प्योंगयांगः उत्तर कोरिया में किम जोंग उन की तानाशाह सरकार ने के-ड्रामा (K-Drama) देखने के लिए करीब 30 बच्चों को गोली मार दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रों पर आरोप था कि उन्होंने दक्षिण कोरिया में बने सीरियल देखे थे जिन्हों कोरियन ड्रामा या के-ड्रामा (K-Drama) कहा जाता है। कोरियाई अखबरा ‘जोंगआंग डेली’ के मुताबिक घटना पिछले हफ्ते की है।
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच दुश्मनी इतनी ज्यादा है कि वहां दक्षिण कोरिया की मनोरंजन सामग्री, खासकर वहां बहुत पॉपुलर के-ड्रामा देखना गैरकानूनी है। उत्तर कोरिया में एक सख्त कानून है जिसे “रिएक्शनरी आइडियोलॉजी एंड कल्चर रिजेक्शन एक्ट” कहते हैं।
उत्तरी कोरिया में ये चीजें हैं बैन
बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक ये कानून दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान की फिल्मों, गानों, सीरियल जैसी चीजों को फैलाने पर रोक लगाता है। लेकिन उन्हें पेन ड्राइव में छिपाकर देश में लाया जाता है। उत्तरी कोरिया में रूस का सिनेमा या फिर जिसे सरकार सही मानती है, उसे ही दिखाया जाता है।
चोसुन टीवी और कोरिया जोंगआंग डेली नाम के दक्षिण कोरियाई अखबारों की रिपोर्टों में छात्रों की मौत की जानकारी दी गई है। हालांकि दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने इस खबर पर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन कोरिया जोंगआंग डेली ने दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय के अधिकारी के हवाले से बताया है कि “ये जगजाहिर है कि उत्तर कोरिया सरकार सख्त नियमों से लोगों को नियंत्रित करती है और तीन तथाकथित ‘बुरे’ कानूनों के तहत सजा देती है।”
ऐसी सजा की खबरें पहले भी आती रही हैं
उत्तर कोरिया में फायरिंग स्क्वाड से सजा देने की खबरों की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन पहले भी दक्षिण कोरिया के मनोरंजन को लेकर ऐसी ही सजाओं की खबरें आ चुकी हैं। द इंसाइडर के अनुसार, 2022 में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि उत्तर कोरिया के कांगवोन प्रांत में एक शख्स को इसलिए मार डाला गया था क्योंकि उसने दक्षिण कोरिया का डिजिटल कंटेंट बेचने की कोशिश की थी।
बीबीसी न्यूज ने जनवरी में बताया था कि उन्हें खास वीडियो मिले हैं जिनमें दिखाया गया है कि दो टीनएजर्स को कोरियन पॉप वीडियो देखने के लिए 12 साल की कठोर कैद की सजा सुनाई गई। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि हाल के सालों में उत्तर कोरिया का रूख और सख्त हुआ है। पहले पकड़े जाने पर लोगों को जेल के बजाय श्रम शिविरों में भेजा जाता था और सजा भी 5 साल से कम होती थी। लेकिन अब 12 साल की सजा देना बताता है कि उनका रूख और कठोर हो गया है।
बता देंं, 1953 में तीन साल तक चले कोरियाई युद्ध के खत्म होने के बाद भी उत्तर और दक्षिण कोरिया आधिकारिक तौर पर युद्धरत हैं। जहाँ दक्षिण कोरिया एक आधुनिक लोकतंत्र है जो इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में विश्व में अग्रणी है और सांस्कृतिक रूप से काफी लोकप्रिय है, वहीं उत्तर कोरिया एक सर्वसत्तावादी कम्युनिस्ट तानाशाही है, जहाँ आम लोगों का जीवनयापन बेहद खराब है। इस साल की शुरुआत में, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन ने दक्षिण कोरिया को अपना नंबर वन दुश्मन घोषित कर दिया था।