ओटावा: भारत-कनाडा के तनाव के बीच कनाडाई सरकार द्वारा भारतीय पत्रकारों और मीडिया की निगरानी करने की खबर सामने आई है। कनाडाई मामलों में भारत के संभावित हस्तक्षेप की जांच के तहत भारतीय पत्रकारों और मीडिया के सोशल मीडिया पोस्ट को मॉनिटर किया जा रहा है।
कनाडाई विदेशी हस्तक्षेप आयोग की वेबसाइट पर इस रिपोर्ट के दस्तावेज मौजूद हैं। इसे कनाडा की रैपिड रिस्पांस मैकेनिज्म (आरआरएम) की इकाई द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें 26 सितंबर की तारीख दर्ज है।
रिपोर्ट में इस बात की जांच की गई है कि कैसे भारत, चीन और रूस ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के निज्जर हत्याकांड के संसद में दिए गए बयान के बाद जानकारियों के साथ छेड़छाड़ और हेराफेरी की है। जांच के दौरान सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे एक्स, फेसबुक और यूट्यूब के भारतीय खातों की निगरानी की गई है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि निज्जर हत्याकांड से संबंधित पीएम ट्रूडो के बयान के बाद भारतीय मीडिया द्वारा जस्टिन ट्रूडो, कनाडाई राजनयिकों, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों और कनाडा के पंजाबी सिख समुदाय को निशाना बनाया गया है।
यही नहीं, इसमें भारतीय मीडिया पर कनाडा के आतंकवादियों के समर्थक होने और खालिस्तानी आतंकियों के साथ जुड़ने का भी आरोप लगाया गया है। बता दें कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर ट्रूडो ने कनाडाई संसद में बयान दिया था और कहा था कि इसके पीछे संभावित भारतीय एजेंटों का हाथ हो सकता है।
भारतीय पत्रकार और मीडिया को लेकर क्या दावे किए गए हैं
कनाडा की इस रिपोर्ट में भारतीय पत्रकारों और मीडिया के सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र करते हुए यह कहा गया है कि कैसे इसमें निज्जर के चरमपंथी समूहों के साथ संबंध होने का दावा किया गया है।
इसमें यह भी दावा किया गया है कि कैसे भारतीय मीडिया ने कनाडा पर आतंकवाद में शामिल एक व्यक्ति को नागरिकता देने का आरोप लगाया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारतीय मीडिया और पत्रकारों के पोस्ट में निज्जर की भूमिका पर सवाल उठाने और आतंकवाद से जुड़े लोगों को नागरिकता देने के कारण कनाडा की आप्रवासन नीतियों को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं।
यही नहीं, इसमें भारतीय लेखक आनंद रंगनाथन के पोस्ट का जिक्र करते हुए जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानियों के साथ पारिवारिक संबंध होने का भी दावा करने की बात कही गई है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आनंद द्वारा जस्टिन ट्रूडो के पिता और पूर्व कनाडाई प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो पर साल 1985 के एयर इंडिया बम विस्फोट में शामिल एक संदिग्ध को बचाने का आरोप लगाया गया है।
कनाडाई नेता जगमीत सिंह के बारे में क्या कहा गया है
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारतीय पत्रकार और मीडिया ने कनाडाई नेता जगमीत सिंह को भी टारगेट किया है और उन्हें भी खालिस्तानी समर्थक कहा गया है। उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर कनाडा में खालिस्तान आंदोलन को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया गया है।
यही नहीं, पीएम ट्रूडो के जॉर्ज सोरोस जैसे विवादास्पद शख्सियतों के साथ संबंधों के बारे में भारतीय पत्रकारों और मीडिया द्वारा ऐसे दावे करने की बात कही गई है।
रिपोर्ट में भारतीय मीडिया के मुकाबले कनाडाई मीडिया जैसे सीबीसी और सीटीवी न्यूज के कम फॉलोअर होने का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि कनाडा के मुकाबले भारतीय मीडिया के ज्यादा फॉलोअर होने के कारण निज्जर और अन्य मामलों को निपटने को लेकर कनाडा के बारे में नकारात्मक कहानियां फैलाने में काफी मदद मिली है।