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नेतन्याहू ने शनिवार को एक वीडियो संदेश के जरिए स्पष्ट रूप से कहा कि मैक्रों और अन्य पश्चिमी नेताओं की हथियार प्रतिबंध की मांग के बावजूद, इजराइल "आपके समर्थन के साथ या उसके बिना" विजयी होगा। उन्होंने कहा, हम युद्ध जरूर जीतेंगे, लेकिन आपकी शर्मिंदगी तब भी बरकरार रहेगी।
प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने जोर देकर कहा कि इजराइल वर्तमान में "सभ्यता के दुश्मनों" के खिलाफ सात मोर्चों पर संघर्ष कर रहा है। उन्होंने पूछा, "क्या ईरान, हिजबुल्लाह, हूती और हमास पर हथियार प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं? नहीं। ये सभी संगठन एकजुट हैं। लेकिन जो देश इन आतंकवादी समूहों के खिलाफ होने का दावा करते हैं, वे इजरायल पर प्रतिबंध लगाने की बात कर रहे हैं।"
नेतन्याहू की सख्ती के बाद नरम पड़ा फ्रांस
नेतन्याहू के इस बयान के तुंरत बाद ही मैक्रों कार्यालय ने बयान जारी कर सफाई दी और इजराइल को पक्का दोस्त बताया। कार्यालय ने कहा, फ्रांस इजराइल का पक्का दोस्त है और वह इजराइल की सुरक्षा का समर्थन करता है। अगर ईरान या उसके समर्थक इजराइल पर हमला करते हैं, तो फ्रांस हमेशा इजराइल के साथ खड़ा रहेगा।
नेतन्याहू ने दावा किया कि इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह की मिसाइल और रॉकेट क्षमताओं का एक बड़ा हिस्सा तबाह कर दिया है। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि इजराइली सेना लेबनानी समूह की सीमा के पास सुरंग प्रणालियों को भी नष्ट कर रही है। हालांकि खतरा अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है, लेकिन उन्होंने कहा, "हमने संघर्ष का संतुलन बदल दिया है।"
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब गाजा में हमास की बटालियनों को समाप्त करने का काम लगभग पूरा हो गया था, तब से इजराइल ने उत्तरी क्षेत्र के निवासियों से किए गए वादे पर काम शुरू कर दिया था। 23 सितंबर से, इजराइली सेना ने पूरे लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं। इन हमलों में कई नागरिक हताहत हुए हैं जबकि बहुत से निवासियों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं।
इन हमलों में हिजबुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह सहित संगठन के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाया गया, जिनकी हत्या कर दी गई। साथ ही, इजराइल ने लेबनान में एक सीमित जमीनी अभियान भी शुरू किया है।
आईएएनएस इनपुट के साथ