वॉशिंगटन: नाटो महासचिव मार्क रूट ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ब्राजील, चीन और भारत जैसे देश रूस के साथ आर्थिक संबंध जारी रखते हैं, तो उन्हें कड़े प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। रूट ने यह टिप्पणी अमेरिकी सीनेटरों के साथ बैठक के दौरान की। इससे एक दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन के लिए एक नए हथियार पैकेज की घोषणा करते हुए धमकी दी थी कि अगर 50 दिनों के भीतर शांति समझौता नहीं हुआ, तो रूसी निर्यात के खरीदारों पर 100% का 'कठोर' टैरिफ लगाया जाएगा।
रूट ने पत्रकारों से कहा, 'इन तीनों देशों को मेरा विशेष रूप से यह कहना है कि अगर आप बीजिंग या दिल्ली में रहते हैं, या आप ब्राजील के राष्ट्रपति हैं, तो आपको इस पर गौर करना चाहिए, क्योंकि यह आपको बहुत प्रभावित कर सकता है।' इससे पहले रूट ने सोमवार को ट्रंप से मुलाकात की थी और नए उपायों का समर्थन किया था।
उन्होंने आगे कहा, 'इसलिए कृपया व्लादिमीर पुतिन को फोन करें और उन्हें बताएँ कि उन्हें शांति वार्ता के बारे में गंभीर होना होगा, अन्यथा इसका ब्राजील, भारत और चीन पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा।'
'पुतिन को 50 दिन की मोहलत देना ठीक नहीं'
रिपब्लिकन अमेरिकी सीनेटर थॉम टिलिस ने ट्रंप के इस कदम का समर्थन किया, लेकिन 50 दिनों की मोहलत को लेकर असहजता जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि 'पुतिन इन 50 दिनों का इस्तेमाल युद्ध जीतने के लिए, या फिर हत्या करने और बातचीत के लिए और जमीन बनाने और फिर शांति समझौते पर बातचीत करने की बेहतर स्थिति में आने के लिए करेंगे।'
टिलिस ने कहा, 'इसलिए हमें आज यूक्रेन की मौजूदा स्थिति पर गौर करना चाहिए और कहना चाहिए कि अगले 50 दिनों में आप चाहे जो भी करें, आपकी कोई भी उपलब्धि बेकार है'
'अमेरिका अब यूक्रेन को देगा और हथियार'
रूट ने आश्वासन दिया कि यूरोप यूक्रेन को बातचीत के लिए सबसे मजबूत स्थिति में लाने के लिए धन जुटाएगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप के साथ नए समझौते के तहत, अमेरिका अब यूक्रेन को 'बड़े पैमाने पर' हथियार देगा। इसमें न केवल वायु रक्षा, बल्कि मिसाइलें और गया गोला-बारूद के लिए यूरोपीय देशों की ओर से किया गया भुगतान भी शामिल है।'
जब उनसे पूछा गया कि क्या लंबी दूरी की मिसाइलों पर विचार किया जा रहा है, तो रूट ने कहा, 'यह रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह की मिसाइलें हैं। तो सभी तरह के हथियार हैं, लेकिन हमने कल राष्ट्रपति के साथ विस्तार से चर्चा नहीं की। इस पर अब पेंटागन, यूरोप में सर्वोच्च सहयोगी कमांडर और यूक्रेनियन मिलकर काम कर रहे हैं।'