प्योंगयांगः उत्तर कोरिया ने देश में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों के लिए रास्ते खोल दिए हैं। बीते पांच सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। विदेशी पर्यटकों को देश में आने की अनुमति देने का उद्देश्य विदेशी मुद्रा लाना है ताकि यहां की पिछड़ती अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार हो सके। 

कोरिया के प्रमुख नेता किम-जोंग-उन ने कोविड-19 महामारी के दौरान सीमाएं बंद कर दीं थी और पर्यटकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि अब उत्तरी कोरिया ने पश्चिमी पर्यटकों के लिए अब इसे खोल दिया है। पर्यटकों को आने की अनुमति भले ही मिल गई हो लेकिन किम-जोंग-उन चाहते हैं कि उनके देश में आने वाले पर्यटक कुछ नियमों का पालन करें। 

पर्यटकों पर क्या लगेंगे प्रतिबंध? 

विदेशी पर्यटकों पर उत्तरी कोरिया ने जो प्रतिबंध लगाए हैं उनमें पर्यटकों को वहां घूमने के लिए स्थानीय गाइड की आवश्यकता होगी। इसके साथ ही संवेदनशील जगहों की फोटो खींचने की भी मनाही है। 

उत्तरी कोरिया जून में पूर्वी तट पर एक बड़ा पर्यटन स्थल खोल सकती है। इसका उद्देश्य देश में पर्यटन को बढ़ावा देना है। एक विशेषज्ञ के अनुसार, पूर्वी तट और राजधानी प्योंगयांग वो जगहें होंगी जहां यह विदेशी पर्यटकों पर निगरानी रखी जा सकती है और उन्हें नियंत्रित किया जा सकेगा। 

कौन लोग करते हैं विजिट?

न्यूज 18 ने समाचार एजेंसी एशोसिएटेड प्रेस के हवाले से लिखा है कि उत्तरी कोरिया ने फरवरी 2024 में रूस के 100 पर्यटकों को आने की मंजूरी दी थी। ये लोग देश के स्थलों का दौरा करने वाले पहले विदेशी नागरिक थे। इसे लेकर बहुत से प्रेक्षकों को हैरानी हुई क्योंकि उनका अनुमान था कि कोविड महामारी के बाद जो पहले पर्यटक आएंगे वो चीन से आएंगे। गौरतलब है कि चीन, उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार और प्रमुख सहयोगी है। 

यह दिखाता है कि रूस और उत्तर कोरिया एक-दूसरे के कितने करीब हैं। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि उत्तरी कोरिया ने रूस-यूक्रेन युद्ध में मॉस्को को हथियार भेजे हैं।

हालांकि कोविड महामारी के पहले चीन के पर्यटक उत्तर कोरिया में अधिक आते थे। महामारी से पहले देश में आने वाले विदेशी पर्यटकों के करीब 90 प्रतिशत चीन से आते थे। यह आंकडे इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रेटेजी के विशेषज्ञ ली सांगकेन ने दिए हैं। 

क्या है देश में पर्यटन का इतिहास?

डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया सोवियत यूनियन का हिस्सा था। तभी से यह शीत युद्ध के दौरान पर्यटन क्षेत्र में आया। देश में 1950 से लेकर 1980 तक आने वाले अधिकतर पर्यटक सोशलिस्ट ब्लॉक से आते थे। हालांकि यूएसएसआर के विघटन के बाद शीत युद्ध की समाप्ति के बाद उत्तरी कोरिया में काफी कुछ बदल गया। 

इसके बाद चीन और उत्तर कोरिया की नजदीकियां बढ़ीं और यहां से भी विदेशी पर्यटक आने शुरू हुए। चीन और उत्तर कोरिया के संबंध दूसरे विश्व युद्ध के दौरान शुरू होता है जब दोनों ही देश साम्यवादी रूप में स्थापित हुए थे। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि उत्तर कोरिया चीन के लिए एक मूल्यवान सहयोगी की बजाय एक दायित्व बन गया है। 

चीन ने उत्तर कोरिया के साथ संतुलन बनाने में अक्सर संघर्ष का सामना किया है। जब से चीन ने 2000 के दशक से अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम का काफी विस्तार किया है। उत्तर कोरिया के अलावा यूएस, जापान समेत अन्य देशों के साथ संघर्ष का सामना किया है।