नामीबिया भीषण सूखे और इस वजह से पैदा हुई भूखमरी से जूझ रहा है। नाइजीरिया की सरकार ने 100 वर्षों में आए सबसे भीषण सूखे के बीच अपनी भूखी आबादी को अब खिलाने के लिए 700 से अधिक जंगली जानवरों को मारने की घोषणा कर दी है। इस संबंध में आदेश पिछले हफ्ते जारी भी कर दिए गए हैं और 150 से ज्यादा जानवरों को मारकर उनका मांस प्रभावित इलाकों में भेजा गया है।
रिपोर्ट के अनुसार जिन जानवरों को माना जाना है, उनमें 83 हाथी, 30 दरियाई घोड़े, 60 भैंस, 50 इम्पाला, 100 ब्लू वाइल्डबीस्ट, 300 जेबरा और 100 एलैंड (एक प्रकार का मृग) शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार देश का 84 प्रतिशत खाद्य भंडार पहले ही समाप्त हो चुका है और इसकी 25 लाख की आबादी में से लगभग आधे को जुलाई और सितंबर के बीच उच्च स्तर की खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है।
नामीबिया की सरकार ने क्या कहा है?
इस दक्षिणी अफ्रीकी देश ने मई में सूखे की स्थिति बिगड़ने पर आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी थी। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा कि जानवरों की हत्या केवल राष्ट्रीय उद्यानों और स्थायी वन्यजीव संख्या वाले क्षेत्रों में होगी और यह ‘आवश्यक’ है। यह हमारे संवैधानिक अधिकारों के अनुरूप है जहां हमारे प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नामीबियाई नागरिकों के लाभ के लिए किया जा सकता है।
Global Lens, September 3: Namibia is planning to kill more than 700 wild animals including elephants, zebras and hippos and distribute the meat to the people struggling with food insecurity, as the country grapples with its worst drought in 100 years. The animals set to be culled… pic.twitter.com/9qBNRoO8i6
— Neha Khanna (@nehakhanna_07) September 4, 2024
सरकार ने बताया है कि पेशेवर शिकारी शिकार को अंजाम देंगे और मांस को सूखे से प्रभावित लोगों, खासकर ग्रामीण इलाकों में वितरित किया जाएगा। मोरक्को वर्ल्ड न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार अब तक 157 से अधिक जानवर मारे जा चुके हैं। इनसे लगभग 63 टन मांस प्राप्त हुआ है। अधिकारियों ने कहा कि जंगली जानवरों को मारने से न केवल जनता को भोजन मिलेगा बल्कि दुर्लभ पानी और चरागाह वाले संसाधनों पर दबाव भी कम होगा।
नामीबिया की सरकार के अनुसार इस फैसले का उद्देश्य इंसानों और जानवरों के बीच बढ़ते संघर्ष की घटनाओं को कम करना भी है। दरअसल, सूखे की वजह से जानवर भोजन और पानी की तलाश में मानव बस्तियों के करीब आ रहे हैं। ऐसे में हाथियों को विशेष रूप से टार्गेट किया जा रहा है। नामीबिया दुनिया में सबसे बड़ी हाथियों की आबादी वाले देशों में से एक है।
नामीबिया के हालात कितने खराब है?
अफ्रीकी देश नामीबिया पहले भी सूखे और भूखमरी जैसी स्थिति से जूझता रहा है। हालांकि, इस बार बताया जा रहा है कि ये 100 सालों में सबसे भयंकर सूखा है। हालात को देखते हुए नामीबिया के राष्ट्रपति नांगोलो बुम्बा ने 22 मई को इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी। आशंका है कि अगले कुछ महीने नामीबिया के लिए और भारी पड़ने वाले हैं।
वैसे नामीबिया की सरकार के जानवरों को मार कर लोगों में मांस बांटने की योजना की आलोचना भी हो रही है। इसे राजनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। देश में इसी साल के आखिर में राष्ट्रपति चुनाव है। ऐसे में कई जानकार मान रहे हैं कि जानवरों के मांस बंटवाने के पीछे असल मकसद ग्रामीण इलाकों से वोट बटोरना है। कई जानकार ये भी मानते हैं कि जंगली जानवरों को मारने से कई तरह की बीमारी इंसानों में फैल सकती है। इसलिए जांगली जानवरों की बजाय घरेलू जानवरों और मवेशियों को मारना चाहिए।
वैसे, नामीबिया में हर साल की शुरुआत में खासकर फरवरी-मार्च में ठीक-ठाक बारिश हो जाती है। हालांकि, इस बार 20 प्रतिशत से भी कम बारिश हुई है। ऐसे में देश का 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सूखे की चपेट में है। सूखे की वजह से खेती और अनाज के उत्पादन में कमी आई है। देश में मौजूद डैम के पानी का स्तर भी 70 प्रतिशत से कम हो गया है। वहीं अनाज के उत्पादन में 50 प्रतिशत से ज्यादा की कमी है।