यह दृश्य इरकुत्स्क क्षेत्र के बेलाया एयरफील्ड के हो सकते हैं।
🇺🇦 #Ukraine - 🇷🇺 #Russia: Ukraine struck four Russian airbases in a coordinated long-range drone attack, destroying over 40 aircraft, including Tu-95 and Tu-22M3 bombers, as well as an A-50 surveillance jet.
— POPULAR FRONT (@PopularFront_) June 1, 2025
The drones were smuggled deep into Russia, hidden inside wooden sheds… pic.twitter.com/y7L0wVTMS6
जेलेंस्की ने हमले को लेकर क्या कहा है?
जेलेंस्की ने बताया कि पूरे हमले की योजना यूक्रेनी सेना द्वारा और विदेशी सैन्य भागीदारी के बिना तैयार हुई और इसे अंजाम भी दिया गया। जेलेंस्की ने अपने संबोधन में कहा कि हमले में 117 ड्रोन का इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने इस ऑपरेशन को यूक्रेन का अब तक का सबसे लंबी दूरी का हमला बताया।
जेलेंस्की ने कहा, 'यह हमारा सबसे लंबी दूरी का ऑपरेशन है।' उन्होंने कहा कि हमले से कुछ समय पहले योजना और निष्पादन में शामिल सभी लोगों को रूस से सुरक्षित निकाल लिया गया था।
जेलेंस्की ने यह भी खुलासा किया कि इस ऑपरेशन का समन्वय स्थानीय रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (FSB) शाखा के बगल में स्थित कार्यालय से किया गया था। जेलेंस्की का यह खुलासा बताता है कि यूक्रेन की गुप्त गतिविधियों रूस में अंदर तक फैली हैं।
Head of the Security Service of Ukraine Vasyl Maliuk delivered a report regarding today’s operation. An absolutely brilliant result. A result achieved solely by Ukraine. One year, six months, and nine days from the start of planning to effective execution. Our most long-range… pic.twitter.com/oN41NFYyfw
— Volodymyr Zelenskyy / Володимир Зеленський (@ZelenskyyUa) June 1, 2025
रूस ने इन हमलों का कैसे जवाब दिया?
रूस ने भी इसके बाद पलटवार किया। इसे यूक्रेन की वायु सेना द्वारा 2022 में पूर्ण पैमाने पर रूस के आक्रमण शुरू होने के बाद से सबसे बड़ा ड्रोन हमला कहा गया। यूक्रेनी वायु सेना के अनुसार, रूसी सेना ने रविवार को विभिन्न यूक्रेनी लक्ष्यों पर 472 ड्रोन और सात मिसाइलें दागीं। यूक्रेन की वायु सेना के संचार प्रमुख यूरी इग्नाट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में इन आंकड़ों की पुष्टि की।
यूक्रेनी सेना की एक प्रशिक्षण इकाई पर एक विशेष रूप से घातक रूसी मिसाइल हमले में कम से कम 12 सैनिक मारे गए और 60 से अधिक घायल हो गए। यह इकाई अग्रिम पंक्ति से दूर स्थित थी, लेकिन रूसी टोही और हमलावर ड्रोन की पहुंच में थी। हमले के बाद, यूक्रेनी सेना के कमांडर मायखाइलो ड्रापाती ने अपना इस्तीफा सौंप दिया।
दूसरी ओर रूसी क्षेत्र में कुछ जगहों पर ड्रोन के मलबे ने कुर्स्क और वोरोनिश क्षेत्रों में आग और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया है। कुर्स्क में, 57 ड्रोन को मार गिराया गया और गिरते मलबे से आवासीय क्षेत्रों में आग लग गई। वहीं, वोरोनिश में 16 ड्रोनों को रोका गया, लेकिन मलबे के कारण बिजली की लाइनें टूट गईं, जो एम-4 एक्सप्रेसवे पर गिर गईं थी। यह रूस के लिए महत्वपूर्ण परिवहन लिंक है। दोनों क्षेत्रीय गवर्नरों ने घटनाओं की पुष्टि की और कहा कि कोई हताहत नहीं हुआ।