ढाका: बांग्लादेश में शांति बहाल करने के लिए मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने 'ऑपरेशन डेविल हंट' शुरू किया है। सरकार द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के तहत अब तक 1,308 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह कार्रवाई शनिवार रात को शुरू हुई और सरकार ने इसे तब तक जारी रखने का संकल्प लिया है जब तक 'सभी असामाजिक तत्वों' को समाप्त नहीं कर दिया जाता।
गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव डॉ. नसीमुल गनी ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे तत्वों को गिरफ्तार कर न्याय के दायरे में लाना है।
उन्होंने कहा, "पराजित फासीवादी ताकतों के विपरीत, हम अमानवीय नहीं हो सकते। जुलाई और अगस्त में हुए आंदोलन मानवाधिकारों की रक्षा के लिए लड़े गए थे।"
छात्र कार्यकर्ताओं पर हमले के बाद छिड़ा अभियान
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह ऑपरेशन तब शुरू हुआ जब ढाका के बाहरी इलाके में आवामी लीग के एक नेता के घर पर हमले में छात्र कार्यकर्ता घायल हो गए। इसके बाद सेना, पुलिस और विशेष इकाइयों के संयुक्त बलों ने पहले 24 घंटों में 274 लोगों को गिरफ्तार किया।
गृह मामलों के पूर्व सलाहकार और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल जहांगिर आलम चौधरी ने कहा, "इस अभियान का लक्ष्य देश को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे लोगों पर लगाम लगाना है। यह तब तक जारी रहेगा जब तक सभी असामाजिक तत्व खत्म नहीं हो जाते।"
गाजीपुर में हुई हिंसा में 81 गिरफ्तार
बांग्लादेश में चार दिनों से हिंसा का दौर जारी है। शुक्रवार रात गाजीपुर के दक्षिणखान इलाके में उपद्रवियों ने पूर्व मुक्ति संग्राम मंत्री मोजम्मिल हक के घर पर हमला किया, जिसमें कम से कम 14 लोग घायल हो गए।
हमलावरों ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी, आवामी लीग के प्रतीकों को निशाना बनाया, लेकिन उन्हें विरोधी गुटों की ओर से कड़ा प्रतिरोध भी मिला। इसके बाद गाजीपुर में 81 आवामी लीग कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
इस बीच, एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट ने दावा किया कि उनके सदस्य हक के घर की लूटपाट रोकने की कोशिश कर रहे थे, जब उन पर हमला कर दिया गया। उसी रात, उपायुक्त कार्यालय के बाहर एक छात्र को अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी। इस घटना के विरोध में छात्र संगठन ने गाजीपुर में दिनभर का प्रदर्शन किया और हिंसा की निंदा की।
अन्य अभियानों से ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ अलग कैसे?
पुलिस महानिरीक्षक (IGP) बहारुल आलम ने बताया कि पिछले पांच महीनों से सुरक्षा एजेंसियां स्वतंत्र रूप से अभियान चला रही थीं, लेकिन अब ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ पूरी तरह केंद्रीकृत होगा और एक विशेष कमांड सेंटर से निर्देशित किया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया, "अब तक विभिन्न एजेंसियां स्वतंत्र रूप से काम कर रही थीं और बाद में अपने अभियानों को समन्वित करती थीं। लेकिन यह नया अभियान पूरी तरह संगठित होगा और एक नियंत्रण कक्ष से संचालित किया जाएगा।" उन्होंने यह भी बताया कि यह अभियान मौजूदा छापेमारी अभियानों की तुलना में अधिक व्यापक और प्रभावी होगा।
इस विशेष ऑपरेशन में पुलिस के साथ-साथ बांग्लादेश सेना, नौसेना, वायुसेना, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB), अंसार और कोस्ट गार्ड के जवान भी शामिल होंगे।
4 सितंबर से ही देशभर में संयुक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई थी, जिनका मुख्य उद्देश्य अवैध हथियारों की जब्ती और कानून-व्यवस्था बनाए रखना था। अब ‘ऑपरेशन डेविल हंट’ के तहत यह कार्रवाई और तेज कर दी जाएगी।
मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने भी कहा कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक नया कमांड सेंटर स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा, "इस कमांड सेंटर के माध्यम से कानून-व्यवस्था को अधिक प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जाएगा और किसी भी खतरे का तुरंत जवाब दिया जा सकेगा।" इस कमांड सेंटर में सभी प्रमुख सुरक्षा एजेंसियों और सशस्त्र बलों के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल होंगे।
गृह मामलों के सलाहकार ने क्या कहा
गृह मामलों के सलाहकार जहांगिर आलम चौधरी ने आश्वासन दिया कि गाजीपुर में छात्रों पर हमला करने वालों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा, "जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें कड़ी सजा मिलेगी। बाकी अपराधियों को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।"
जहांगिर आलम चौधरी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य राष्ट्र की स्थिरता के लिए खतरा बने लोगों को गिरफ्तार करना है। यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक "सभी असामाजिक तत्वों को न्याय के कटघरे में नहीं लाया जाता"।
उन्होंने कहा, "'ऑपरेशन डेविल हंट' तब तक चलेगा जब तक हर अपराधी को जवाबदेह नहीं ठहराया जाता।" यह बयान उन्होंने फार्मगेट स्थित सॉयल रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट में एक नए भवन के उद्घाटन समारोह के दौरान दिया।
शेख हसीना और आवामी लीग पर संकट
लोगों मानना है कि सरकार ने शेख हसीना के समर्थकों को निशाना बनाने के लिए यह अभियान चला रही है। पिछले साल अगस्त में छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से आवामी लीग के कई नेता गायब हो गए या गिरफ्तार कर लिए गए। हसीना खुद भारत भाग गई हैं और उनके सहयोगियों पर कई गंभीर आरोप लगे हैं, जिनमें जुलाई के विरोध प्रदर्शनों के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध शामिल हैं।
पिछले बुधवार को हसीना के लाइव ऑनलाइन संबोधन के बाद विरोध और तेज हो गया। गुस्साए लोगों ने उनके समर्थकों के घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की, यहां तक कि बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक 32 धनमंडी आवास में भी आग लगा दी गई।
पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने अंतरिम सरकार से भीड़ द्वारा हिंसा पर नियंत्रण करने और व्यवस्था बहाल करने की अपील की है।